लेबनान में इजरायल के हमले में हिज्बुल्लाह का ड्रोन कमांडर मोहम्मद हुसैर सुरूर मारा गया है। इजरायल और हिज्बुल्लाह के बीच संघर्ष लगातार जारी है। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने पूरी ताकत से हिज़बुल्लाह के खिलाफ सैन्य हमले जारी रखने की कसम खाई है। इजरायल का कहना है कि जब तक हिज्बुल्लाह अपनी रॉकेट फायरिंग नहीं रोकता, तब तक उस पर और उसके ठिकानों पर इसी तरह हमले होते रहेंगे।
अंदर घुसकर मारने की तैयारी में इजरायल!
इजरायल हिज्बुल्लाह के खिलाफ बड़े हमले की तैयारी भी कर रहा है। जानकारी के मुताबिक वह हिज्बुल्लाह के इलाके में प्रवेश करके उसे खत्म करने की प्लानिंग कर रहा है। वहीं इजरायल की इस स्थिति ने अमेरिका और यूरोपीय अधिकारियों द्वारा रखे गए युद्धविराम प्रस्ताव की उम्मीदों को भी कम कर दिया, जो अस्थायी रूप से लड़ाई रोकने और पूर्ण युद्ध को टालने के प्रयास में लगे हुए थे।
हिजबुल्लाह ड्रोनक कमांडर मोहम्मद हुसैन सुरूर की मौत
गुरुवार को इजरायल ने बेरूत में एक हमला किया, जिसमें हिजबुल्लाह के वरिष्ठ कमांडर मोहम्मद हुसैन सुरूर मारा गया। इजरायल ने मोहम्मद हुसैन सुरूर की मौत की पुष्टी करते हुए बताया कि वह सुरूर बेरूत के दहियाह में एक बहुमंजिला इमारत में छिपकर बैठा हुआ था। जहां हमला कर उसे मार गिराया गया है। इजरायली डिफेंस फोर्स(IDF) ने आरोप लगाते हुए बताया कि सरूर हिज्बुल्लाह का बहुत पुराना सदस्य था। इसने यूएवी और विस्फोटक उपकरणों की मदद से इजरायल पर कई आतंकवादी हमलों को अंजाम दिया था। इजरायली पीएम कार्यलय ने बताया कि जब प्रधानमंत्री नेतन्याहू के संयुक्त राष्ट्र महासभा जाने के लिए न्यूयॉर्क की उड़ान भर रहे थे, उसी दौरान इस अभियान को मंजूरी दी गई थी।
‘हम पूरी ताकत से हिज़बुल्लाह पर हमला जारी रखेंगे’
वहीं, संयुक्त राष्ट्र महासभा के लिए न्यूयॉर्क में प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने हिजबुल्लाह को निशाना बनाने की इजरायल की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा, “हम पूरी ताकत से हिज़बुल्लाह पर हमला जारी रख रहे हैं। हम तब तक नहीं रुकेंगे, जब तक हम अपने सभी लक्ष्यों को प्राप्त नहीं कर लेते। जिनमें सबसे महत्वपूर्ण है उत्तरी निवासियों की सुरक्षित घर वापसी।”
युद्धविराम पर बातचीत करने के प्रयास जारी
इज़रायल के सख्त रुख के बावजूद अमेरिका और फ्रांस 21-दिवसीय युद्धविराम पर बातचीत करने के प्रयास जारी रखे हुए हैं। अमेरिकी मध्य पूर्व के दूत ब्रेट मैकगर्क और अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन सहित शीर्ष राजनयिक इजरायली अधिकारियों के साथ प्रस्तावित युद्धविराम पर चर्चा में जुटे हुए हैं।
व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि इजरायल को युद्धविराम प्रस्ताव के बारे में पूरी तरह से जानकारी दी गई थी, जबकि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने उम्मीद जताई कि तेल अवीव का इनकार अंतिम नहीं है। मैक्रों ने कहा, “प्रधानमंत्री के लिए इसे अस्वीकार करना एक गलती होगी, क्योंकि वह क्षेत्रीय तनाव बढ़ने की जिम्मेदारी होंगे।
लेबनान ने तत्काल युद्धविराम की अपील की
संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में लेबनान के विदेश मंत्री अब्दल्ला बौ हबीब ने यूएन से तत्काल युद्धविराम की अपील करते हुए चेतावनी दी कि यह स्थिति लेबनान के अस्तित्व के लिए खतरा है। वहीं इजरायली हमलों के जवाब में हिज़बुल्लाह ने उत्तरी इजरायल पर दर्जनों रॉकेट दागे। जिनमें से गुरुवार को 45 से अधिक मिसाइलें दागी गईं। इन सभी को या तो इंटरसेप्ट कर लिया गया या वे निर्जन क्षेत्रों में गिरीं।
‘कूटनीतिक समाधान के प्रति आशावादी बने रहे’
लंदन में अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने क्षेत्र में पूर्ण युद्ध के खतरे पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि कूटनीतिक समाधान के प्रति आशावादी बने रहे। ऑस्टिन ने कहा, “इजरायल और लेबनान एक अलग रास्ता चुन सकते हैं, एक कूटनीतिक समाधान अभी भी संभव है।”
अब तक लेबनान में लगभग 700 लोग मारे गए
इजरायल और हिज़बुल्लाह के बीच सीमा पार की शत्रुता के कारण मानवीय संकट भी गंभीर हो गया है। अकेले इस सप्ताह में इजरायली हमलों में लेबनान में लगभग 700 लोग मारे गए हैं। इजरायली सेना हिजबुल्लाह के सैन्य बुनियादी ढांचे को निशाना बनाते हुए व्यापक हवाई हमले कर रही है, जिनमें हथियार भंडारण सुविधाएं और मिसाइल लॉन्च साइटें शामिल हैं। हिजबुल्लाह ने इजरायली कार्रवाइयों के जवाब में अपनी लड़ाई जारी रखने की कसम खाई है।
2,00,000 से अधिक विस्थापित
इस हिंसा के कारण सीमा के दोनों ओर से हजारों लोग विस्थापित हो गए हैं। हालिया तनाव के बाद से लेबनान में 90,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं, जिससे संघर्ष शुरू होने के बाद कुल विस्थापितों की संख्या 2,00,000 से अधिक हो गई है।
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