Fake Currency : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले के अतरसुइया इलाके के मदरसा जामिया हबीबिया मस्जिद-ए-आजम में एक गंभीर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। मदरसे में धार्मिक शिक्षा देने के साथ-साथ नकली नोट छापने का गैरकानूनी काम भी चल रहा था। पुलिस ने हाल ही में इस मदरसे पर छापेमारी की, जहां 100-100 रुपए के नकली नोट छापने की ‘सरकारी टकसाल’ खुली हुई थी। छापे के दौरान पुलिस ने लाखों रुपए के नकली नोट और छापने का पूरा सामान बरामद किया है।
नकली नोट छापने वाला मास्टरमाइंड गिरफ्तार
पुलिस ने मदरसे के प्रिंसिपल मौलवी मोहम्मद तफसीरूल और अन्य तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों में ओडिशा निवासी मौलवी जाहिर खान भी शामिल है। आरोपियों ने पूछताछ में खुलासा किया कि वे 15 हजार रुपए के बदले 45 हजार रुपए के नकली नोट बेचते थे।
ये भी पढ़ें: Badlapur Kids Sexual Assault: स्कूल के कूछ हिस्सों में चल रहे थे CCTV कैमरे, फूटेज में आते-जाते दिखा संदिग्ध!
100-100 रुपए के नकली नोटों की दो गड्डियां बरामद
पुलिस ने चार महीने पहले छोटी दुकानों पर नकली नोटों की बिक्री की जांच शुरू की थी। एक मुखबिर ने इस मामले का संबंध मदरसे से होने की जानकारी दी, जिसके बाद एसीपी सिविल लाइंस श्वेताभ पांडेय की अगुवाई में टीम ने छानबीन शुरू की। एसआई अभयचंद की टीम ने अफजल और शाहिद को पकड़ा, जिनके पास 100-100 रुपए के नकली नोटों की दो गड्डियां थीं। इन नोटों की जांच में यह साबित हुआ कि वे नकली थे।
पूछताछ में पता चला कि जाहिर खान नकली नोट छापने का काम करता था, जबकि मौलवी मोहम्मद तफसीरूल इस पूरे काम का मास्टरमाइंड था। तफसीरूल ने जाहिर खान को ओडिशा के भद्रक जिले के थाना बाशुदेवपुर इलाके से बुलाया था। तफसीरूल और जाहिर खान दोनों ही एक ही गांव के निवासी हैं, जबकि अफजल और शाहिद करेली के निवासी हैं। तफसीरूल ने जाहिर खान को मदरसे में किराए पर कमरा भी दिया था।
ये भी पढ़ें: Cyber Fraud: चीफ जस्टिस बनकर स्कैमर ने मांगे पैसे, कहा- जाम में फंसा हूं, कैब के लिए तुरंत 500 रुपये भेजो..
ओडिशा से मंगाई गईं थीं प्रिंटिंग मशीनें
आम तौर पर नकली नोट छापने वाले 500 रुपए के नोट छापते हैं, जो जल्दी पकड़े जाते हैं। इस वजह से यह गिरोह 100-100 रुपए के नोट छाप रहा था। इसके लिए ओडिशा से उच्च गुणवत्ता वाली प्रिंटिंग मशीनें मंगाई गईं थीं। नोट में असली जैसा सिक्योरिटी थ्रेड बनाने के लिए हरे रंग की सेलो टेप का इस्तेमाल किया गया था, जो बेहद महीन धागे जैसा दिखता था। पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की तलाश जारी है।