4th Global RE-Invest: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को गांधीनगर में आयोजित ‘वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा निवेशक बैठक एवं प्रदर्शनी’ (री-इनवेस्ट 2024) के चौथे संस्करण में अपने तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों की उपलब्धियों की जानकारी दी। इसके साथ ही उन्होंने देश के विकास के लिए एक लंबे समय की योजना का भी ऐलान किया। मोदी ने बताया कि उनकी सरकार देश को अगले 1,000 वर्षों के लिए एक मजबूत विकास की नींव तैयार कर रही है।
100 दिनों में हासिल की गई प्रगति
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने पहले 100 दिनों में हर क्षेत्र और पहलू पर ध्यान दिया है ताकि देश की प्रगति को गति मिल सके। उन्होंने बताया कि भारत की विविधता, क्षमता और प्रदर्शन को देखते हुए, देश वैश्विक अनुप्रयोग के लिए भारतीय समाधानों को पेश करने की दिशा में अग्रसर है। मोदी ने इस दौरान कहा कि भारत को 21वीं सदी के लिए सबसे अच्छी जगह माना जा रहा है।
1,000 साल का विकास का आधार तैयार
मोदी ने जोर दिया कि भारत न केवल वर्तमान में शीर्ष पर पहुंचने का प्रयास कर रहा है, बल्कि लंबे समय तक इस स्थिति को बनाए रखने के लिए भी काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि हरित भविष्य और शून्य उत्सर्जन का लक्ष्य केवल एक दिखावटी बात नहीं है, बल्कि देश की आवश्यकता है और इसके लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।
#WATCH | Gandhinagar, Gujarat: At the inauguration of the 4th Global Renewable Energy Investor’s Meet and Expo (RE-INVEST), PM Modi says, “… Ayodhya is the birthplace of Lord Ram. And He was a ‘Suryavanshi’… A grand temple has been built but Ayodhya is also moving forward to… pic.twitter.com/okNRFuICHJ
— ANI (@ANI) September 16, 2024
ग्रीन एनर्जी पर बड़ा ऐलान
प्रधानमंत्री ने बताया कि उनकी सरकार ने 100 दिनों के भीतर ग्रीन और नवीकरणीय ऊर्जा से जुड़े कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। देश 31,000 मेगावाट हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट्स पर तेजी से काम कर रहा है और इसके लिए 12,000 करोड़ रुपए का बजट अप्रूव किया गया है। मोदी ने कहा कि देश में नवीकरणीय ऊर्जा की डिमांड बढ़ रही है और इसके लिए पॉलिसी तैयार की जा रही है, ताकि ग्रीन एनर्जी की सप्लाई पूरे देश में सुनिश्चित की जा सके।
ऊर्जा मंत्री ने भी किए अहम ऐलान
केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रहलाद जोशी ने भी इस मौके पर निवेशकों से भारत में निवेश करने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने हरित परियोजनाओं के लिए 32.45 लाख करोड़ रुपए का वित्तपोषण करने की प्रतिबद्धता जताई है।
ऊर्जा मंत्री ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने प्रधानमंत्री बनने के बाद स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा के लिए एक वैश्विक मिशन की शुरुआत की। उन्होंने इस दिशा में कई कदम उठाए हैं और वैश्विक स्तर पर भारत की भूमिका को मजबूत किया है। गुजरात में अक्षय ऊर्जा की स्थापित क्षमता अब 50,000 मेगावाट से अधिक हो गई है, और यह राज्य की कुल ऊर्जा क्षमता का 54 प्रतिशत योगदान देती है। सौर ऊर्जा की स्थापना में गुजरात देश में सबसे आगे है, जो राज्य की ऊर्जा के क्षेत्र में प्रगति को स्पष्ट करता है।
गुजरात CM ने गुजरात के अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में मिली सफलता को सराहा
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में गुजरात के अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में मिली प्रमुख सफलता की सराहना की। उन्होंने बताया कि पीएम मोदी की नीतियों के चलते गुजरात आज अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में देश के प्रमुख राज्यों में से एक बन गया है। मुख्यमंत्री पटेल ने गुजरात की अक्षय ऊर्जा नीति और हरित हाइड्रोजन नीति की भी तारीफ की, जो राज्य सरकार की हरित भविष्य के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
मुख्यमंत्री पटेल ने यह भी बताया कि गुजरात के ऊर्जा क्षेत्र में जारी प्रोजेक्ट्स और नीतियों के माध्यम से राज्य न केवल अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा कर रहा है, बल्कि एक हरित और टिकाऊ भविष्य की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है। इस तरह, गुजरात न केवल भारत के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है, बल्कि वैश्विक ऊर्जा उद्योग में भी अपनी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
कार्यक्रम की तारीखें और मुख्य बातें
गांधीनगर में शुरू हुए इस प्रोग्राम की समाप्ति 18 सितंबर को होगी। यह कार्यक्रम पहले दिल्ली में हुआ करता था, लेकिन इस बार यह पहली बार गुजरात में आयोजित हो रहा है। इस कार्यक्रम की मेज़बानी Ministry of New and Renewable Energy द्वारा की जा रही है। समापन के दिन देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी मौजूद रहेंगे। इस कार्यक्रम में सरकार, इंडस्ट्री और फाइनेंशियल सेक्टर से जुड़े 10,000 से ज्यादा लोगों के शामिल होने की उम्मीद है।
PM Narendra Modi greeted by Germany’s Economic Development Minister Svenja Schulze at the 4th Global Renewable Energy Investor’s Meet and Expo (RE-INVEST) in Gandhinagar, Gujarat.
(Source: German Federal Ministry for Economic Cooperation and Development) pic.twitter.com/VwMf1PZ1et
— ANI (@ANI) September 16, 2024
इस साल के RE-INVEST 2024 में प्रमुख अंतरराष्ट्रीय भागीदारों में ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क, जर्मनी और नॉर्वे शामिल हैं। इन देशों के प्रतिनिधि सम्मेलन में शामिल होंगे और ऊर्जा क्षेत्र में अपने अनुभव और विशेषज्ञता को साझा करेंगे। इसके अलावा, भारत के कई प्रमुख राज्य जैसे आंध्र प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश भी इस कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी करेंगे।
इस आयोजन में अमेरिका, यूके, बेल्जियम, यूरोपीय संघ, ओमान, यूएई, सिंगापुर और हांगकांग के उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी शामिल होंगे। इनमें से कुछ प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व जर्मनी और डेनमार्क के मंत्री करेंगे। ये प्रतिनिधि भारत के अक्षय ऊर्जा लक्ष्यों और वैश्विक ऊर्जा परिवर्तनों पर चर्चा करेंगे और सहयोग बढ़ाने की दिशा में काम करेंगे।