Lok Sabha Elections 2024: सपा (Samajwadi Party)ने लोकसभा चुनाव में पहली बार परिवार के बाहर के किसी यादव को टिकट नहीं दिया है। यानी जिन पांच यादवों को मैदान में उतारा है, वे सभी सैफई परिवार के ही सदस्य हैं। कभी यादव समुदाय की राजनीति के भरोसे प्रदेश की राजनीति के शीर्ष पर पहुंचे मुलायम सिंह यादव के विचार से यह काफी अलग है।
परिवार तक सीमित हुई अखिलेश की यादव राजनीति
Samajwadi Party हर लोकसभा चुनाव में तीन से चार सीटों पर परिवार के अलावा भी यादवों को उतारते रहे हैं। पर अखिलेश ने इस बार किसी बाहरी यादव को टिकट नहीं दिया । इससे करीब 19.40 फीसदी हिस्सेदारी वाले यादव वोटबैंक पर अखिलेश के इस प्रयोग की परीक्षा होगी।
अखिलेश ने किसी बाहरी यादव को नहीं दिया टिकट
उत्तरप्रदेश में Samajwadi Party कुल 62 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और कुल लगभग 59 उम्मीदवार घोषित कर चुकी है।इसके बावजूद किसी बाहरी यादव को टिकट नहीं दिया । परिवार से डिंपल यादव मैनपुरी सीट से, फिरोजाबाद से अक्षय यादव, आजमगढ़ से धर्मेंद्र यादव, बदायूं में आदित्य यादव और कन्नौज से अखिलेश यादव मैदान में हैं।
भाजपा की मुलायम परिवार को उनके क्षेत्रों में घेरे रखने की रणनीति
मुलायम के परिवार के नेता अपनी ही सीट पर फंसे हुए हैं। वे अपनी-अपनी सीट पर इस कदर उलझे हैं कि वे अन्य सीटों पर नहीं जा पा रहे हैं। भाजपा ने भी मुलायम परिवार के उम्मीदवारों को उनके क्षेत्र में ही घेरे रखने की रणनीति बनाई है। तो दूसरी तरफ यादव वोटबैंक को अपने पाले में लाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है। बहरहाल, सपा के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि भाजपा की हर चाल को जनता समझ चुकी है। सपा पीडीए के फॉर्मूले पर काम कर रही है। पांच यादवों को टिकट दिया है।
पिछड़ों में यादवों को लेकर सभी दलों ने निराश किया
पिछड़ों में यादवों की हिस्सेदारी करीब 20 प्रतिशत है। सभी दलों ने निराश किया है। सपा ने सैफई परिवार के पांच लोगों को टिकट दिया है। इन्हें यादव के तौर पर नहीं देखा जाता है। फिर भी प्रतिशत के हिसाब से देखें तो सपा ने 8.47 प्रतिशत टिकट दिया है, जबकि भाजपा ने सिर्फ एक यादव को उतारा है। बसपा ने अब तक 9.30 प्रतिशत टिकट यादवों को दिया। ऐसे में यादव समाज को सभी दलों ने निराश ही किया है।
2019 में केवल 11 यादवों को दिया था टिकट
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने वर्ष 2000 में अपना लोकसभा का सियासी सफर शुरू किया था। तो वहीं मुलायम सिंह 1999 में पहली बार सांसद बने थे। वह सात बार सांसद रहे। वर्ष 2014 में सपा ने 13 यादवों को टिकट दिया था, जिनमें मुलायम सहित पांच लोग जीते। इसी तरह 2019 में 11 यादवों को टिकट मिला था, जिसमें सपा ने केवल पांच सीटें जीती थीं।