1 अक्टूबर 2024 की शाम को ईरान ने इजराइल पर ‘ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 2’ (Operation True Promise 2) के तहत लगभग 200 बैलिस्टिक मिसाइलें दागी। ईरान का दावा है कि उनकी 90% मिसाइलें अपने निर्धारित लक्ष्यों तक पहुँचने में सफल रही हैं। इस हमले का उद्देश्य इजराइल के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाना था, जिससे ईरान की सैन्य क्षमताओं का प्रदर्शन किया जा सके।
इजराइल डिफेंस फोर्स (IDF) के प्रवक्ता डैनियल हगारी ने बताया कि ईरान ने 180 से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं। हालाँकि, इजराइल की एयर डिफेंस प्रणाली, जो कि आमतौर पर दुश्मन के मिसाइलों को प्रभावी रूप से रोकती है, ने इस बार भी कई मिसाइलों को नाकाम करने में सफलता पाई। इजराइल के एयर डिफेंस सिस्टम, जिसमें अमेरिकी तकनीक भी शामिल है, ने कई मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर दिया।
हताहतों की संख्या के बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं
इजराइल सेना ने इस हमले के बाद बताया कि हताहतों की संख्या के बारे में कोई ठोस जानकारी उपलब्ध नहीं है। टाइम्स ऑफ इजराइल के अनुसार, इस हमले में एक फिलिस्तीनी नागरिक की मौत हुई और दो इजराइली नागरिक घायल हुए हैं। इजराइल सरकार ने लगभग एक करोड़ लोगों को पहले ही बॉम्ब शेल्टर्स में भेज दिया था, जिससे नागरिकों के हताहत होने की संख्या कम रही।
अमेरिकी ने पहले ही चेताया था
अमेरिकी अधिकारियों ने हमले से पहले इजराइल को चेतावनी दी थी कि ईरान एक बड़े हमले की योजना बना रहा है। इससे इजराइल में अफरा-तफरी मच गई थी, और लोगों ने बॉम्ब शेल्टर्स की ओर भागना शुरू कर दिया। ईरान ने दावा किया है कि इस हमले में इजराइल के तीन प्रमुख एयरबेस—नेवातिम, हत्जेरिम और तेल नोफ—को सफलतापूर्वक निशाना बनाया गया है। इन एयरबेस में इजराइल के आधुनिक F-35 और F-15 फाइटर जेट्स मौजूद थे, जिन्हें नष्ट करने की खबरें भी आई हैं।
ईरान का स्पष्टीकरण
ईरान के इस हमले को जनरल मोहम्मद बघेरी ने इजराइल की ओर से की गई प्रॉक्सी कार्रवाइयों और IRGC के नेताओं की हत्या का प्रतिशोध बताया। उन्होंने कहा, “हमारे पास इजराइल के आर्थिक क्षेत्रों पर हमला करने की क्षमता है, लेकिन हमने केवल सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया।” बघेरी ने यह भी स्पष्ट किया कि यह हमला आत्मरक्षा के अधिकार के तहत और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार किया गया है।
इजराइल की प्रतिक्रिया
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस हमले के बाद एक सार्वजनिक बयान में कहा कि ईरानी शासन को यह समझना चाहिए कि इजराइल अपने दुश्मनों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करने के लिए दृढ़ संकल्पित है। नेतन्याहू ने चेतावनी दी कि जो भी इजराइल पर हमला करेगा, उसका जवाब दिया जाएगा। उन्होंने ईरान के नेताओं को चेतावनी दी कि उन्हें इजराइल की सैन्य क्षमताओं और उसके निर्णय लेने की प्रक्रिया का सम्मान करना चाहिए।
मध्य पूर्व में विभिन्न समूहों के बीच प्रतिस्पर्धा और तनाव बढ़ सकता है
यह हमला न केवल ईरान और इजराइल के बीच तनाव को बढ़ा सकता है, बल्कि पूरे क्षेत्र में सुरक्षा परिदृश्य को भी प्रभावित करेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार के हमले से मध्य पूर्व में विभिन्न समूहों के बीच प्रतिस्पर्धा और तनाव बढ़ सकता है। ईरान के इस हमले के बाद अन्य देशों की प्रतिक्रियाएँ भी देखने योग्य होंगी, विशेष रूप से अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों की, जो क्षेत्र में इजराइल के मुख्य सहयोगी माने जाते हैं।
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