Congress Served Notice Dungarpur MLA : डूंगरपुर। बांसवाड़ा- डूंगरपुर सीट पर कांग्रेस और बीएपी के गठबंधन को लेकर शुरु हुई रार लोकसभा चुनाव के लिए मतदान खत्म हो जाने के बाद भी बरकरार है। अब यह मामला कांग्रेस की ओर से अपनी ही पार्टी के विधायक को नोटिस जारी करने से सुर्खियों में आया है। कांग्रेस ने डूंगरपुर कांग्रेस विधायक से पूछा है कि उन्होंने गठबंधन प्रत्याशी का प्रचार क्यों नहीं किया ? इसका जवाब विधायक को सात दिनों के अंदर देना होगा।
कांग्रेस ने अपने विधायक को दिया नोटिस
कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने डूंगरपुर से कांग्रेस पार्टी के विधायक गणेश घोघरा को नोटिस जारी किया है। कांग्रेस की ओर से लोकसभा चुनाव में पार्टी के निर्देशों की पालना नहीं करने पर यह नोटिस दिया गया है। जिसमें विधायक से 7 दिन में जवाब मांगा गया है और जवाब नहीं देने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।
गठबंधन को लेकर पहले भी हुआ ड्रामा
लोकसभा चुनाव में बांसवाड़ा- डूंगरपुर सीट पर कांग्रेस ने बीएपी के साथ गठबंधन किया था। हालांकि इससे पहले यहां पॉलिटिकल ड्रामा भी देखने को मिला। क्योंकि, पहले कांग्रेस की ओर से अरविंद डामोर को सिंबल देकर चुनाव मैदान में उतारा गया था। लेकिन, बाद में अचानक बीएपी से गठबंधन कर लिया और डामोर को नामांकन वापस लेने को कहा गया। मगर नामांकन की अंतिम समय सीमा तक डामोर ने नामांकन वापस नहीं लिया। इस पर कांग्रेस ने डामोर को पार्टी से निष्कासित कर दिया। लेकिन नियम अनुसार डामोर बतौर कांग्रेस प्रत्याशी चुनाव मैदान में डटे रहे।
चुनाव प्रचार में नहीं दिखे विधायक !
कांग्रेस के बीएपी से गठबंधन कर लिए जाने के बावजूद डूंगरपुर विधायक बीएपी प्रत्याशी की किसी सभा या रैली में नही पहुंचे। 24 अप्रैल को प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कुंआ में जनसभा की। उसमें भी विधायक गणेश घोघरा नहीं पहुंचे। इसे लेकर राजस्थान कांग्रेस प्रभारी रंधावा ने डूंगरपुर विधायक गणेश घोघरा को नोटिस जारी किया है।
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विधायक से पूछा- क्यों नहीं माने पार्टी निर्देश ?
डूंगरपुर विधायक गणेश घोघरा को कांग्रेस ने नोटिस जारी कर पूछा है कि उन्होंने पार्टी निर्देशों की पालना क्यों नहीं की। विधायक से सात दिनों में इस नोटिस जवाब पेश करने को कहा गया है। वहीं नोटिस का जवाब नहीं देने पर विधायक के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। जिससे जाहिर होता है कि यहां कांग्रेस बीएपी गठबंधन को लेकर शुरु हुई रार मतदान के खत्म हो जाने के बाद भी बरकरार है।
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