केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी, सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा
Arvind Kejariwal Bail Plea: आज सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। दोनों पक्षों की दलिले सुनने के बाद कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को कथित आबकारी नीति घोटाला मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिकाओं और नियमित जमानत की मांग पर सुनवाई कर रहा था। मामले की सुनवाई जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ द्वारा की गई।
सुनवाई के दौरान केजरीवाल का पक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने रखा। वहीं सीबीआई की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने उनकी पैरवी की। दोनों पक्षों को घंटों सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
कोर्ट ने CBI की आलोचना की
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को गिरफ्तारी के दौरान फिर से गिरफ्तार करने पर CBI की आलोचना की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब अरविंद केजरीवाल हिरासत में हैं, अगर आप उन्हें फिर से गिरफ्तार कर रहे हैं, तो आपको कोर्ट की अनुमति लेने की आवश्यकता है। कोर्ट ने कहा कि इस संबंध में ‘दंड प्रक्रिया संहिता’ में कुछ प्रावधान हैं।
बता दें कि इससे पहले 23 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को इस मामले में अपना जवाब दाखिल करने की अनुमति दी थी। साथ ही अरविंद केजरीवाल को जवाबी हलफनामा दाखिकल करने के लिए दो दिन का समय दिया था।
केजरीवाल ने दो अलग-अलग याचिकाएं दायर की हैं, जिनमें से एक जमानत से इनकार को चुनौती देने के लिए और दूसरी सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ है। केजरीवाल के वकील सिंघवी का कहना है कि इस मामले में सीबीआई को केजरीवाल के खिलाफ कोई सबूत नहीं है, सिर्फ बयान हैं।
CBI का यह कदम ‘Insurance Arrest’
केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सीबीआई द्वारा की गई अचानक से गिरफ्तारी पर कहा कि आप मनमानी तरीके से कार्रवाई नहीं कर सकते। बिना किसी आधार के गिरफ्तार करने के लिए अचानक नहीं आ सकते।
सिंघवी ने तर्क किया कि CBI ने AAP के प्रमुख को ED मामले में रिहाई के कगार पर होने के समय गिरफ्तार किया। उन्होंने कहा कि CBI का यह कदम एक “insurance arrest” था, जिसे उनके जेल में बने रहने के लिए डिज़ाइन किया गया था। इस केस में सीबीआई के पास कुछ नया नही है।
CBI के वकिल ASG ने क्या कहा…
इस मामले में CBI की तरफ से ASG राजू ने यह कहा कि याचिकाकर्ता ने जितना समय अपनी दलील रखने में लिया है। हमे भी उतना ही समय मिलना चाहिए। सीबीआई की तरफ से ASG राजू ने कोर्ट में कहा कि इस मामले में अरविंद केजरीवाल ने जमानत याचिका निचली अदालत में दाखिल नहीं की बल्कि सीधे हाई कोर्ट चले गएं। केजरीवाल की गिफ्तारी और जमानत के फैसले एक साथ सुनाए गए। हाईकोर्ट पर बहुत ज्यादा बोझ है। इस मामले की सुनवाई छुट्टी के दिन हुई, क्योंकि वह एक विशेषाधिकार प्राप्त व्यक्ति हैं।
CBI ने आगे कहा कि अरविंद केजरीवाल को सत्र न्यायालय जाना चाहिए था। यही बात दिल्ली हाईकोर्ट ने भी अपने आदेश में दोहराई है। वहीं हाईकोर्ट ने भी अरविंद केजरीवाल को निचली अदालत में जमानत अर्जी दाखिल डालने की छूट दी थी। लेकिन वह सुप्रीम कोर्ट चले आए।
कोर्ट ने मांगा था जवाब
वहीं 14 अगस्त को हुए सुनवाई में कोर्ट ने केजरीवाल की जमानत अर्जी पर सीबीआई को नोटिस जारी कर 23 अगस्त तक जवाब मांगा था। बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री पांच महीने से तिहाड़ जेल में बंद है। 21 मार्च को ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया था।
चल रहा है ED और CBI का केस
आबकारी नीति घोटाले में केजरीवाल पर ED और CBI का केस चल रहा है। केजरीवाल के ईडी मामले में पहले ही जमानत मिल चुकी है। वे सीबीआई मामले को लेकर जेल में बंद हैं। बता दें कि 26 जून को सीबीआई ने शराब नीति केस में घोटाले के आरोप में दिल्ली के मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया था।
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