बिहार में जिउतिया स्नान के दौरान हादसे, 14 जिलों में 39 लोगों की हुई मौत

बिहार के 14 जिलों में जिउतिया नहान के दौरान बड़े हादसे की खबर आई है। इस मौके पर पानी में डूबने से 39 लोगों की मौत हो गई, जिनमें सबसे ज्यादा संख्या बच्चों की है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस दुखद घटना पर शोक व्यक्त करते हुए मृतकों के परिवारों को चार-चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।

हादसों का सिलसिला

बुधवार को जिउतिया पर्व के अवसर पर महिलाओं ने अपने बच्चों की दीर्घायु के लिए व्रत रखा और पूजा अर्चना की। इस दौरान कई जिलों में डूबने की घटनाएं घटित हुईं। सबसे अधिक मौतें औरंगाबाद जिले में हुईं, जहां 10 लोगों की जान गई। छपरा में 5, रोहतास में 4, और कैमूर, सीवान तथा मोतिहारी में 3-3 लोगों की डूबने से मौत हुई है। इसके अलावा बेतिया और बेगुसराय में 2-2 लोग डूबे और अन्य जिलों में भी एक-एक मौत की सूचना है।

 

औरंगाबाद के दर्दनाक हादसे

औरंगाबाद जिले में दो अलग-अलग घटनाएं घटीं। पहली घटना बारूण थाना क्षेत्र में हुई, जहां महिलाएं तालाब में स्नान कर रही थीं। पूजा करने के लिए महिलाएं पास के मंदिर चली गईं, लेकिन चार लड़कियां तालाब में नहाती रहीं। अचानक, एक लड़की गहरे पानी में डूबने लगी, और उसकी बहन उसे बचाने गई। इस तरह, एक-एक करके तीन अन्य लड़कियां भी गहरे पानी में चली गईं। लोगों ने उन लड़कियों को बचाने की कोशिश की, लेकिन दुर्भाग्यवश चार लड़कियों की जान चली गई।

दूसरी घटना में भी बुरा हाल

दूसरी घटना कुशहा में हुई, जहां 18 बच्चे स्नान कर रहे थे। जब बच्चे पानी में डूबने लगे, तो आसपास मौजूद लोग दौड़कर आए। बामुश्किल 14 बच्चों को बचा लिया गया, लेकिन चार बच्चों की मौत हो गई। इस तरह की घटनाएं पूरे राज्य में हुईं, जिससे परिवारों में कोहराम मचा हुआ है। मृतकों के माता-पिता और रिश्तेदार बेबस होकर रो रहे हैं।

राज्य में मचा कोहराम

जिउतिया पर्व की खुशियों के बीच इन घटनाओं ने सभी को गहरे दुख में डाल दिया है। पूरे बिहार में मातम छा गया है। कई परिवारों में खुशी के बजाय दुख का माहौल है, जिससे समाज में भी चिंता और शोक का वातावरण है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी हादसों पर गहरा दुःख प्रकट किया है और प्रभावित परिवारों के साथ खड़े रहने का आश्वासन दिया है।

आगे की कार्रवाई

राज्य सरकार ने हादसों की जांच का आश्वासन दिया है। इसके अलावा, जलस्त्रोतों के आसपास सुरक्षा के उपायों को बढ़ाने की योजना बनाई जा रही है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। इस दुखद घटना ने सभी को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि हमें बच्चों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।