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जगन मोहन रेड्डी ने आंध्र प्रदेश के मंदिरों में पूजा का किया आह्वान, कहा-‘चंद्रबाबू नायडू के ‘पाप’ की शुद्धि करेंगे

वाईएसआरसीपी के अध्यक्ष वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने आंध्र प्रदेश के लोगों से आने वाले शनिवार को प्रदेश के मंदिरों में विशेष पूजाओं में भाग लेने का आह्वान किया है। उन्होंने प्रदेश की जनता से अपील करते हुए कहा कि तिरुपति मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी का आरोप लगाकर मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडब ने पाप किया है। इस पाप के प्रायश्चित के लिए वाईएसआरसीपी द्वारा प्रदेश के मंदिरों में  28 सितंबर को क्षमा अनुष्ठान कराया जा रहा है।

रेड्डी ने सोशल मीडिया पर क्या लिखा

रेड्डी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर लोगों से अपील की कि वे नायडू द्वारा फैलाई गई झूठी दावों के खिलाफ खड़े हों। अपनी पोस्ट में रेड्डी ने लिखा कि तिरुमला की पवित्रता, स्वामी के प्रसाद का महत्व, भगवान वेंकटेश्वर की महिमा, टीटीडी की प्रसिद्धि और वेंकटेश्वर स्वामी के प्रसाद लड्डू की पवित्रता को राजनीतिक दुर्भावना का शिकार बनाया गया है। चंद्रबाबू नायडू ने जानबूझकर झूठ बोला और यह दावा किया कि तिरुपति मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी मिलाई गई है। भक्तों को यह विश्वास दिलाया गया कि उन्होंने उस मिलावट वाले प्रसाद का सेवन किया है। चंद्रबाबू नायडू द्वारा किए गए इस पाप की शुद्धि के लिए, वाईएसआरसीपी राज्यभर में मंदिरों में 28 सितंबर, शनिवार को पूजा में भाग लेने का आह्वान कर रही है।

कैसे शुरू हुआ विवाद

बता दें कि यह एक विवाद तब शुरू हुआ जब आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने दावा किया कि तिरुमला वेंकटेश्वर मंदिर में अर्पित किए जाने वाले पवित्र लड्डू प्रसाद में जानवरों की चर्बी मिलाई गई थी। बाद में लैब रिपोर्टों ने भी इन दावों की पुष्टि की गई। जिसमें पता चला कि जगन मोहन रेड्डी के प्रशासन के दौरान पवित्र मिठाइयों को बनाने के लिए उपयोग किया गया घी घटिया गुणवत्ता का था और इसमें बीफ का तेल और लार्ड दोनों

थे।

नायडू ने भक्तों को गहराई से भटकाया

हालांकि, वाईएसआरसीपी ने तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) को घटिया घी की आपूर्ति के आरोपों का खंडन किया है। उन्होंन स्पष्ट किया कि पवित्र मंदिर ट्रस्ट में कोई भी निम्न गुणवत्ता का घी अनुमति नहीं दी गई। वहीं, वाईएसआरसीपी के प्रमुख के अनुसार, इस बयान ने भक्तों को गहराई से भटकाया और भगवान वेंकटेश्वर की प्रतिष्ठित छवि और मंदिर की परंपराओं को नुकसान पहुंचाया है।

पीएम मोदी को लिखा पत्र

इस संबंध में जगन मोहन रेड्डी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भी लिखा है। पत्र में रेड्डी ने पीएम मोदी से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। पत्र में रेड्डी ने बताया कि टीटीडी, तिरुमला मंदिर का शासकीय निकाय, सभी प्रोटोकॉल का ठीक से पालन करता है।

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