प्रदर्शन और पुलिस की कार्रवाई
संजौली में स्थित मस्जिद के अंदर अवैध निर्माण को लेकर हिंदू संगठनों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को मस्जिद की ओर जाने से रोकने के लिए बैरिकेड्स लगाई थीं, लेकिन प्रदर्शनकारी उग्र हो गए और बैरिकेड्स को तोड़कर मस्जिद की ओर बढ़ने लगे। इस स्थिति को काबू में लाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया।
#WATCH | Shimla Protests | Himachal Pradesh: Protestors try to remove the barricading at the Dhalli Tunnel East portal during their protest rally against the alleged illegal construction of a Mosque in the Sanjauli area pic.twitter.com/7T15L6ahtf
— ANI (@ANI) September 11, 2024
न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार, इस घटना के बाद जिला पुलिस ने शिमला की सभी छह बटालियनों को संजौली में तैनात कर दिया है और मस्जिद के स्थल को पूरी तरह से सील कर दिया है। शिमला के डिप्टी कमिश्नर अनुपम कश्यप ने कहा कि संजौली में धारा 163 लागू की गई है और बिना अनुमति के धरना-प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
सरकार की कोशिश है कि शांति बनी रहे
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने इस मामले में प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हमारी कोशिश है कि शांति बनी रहे। पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद है और कानून अपना काम कर रहा है। अगर कोई कानून हाथ में लेता है, तो प्रशासन कार्रवाई करेगा। बीजेपी के कार्यकर्ता नारेबाजी कर रहे हैं, लेकिन स्थानीय लोगों ने उनका साथ नहीं दिया है।”
सुक्खू सरकार के मंत्री व कुसुंपटी के कांग्रेस विधायक अनिरूद्व सिंह ने भी विधानसभा में कहा कि यह पूरी मस्जिद ही अवैध है। यह हिमाचल सरकार की जमीन पर बनी है। उन्होंने विधानसभा में यह भी कहा कि बाहर से आ रहे लोग शिमला का माहौल खराब कर रहे हैं। उन्होंने लव जिहाद की बात भी कही और शिमला में रोहिंग्यों के होने का भी जिक्र किया।
इस विवाद पर हिमाचल प्रदेश सरकार के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी बयान दिया। उन्होंने कहा, “हर किसी को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का अधिकार है, लेकिन ऐसी स्थिति नहीं बनने दी जाएगी जिससे प्रदेश की शांति प्रभावित हो। पूरा मामला कोर्ट में है। अगर मस्जिद का निर्माण अवैध पाया गया, तो कार्रवाई होगी और कानून के तहत उसे ध्वस्त किया जाएगा।”
क्या है ये पूरा विवाद?
शिमला के संजौली इलाके में मस्जिद का मामला नगर निगम की कोर्ट में 2010 से चल रहा है। तब से अब तक भाजपा और कांग्रेस दोनों की सरकारें आ चुकी हैं, लेकिन किसी ने भी इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया। नगर निगम प्रशासन पर भी लापरवाही का आरोप है। बार-बार नोटिस जारी करने के बावजूद, मस्जिद में चार से पांच मंजिलें अवैध तरीके से बन गईं।
आरोप है कि अवैध निर्माण के बावजूद मस्जिद को बिजली और पानी के कनेक्शन क्यों नहीं काटे गए। मस्जिद के पूर्व प्रधान ने कोर्ट में बताया कि 2012 तक मस्जिद दो मंजिला थी, लेकिन इसके बाद अवैध निर्माण हुआ। मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने विधानसभा में यह भी कहा कि मस्जिद हिमाचल सरकार की जमीन पर बनी है, जबकि वक्फ बोर्ड ने कोर्ट में दावा किया है कि यह उनकी जमीन पर बनी है। इस विवाद की अगली सुनवाई 5 अक्टूबर को होगी।
इस मामले में तीन अलग-अलग सरकारें आईं, लेकिन किसी ने भी ठोस कार्रवाई नहीं की। मस्जिद का यह विवाद अब तक अनसुलझा बना हुआ है, और स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश है।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह निर्माण पूरी तरह से अवैध है और इसकी अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। मस्जिद का निर्माण 1947 में हुआ था और 2010 में इसका पुनर्निर्माण किया गया था। इसी दौरान कई अवैध निर्माण किए गए। शिमला नगर निगम ने कई बार मस्जिद के भीतर के अवैध निर्माण के खिलाफ नोटिस जारी किए, लेकिन निर्माण रुकने का नाम नहीं ले रहा है। इसके विरोध में स्थानीय लोगों ने 5 सितंबर को भी प्रदर्शन किया था।
अभी क्यों भड़की चिंगारी?
दरअसल, 15 दिन पहले संजौली में एक मारपीट की घटना भी सामने आई थी। खबरों के मुताबिक, शिमला का मल्याणा में एक दुकान चलाने वाले 37 वर्षीय विक्रम सिंह के साथ एक युवक और उसके दोस्तों ने मारपीट की । मारपीट करने वाले युवक मुस्लिम समुदाय से हैं। वे बाहरी राज्य के मूल निवासी हैं और शिमला में छोटा-मोटा कारोबार करते हैं। दोनों पक्षों के बीच थोड़ी कहासुनी हुई, जो मारपीट में बदल गई थी। आरोपियों ने विक्रम सिंह पर डंडे और रॉड से वार किया। जिससे वह बुरी तरह जख्मी हो गया था। विक्रम सिंह के सिर पर करीब 14 टांके लगे। ढली पुलिस ने इस केस में छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। आरोपियों में दो नाबालिग थे।
मारपीट के बाद मस्जिद में छिपे आरोपी
आरोप है कि वारदात करने के बाद ये आरोपी मस्जिद में आकर छिप गए। उसके बाद हिंदू संगठनों ने संजौली में प्रदर्शन किया और मस्जिद को अवैध बताते हुए गिराने की मांग की गई। बीते दो सितंबर को लोग संजौली की विवादित मस्जिद के सामने पहुंचे और मस्जिद के सामने वहां पर हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। हिंदू संगठनों के बैनर तले प्रदर्शनकारियों ने इस मस्जिद में अवैध निर्माण का मुददा उठाया और इसे गिराने की प्रशासन से मांग की। इसके बाद यह मामला सियासी तुल पकड़ने लगा।