नेतन्याहू

मिडिल ईस्ट का नक्शा बदलने की तैयारी में इजरायल! नेतन्याहू को मिली हरी झंडी

हाल ही में इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, ईरान ने इजरायल पर एक गंभीर हमला किया। ईरान की सेना ने इजरायल की ओर करीब 180 बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं। इस हमले ने क्षेत्र में स्थिति को और अधिक गंभीर बना दिया है, जिससे दोनों देशों के बीच युद्ध की आशंका बढ़ गई है। इस हमले में ईरानी सेना ने इजरायल के सैन्य और सुरक्षा प्रतिष्ठानों को अपना मुख्य निशाना बनाया।

इजरायल की ओर से मजबूत प्रतिक्रिया

ईरान के हमले के तुरंत बाद, इजरायली सेना भी जवाबी कार्रवाई के लिए पूरी तरह तैयार हो गई है। इजरायल के रक्षा अधिकारियों का कहना है कि वे ईरान के न्यूक्लियर फैसिलिटी  पर एक बड़ा हमला करने की योजना बना रहे हैं। बेंजामिन नेतन्याहू, जो इजरायल के प्रधानमंत्री हैं, अब एक गंभीर निर्णय के सामने हैं, और उनकी सरकार इस स्थिति को गंभीरता से ले रही है।

नेफ्टाली बेनेट का बयान

इजरायल के पूर्व प्रधानमंत्री और वर्तमान में विपक्ष के नेता, नेफ्टाली बेनेट ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया है, जिसमें उन्होंने नेतन्याहू को ईरान की न्यूक्लियर फैसिलिटी पर हमले के लिए खुली अनुमति दी है। उन्होंने कहा कि इजरायल के पास पिछले 50 वर्षों में यह पहला बड़ा मौका है, जब वह मध्य पूर्व के भू-राजनीतिक नक्शे को बदलने की स्थिति में है। बेनेट का यह बयान इजरायली राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ का संकेत देता है, क्योंकि विपक्ष भी अब इस हमले के लिए समर्थन दे रहा है।

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ईरान और इजरायल के बीच इस बढ़ते संघर्ष ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ध्यान खींचा है। अमेरिका और ब्रिटेन जैसे बड़े देशों ने ईरान की कार्रवाई की कड़ी निंदा की है। अमेरिका ने स्पष्ट किया है कि वह इजरायल के साथ खड़ा है और किसी भी हमले के खिलाफ समर्थन देने के लिए तैयार है। अमेरिका की स्थिति इस मामले में महत्वपूर्ण है, क्योंकि उसके पास ईरान पर दबाव बनाने के कई विकल्प हैं, जैसे कि आर्थिक प्रतिबंध और सैन्य समर्थन।

ईरान की धमकी

ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने इजरायल पर अपने हमले की पुष्टि की है और चेतावनी दी है कि यदि इजरायल जवाब देता है, तो वह और अधिक हमलों की तैयारी कर रहा है। IRGC ने कहा है कि उनका मुख्य निशाना इजरायल की सैन्य और सुरक्षा प्रतिष्ठान हैं। ईरानी अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया है कि उनका लक्ष्य क्षेत्र में इजरायल के सैन्य प्रभाव को कमजोर करना है।

मध्य पूर्व क्षेत्र में व्यापक युद्ध का खतरा

इस समय स्थिति अत्यंत संवेदनशील है। एक तरफ जहां ईरान ने इजरायल पर हमला किया है, वहीं दूसरी तरफ इजरायल अब जवाबी हमले के लिए पूरी तरह तैयार है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह संघर्ष न केवल इजरायल और ईरान तक सीमित रहेगा, बल्कि यह पूरे मध्य पूर्व क्षेत्र में व्यापक युद्ध का कारण बन सकता है।

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विशेषज्ञों का कहना है कि यदि दोनों देश एक-दूसरे के खिलाफ अपनी सैन्य कार्रवाई को बढ़ाते हैं, तो इससे न केवल क्षेत्रीय स्थिरता पर खतरा उत्पन्न होगा, बल्कि वैश्विक राजनीति में भी महत्वपूर्ण बदलाव आ सकते हैं।