श्रोता ही हैं ‘मन की बात’ के असली सूत्रधार: पीएम मोदी
श्रोताओं का योगदान और उनकी महत्वपूर्ण भूमिका
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में श्रोताओं के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि देश के हर कोने से श्रोताओं ने जानकारियां और सुझाव दिए हैं, जो इस कार्यक्रम की पहचान बन चुके हैं। उनका मानना है कि ये श्रोता ही इस यात्रा के साथी हैं, जिनकी मदद से ‘मन की बात’ ने विभिन्न विषयों पर चर्चा की है। मोदी ने बताया कि जब वे उन चिट्ठियों को पढ़ते हैं, जो उन्हें श्रोताओं से मिलती हैं, तो उनका मन गर्व से भर जाता है। इन चिट्ठियों में देशवासियों की प्रतिभा और समाज सेवा की भावना स्पष्ट झलकती है। उन्होंने कहा, “यह अनुभव मेरे लिए ऐसे है जैसे मैं ईश्वर के दर्शन कर रहा हूँ।”
यात्रा के यादगार पल
मोदी ने कहा कि इस कार्यक्रम के दौरान कई ऐसे पल आए हैं, जिन्हें वे कभी नहीं भूल सकते। उन्होंने विभिन्न विषयों पर बात की, जैसे कि युवाओं का योगदान, महिला सशक्तिकरण, और सामाजिक मुद्दे। हर एपिसोड ने न केवल जानकारी प्रदान की, बल्कि लोगों के मन में जागरूकता और बदलाव लाने का काम भी किया। उन्होंने उल्लेख किया कि यह कार्यक्रम न केवल सुनने के लिए है, बल्कि श्रोताओं को जोड़ने का माध्यम भी है।
स्वच्छ भारत मिशन का 10 साल
अगले दिन, 2 अक्टूबर को, ‘स्वच्छ भारत मिशन’ के 10 साल पूरे होने का अवसर भी है। पीएम मोदी ने इसे महात्मा गांधी की सच्ची श्रद्धांजलि बताया, जो अपने जीवन में स्वच्छता के लिए समर्पित रहे। उन्होंने कहा कि यह जन आंदोलन केवल एक दिन या एक साल का नहीं है, बल्कि यह एक निरंतर प्रयास है जो समाज के हर सदस्य के लिए जरूरी है। मोदी ने श्रोताओं को प्रेरित करते हुए कहा कि हमें स्वच्छता को अपनी आदत में शामिल करना चाहिए, ताकि यह हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन जाए।
अमेरिका से लौटी प्राचीन कलाकृतियां
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी अमेरिका यात्रा का भी जिक्र किया, जहां अमेरिकी सरकार ने भारत को लगभग 300 प्राचीन कलाकृतियां वापस लौटाईं। इनमें से कई कलाकृतियां 4000 साल पुरानी हैं। मोदी ने कहा कि यह हमारे सांस्कृतिक धरोहर की अमूल्य पहचान है। उन्होंने राष्ट्रपति बाइडेन का धन्यवाद किया, जिन्होंने इस प्रक्रिया में सहयोग दिया। मोदी ने कहा, “हमें अपनी विरासत पर गर्व होना चाहिए और इसे आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित करना चाहिए।”
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में यह स्पष्ट किया कि ‘मन की बात’ केवल एक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह एक संवाद है जो समाज को जोड़ता है। उन्होंने कहा कि वे हर एपिसोड में लोगों की आवाज सुनते हैं और इस संवाद को जारी रखना चाहते हैं। उनका मानना है कि जब लोग खुलकर अपनी राय व्यक्त करते हैं, तो यह लोकतंत्र को मजबूत बनाता है। अंत में, उन्होंने श्रोताओं से आग्रह किया कि वे अपनी विचारधारा साझा करें और इस संवाद को और भी व्यापक बनाएं।
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