Lok Sabha Election 2024 Rawat Politics श्योपुर। मध्य प्रदेश में कांग्रेस को दो दिन के भीतर दो बड़े झटके लगे हैं। इंदौर में कांग्रेस के प्रत्याशी के नाम वापसी और भाजपा में शामिल होने के बाद अब कांग्रेस के कद्दावर नेता श्योपुर जिले की विजयपुर विधानसभा क्षेत्र से 6 बार के विधायक रामनिवास रावत ने भी कांग्रेस का हाथ छोड़ दिया है और आज मंगलवार को भाजपा का कमल थाम लेंगे। रामनिवास रावत मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ग्रहण करेंगे।
जानिए कौन हैं राम निवास रावत
कांग्रेस को झटका देने वाले रामनिवास रावत इस समय खूब चर्चा में हैं। दरअसल रामनिवास रावत श्योपुर जिले की विजयपुर सीट से कांग्रेस के विधायक हैं। रामनिवास रावत अब तक छठी बार विधायक चुने गए हैं। और प्रदेश में पिछड़ी जातियों बड़े नेता माने जाते हैं। इसके साथ ही रामनिवास रावत मध्यप्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष भी रह चुके है। अपने क्षेत्र में राम निवास रावत की छवि अच्छे और तेज तर्रार नेता की है।
रामनिवास रावत ने क्यों की बगावत
बताते चलें कि रामनिवास रावत प्रदेश कांग्रेस के बड़े नेता हैं और श्योपुर जिले के विजयपुर से 6 बार के विधायक हैं। पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस से नाराज चल रहे हैं। चर्चा इसी बात की है कि रामनिवास रावत मुरैना संसदीय सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने पूर्व एमएलए सत्यपाल सिंह सिकरवार नीटू को टिकट दे दिया। इस बात से नाराज राम निवास रावत ने बगावत कर दी है और अब आज वे भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं।
राहुल गांधी भी मनाने की कर चुके हैं कोशिश
रामनिवास रावत का मध्यप्रदेश की राजनीति में बहुत बड़ा कद है। कांग्रेस भी जानती है कि उनका पार्टी छोड़ना कांग्रेस के लिए जोरदार झटका साबित होगा। 25 अप्रैल को प्रधानमंत्री मोदी जब मुरैना आए थे तभी रामनिवास रावत के भाजपा में शामिल होने की खबर फैल गई थी। रामनिवास रावत की नाराजगी को देखते हुए राहुल गांधी चिंतित हुए और आनन- फानन में उन्होंने रावत से फोन पर बात की औऱ उन्हें मनाने की भरपूर कोशिश की। उस समय राहुल के आश्वासन पर वे मान भी गए थे। रामनिवास रावत की इसी हप्ते राहुल गांधी के साथ वन टू वन बैठक होने वाली थी।
भाजपा में शामिल होने में क्यों हुई देरी ?
एमपी के सियासी गलियारे में चर्चा आम है कि रामनिवास रावत ने भाजपा नेताओं के सामने यह शर्त रखी थी कि अमित शाह से उनकी मीटिंग या बातचीत कराई जाए। कहा जा रहा है कि अमित शाह से समय पर उनकी बात नहीं हो सकी। यही कारण है कि रावत भाजपा में समय पर नहीं जा सके। अब केन्द्रीय नेतृत्व से बातचीत के बाद रावत भाजपा में शामिल हो रहे हैं।
डा0 मोहन यादव की कैबिनेट में मिल सकती है जगह
कहा जा रहा है कि कांग्रेस के कद्दावर नेता को तोड़ने से पहले भाजपा ने पूरी तैयारी की है । चर्चा है कि रामनिवास रावत को लोकसभा चुनाव के बाद मोहन यादव की कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है। रामनिवास रावत केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी माने जाते हैं हाल ही में उन्हें सिंधिया ने भी भरपूर सम्मान देने का भरोसा दिया है।