मोदी सरकार के केंद्रीय मंत्री और शिवसेना नेता प्रतापराव जाधव अपने हालिया बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि उनके परिवार ने तीन पीढ़ियों से कृषि बिजली का बिल नहीं भरा है। यह बयान उस समय दिया गया जब जाधव मुख्यमंत्री बलिराजा मुफ्त बिजली योजना 2024 के संदर्भ में बोल रहे थे।
तीन पीढ़ियों से बिजली का बिल नहीं
प्रतापराव जाधव ने कहा, “मैं एक किसान हूं और पिछले तीन पीढ़ियों से मेरे दादा, पिता और मैंने कभी भी कृषि बिजली के बिल का भुगतान नहीं किया। मेरे दादाजी के पानी के पंप आज भी वहीं हैं, लेकिन बिल नहीं भरा गया।” यह बयान उन किसानों के लिए एक तरह की खुली चुनौती है, जो बिजली बिलों का भुगतान कर रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि अगर उनके पैनल जल जाएं तो वह संबंधित इंजीनियर को 1-2 हजार रुपये देकर नया पैनल लगवा लेते हैं।
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यह बयान तब आया है जब राज्य सरकार ने किसानों के लिए मुफ्त बिजली योजना की शुरुआत की है। मुख्यमंत्री बलिराजा मुफ्त बिजली योजना 2024 उन किसानों को मुफ्त बिजली प्रदान करती है जो 7.5 हॉर्स पावर तक के कृषि पंपों का उपयोग करते हैं। इस योजना का उद्देश्य किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करना और उन्हें बिजली बिलों के बोझ से मुक्त करना है।
कौन हैं प्रतापराव जाधव ?
प्रतापराव जाधव का राजनीतिक करियर 1986 में शिवसेना पार्टी में शामिल होने से शुरू हुआ। वह 2009 से लगातार चार बार बुलढाणा निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के लिए चुने जा चुके हैं। इसके अलावा, वह 1995 से 2009 तक तीन बार मेहकर से विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं। 1997 से 1999 तक उन्होंने महाराष्ट्र की शिवसेना-BJP सरकार में खेल, युवा कल्याण और सिंचाई राज्य मंत्री के पद पर भी कार्य किया है।
‘मुख्यमंत्री बलिराजा मुफ्त बिजली योजना 2024’
राज्य के किसानों के लिए एक नई राहत योजना लाई गई है—‘मुख्यमंत्री बलिराजा मुफ्त बिजली योजना 2024’। इस योजना के तहत, किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली का लाभ मिलेगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है।
इस योजना का लाभ उन किसानों को मिलेगा, जो 7.5 हॉर्स पावर तक की क्षमता वाले कृषि पंपों का इस्तेमाल करते हैं। यह योजना खासकर छोटे और मध्यम किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।
किसान इस योजना का लाभ साल 2029 तक उठा सकते हैं। इसके लिए राज्य सरकार ने 6,985 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है, जिससे योजना को सही तरीके से लागू किया जा सके। हालांकि, इस योजना का लाभ उठाने के लिए यह जरूरी है कि किसान महाराष्ट्र का मूल निवासी हो। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि योजना का लाभ उन किसानों को ही मिले, जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है।