One Nation-One Election: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ को लेकर केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी की सराहना की है। उन्होंन कहा कि यह कदम देश की लोकतंत्र को और भी जीवंत और सहभागी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
‘हमारे लोकतंत्र को और भी जीवंत बनाए’
पीएम मोदी ने X पोस्ट शेयर करते हुए पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की भी प्रशंसा करते हुए कहा, “मंत्रिमंडल ने समकालिक चुनावों पर उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है। मैं हमारे पूर्व राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद जी की प्रशंसा करता हूं, जिन्होंने इस प्रयास का नेतृत्व किया और विभिन्न हितधारकों से परामर्श किया। यह हमारे लोकतंत्र को और भी जीवंत और सहभागी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”
The Cabinet has accepted the recommendations of the High-Level Committee on Simultaneous Elections. I compliment our former President, Shri Ram Nath Kovind Ji for spearheading this effort and consulting a wide range of stakeholders.
This is an important step towards making our…
— Narendra Modi (@narendramodi) September 18, 2024
विपक्ष का क्या रहा रूख?
हालांकि, विपक्ष ने मोदी सरकार के ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ प्रस्ताव पर हमला किया है। विपक्ष ने इसे सस्ती राजनीति करार दिया। कांग्रेस ने इसे अव्यावहारिक बताते हुए कहा कि इसे भारत जैसे देश में लागू करना असंभव होगा।
मल्लिकार्जुन खड़गे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने फिर से अपने रुख को स्पष्ट करते हुए कहा कि समकालिक चुनाव अव्यावहारिक हैं। उन्होंने कहा कि चुनावों को तब बुलाना चाहिए जब आवश्यक हो ताकि लोकतंत्र बना रहे।
उन्होंने आगे कहा कि यह व्यावहारिक नहीं है। यह काम नहीं करेगा। खड़गे ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि जब चुनाव आते हैं, तो बीजेपी असली मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए नए -नए मुद्दे लेकर आती है। लोकतंत्र में चुनावों को तभी होना चाहिए जब आवश्यक हो।
KC वेणुगोपाल
कांग्रेस नेता KC वेणुगोपाल ने कहा कि INDIA गठबंधन समकालिक चुनावों के खिलाफ है। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर लोगों का ध्यान असली मुद्दों से भटकाने का आरोप लगाया।वेणुगोपाल ने कहा, “एक राष्ट्र, एक चुनाव इस देश में बिल्कुल भी व्यावहारिक नहीं है। उन्हें (भाजपा) भी इसके बारे में पता है। वे वर्तमान मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहते हैं। INDIA गठबंधन इसके पक्ष में नहीं है।”
असदुद्दीन ओवैसी
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने X पर दावा किया कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ संघवाद और लोकतंत्र को नष्ट करेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह को कई चुनावों से समस्या है क्योंकि उन्हें नगर निगम और स्थानीय निकाय चुनावों में भी प्रचार करने की मजबूरी है।
ओवैसी ने कहा, “मैंने हमेशा ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का विरोध किया है, क्योंकि यह एक समस्या की खोज में समाधान है। यह संघवाद को नष्ट करता है और लोकतंत्र से समझौता करता है, जो संविधान की मूल संरचना का हिस्सा हैं। कई चुनाव किसी के लिए समस्या नहीं हैं, सिवाय मोदी और शाह के। सिर्फ इसलिए कि उन्हें नगर निगम और स्थानीय निकाय चुनावों में प्रचार करने की मजबूरी है। इसका मतलब यह नहीं है कि हमें समकालिक चुनावों की आवश्यकता है। बार-बार और नियमित चुनाव लोकतांत्रिक जवाबदेही को बेहतर बनाते हैं।”
I have consistently opposed #OneNationOneElections because it is a solution in search of a problem. It destroys federalism and compromises democracy, which are part of the basic structure of the constitution.
Multiple elections aren’t a problem for anyone except Modi & Shah.…
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) September 18, 2024
डेरेक ओ’ब्रायन
त्रिणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने कहा कि समकालिक चुनावों का निर्णय सिर्फ भाजपा का एक और सस्ता स्टंट है। केंद्र सरकार पर हमला करते हुए ओ’ब्रायन ने कहा कि केंद्र तीन राज्यों में एक साथ चुनाव आयोजित नहीं कर सकता, लेकिन ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की बात करता है।
त्रिणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने कहा , “वन नेशन-वन इलेक्शन’ सिर्फ BJP का एक और सस्ता स्टंट है, जो लोकतंत्र विरोधी है। महाराष्ट्र के चुनावों की घोषणा हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के चुनावों के साथ क्यों नहीं की गई? इसका कारण यह है कि महाराष्ट्र सरकार ने इस जून के बजट में लड़की बहन योजना की घोषणा की।” उन्होंने कहा, ‘और यह भी बताएं कि कितने संविधान संशोधन किए जाएंगे।जिनमें राज्य विधानसभा के कार्यकाल को कम करना या बढ़ाना शामिल है! यह मोदी-शाह का जुमला है।”
समर्थन में नेताओं ने कहा क्या..
इस बीच, भारतीय जनता पार्टी ने मंत्रिमंडल के निर्णय की सराहना की और कहा कि समकालिक चुनाव देश के विकास और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक हैं। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, “पीएम नरेंद्र मोदी हमेशा एक राष्ट्र, एक चुनाव के पक्ष में रहे हैं। सभी पूर्व मुख्य न्यायाधीशों, राजनीतिक नेताओं, राजनीतिक दलों और वाणिज्य मंडल के साथ चर्चा की गई और आज अंततः मंत्रिमंडल ने सिफारिशों को मंजूरी दी।”
गिरिराज सिंह
गिरिराज सिंह ने आगे कहा, “एक राष्ट्र, एक चुनाव देश के विकास के लिए और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक है… मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी को यह बताना चाहिए कि क्या एक राष्ट्र, एक चुनाव 1966 से पहले लागू था।” केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी सरकार के निर्णय का स्वागत किया और कहा कि यह देश के लोकतंत्र को मजबूत करेगा।
अश्विनी वैष्णव
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, ” कई दल वास्तव में ‘वन नेशन-बन इलेक्शन’ की पहल का समर्थन कर रहे हैं। जब वे उच्च स्तरीय बैठकों में भाग लेते हैं, तो वे बहुत स्पष्टता और संक्षिप्तता के साथ अपने विचार रखते हैं। हमारी सरकार लोकतंत्र और राष्ट्र को दीर्घकालिक रूप से प्रभावित करने वाले मुद्दों पर सहमति बनाने में विश्वास करती है। यह एक ऐसा विषय है जो हमारे राष्ट्र को मजबूत करेगा,” ।
वहीं खड़गे के ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ को “अव्यावहारिक” बताने के बयान को खारिज करते हुए वैष्णव ने कहा, “वन नेशन-वन इलेक्शन’ के बारे में आंतरिक दबाव महसूस होने लगेगा, क्योंकि सलाहकार प्रक्रिया के दौरान 80 प्रतिशत से अधिक उत्तरदाताओं ने इसका समर्थन किया है। खासकर युवाओं ने, जो इस पहल के पक्ष में हैं।”
चिराग पासवान
लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने भी चुनावी सुधार की दिशा में सरकार के कदम की सराहना की और कहा कि देश भर में समकालिक चुनाव आयोजित करने से चुनाव खर्च कम होगा और अर्धसैनिक बलों, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका को सरल बनाया जाएगा।
#OneNationOneElection के प्रस्ताव को मंजूरी देकर केंद्रीय कैबिनेट ने आज देशहित में एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम उठाया है। 'एक देश, एक चुनाव' देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को और सशक्त बनाएगा, चुनावी खर्च कम करेगा और विकास कार्यों में तेजी लाएगा। साथ ही, चुनावों में पारदर्शिता बढ़ेगी और… pic.twitter.com/srzCR23VNu
— युवा बिहारी चिराग पासवान (@iChiragPaswan) September 18, 2024
पासवान ने X पर लिखा, “प्रस्ताव को मंजूरी देकर केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज राष्ट्रीय हित में एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक कदम उठाया है। ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करेगा, चुनाव खर्च को कम करेगा और विकास गतिविधियों को तेज करेगा। इसके अतिरिक्त, यह चुनावों में पारदर्शिता बढ़ाएगा और सरकारी खजाने पर आर्थिक बोझ को कम करेगा। सुरक्षा के दृष्टिकोण से, यह चुनावों में अर्धसैनिक बलों, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका को सरल बनाएगा।”
चिराग ने आगे लिखा, “मेरे नेता और पिता स्वर्गिय राम विलास पासवान ने भी ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ प्रस्ताव का समर्थन किया था मेरी पार्टी, लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) भी इस प्रस्ताव का समर्थन करती है।”
संजय झा
जनता दल (यूनाइटेड) के नेता संजय झा ने इस कदम का समर्थन करते हुए कहा, “जेडीयू एनडीए के एक राष्ट्र-एक चुनाव योजना का पूरा समर्थन करता है। इससे देश न केवल बार-बार चुनावों से मुक्त होगा, बल्कि केंद्र स्थिर नीतियों और प्रमाण आधारित सुधारों पर ध्यान केंद्रित कर सकेगा।”
श्रीकांत शिंदे
शिवसेना ने भी इस कदम का समर्थन किया और कहा कि यह उपाय चुनावी प्रक्रिया को समन्वयित करके राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देगा। पार्टी के सांसद श्रीकांत शिंदे ने कहा, “इस पहल से चुनाव से जुड़े भारी खर्चों में कमी आएगी और जब विभिन्न चुनाव एक साथ होते हैं, तब जो नीतिगत पंगुता उत्पन्न होती है, उससे बचा जा सकेगा। समकालिक चुनावों के आयोजन से देश अपने दीर्घकालिक आर्थिक और सामाजिक विकास के लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित कर सकता है, यह सुनिश्चित करते हुए कि चुनावी कार्यकाल के दौरान प्रशासन प्रभावी बना रहे।”
मायावती
बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने भी सरकार के कदम का समर्थन करते हुए कहा, “हमारी पार्टी की स्थिति केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा आज अनुमोदित प्रस्ताव पर सकारात्मक है, जिसमें लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और स्थानीय निकायों के लिए ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ प्रणाली के तहत समकालिक चुनाव कराने का प्रावधान है, लेकिन यह आवश्यक है कि इसका उद्देश्य राष्ट्र और जनहित की सेवा करे।”
’एक देश, एक चुनाव’ की व्यवस्था के तहत् देश में लोकसभा, विधानसभा व स्थानीय निकाय का चुनाव एक साथ कराने वाले प्रस्ताव को केन्द्रीय कैबिनेट द्वारा आज दी गयी मंजूरी पर हमारी पार्टी का स्टैण्ड सकारात्मक है, लेकिन इसका उद्देश्य देश व जनहित में होना ज़रूरी।
— Mayawati (@Mayawati) September 18, 2024
बता दें कि मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ मोदी सरकार 3.0 के कार्यकाल में अगले पांच वर्षों के भीतर लागू किया जाएगा। सरकार इस सरकार के कार्यकाल के दौरान एक राष्ट्र, एक चुनाव लागू करने की योजना बना रही है।
गौरतबल हो कि पिछले महीने स्वतंत्रता दिवस भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि बार-बार चुनाव देश के विकास को धीमा कर रहे हैं। “राष्ट्र को ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के लिए आगे आना होगा। पीएम मोदी ने लाल किले से अपने भाषण में इस पहल का समर्थन करने के लिए राजनीतिक दलों को प्रोत्साहित किया था।