Ashok Tanwar: चुनाव से पहले नेताओं का दल बदल चलता रहता है। कब कौन किसकी पार्टी में शामिल हो जाए खास कर चुनावी मौसम में किसी को इस बारे में पता नहीं होता। ऐसा ही कुछ हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले देखने को मिला है। एक घंटे पहले तक बीजेपी की रैली में वोट मांगते दिखे भाजपा नेता अशोक तंवर ने फिर से कांग्रेस का हाथ थाम लिया है।इस बारे में कांग्रेस ने अपने ऑफिसियल एक्स हैंडल से पोस्ट शेयर कर जानकारी दी।
कांग्रेस ने लगातार शोषितों, वंचितों के हक़ की आवाज़ उठाई है और संविधान की रक्षा के लिए पूरी ईमानदारी से लड़ाई लड़ी है।
हमारे इस संघर्ष और समर्पण से प्रभावित होकर आज BJP के वरिष्ठ नेता, पूर्व सांसद, हरियाणा में BJP की कैंपेन कमेटी के सदस्य और स्टार प्रचारक श्री अशोक तंवर… pic.twitter.com/DynuJEleSE
— Congress (@INCIndia) October 3, 2024
बता दें कि आज हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव प्रचार का आखिरी दिन है। प्रचार थमने के कुछ घंटे बाद अशोक तंवर कांग्रेस नेता और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की जींद रैली में पहुंचे। यहां उन्होंने बीजेपी का दामन छोड़ कांग्रेस का हाथ थाम लिया। हरियाणा विधानसभा चुनाव से ठीक पहले तंवर का बीजेपी छोड़ कांग्रेस में फिर से आना राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष लोकसभा @RahulGandhi जी की उपस्थिति में महेंद्रगढ़ रैली में @INCIndia परिवार में शामिल हुए। pic.twitter.com/Rn7iOZkbIh
— Ashok Tanwar (@Tanwar_Indian) October 3, 2024
अशोक तंवर वही नेता है जिन्होंने लोकसभा चुनाव में हरियाणा की सिरसा सीट से कांग्रेस की दलित नेता कुमारी शैलजा के खिलाफ बीजेपी से चुनाव लड़ा था। अशोक तंवर हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। तंवर का नाम हरियाणा बीजेपी के स्टार प्रचारक के लिस्ट में था। वे हरियाणा में बीजेपी के कैंपेन कमेटी के सदस्य भी थे। कांग्रेस में शामिल होने से पहले पूर्व सांसद तंवर बीजेपी के उम्मीदवारों के लिए रैली में वोट मांग रहे ते। उन्होंने इससे जुड़ी पोस्ट अपने एक्स हैंडल पर शेयर भी की थी।
हालांकि तंवर ने कांग्रेस में शामिल होने के बाद बीजेपी उम्मीदवार के लिए वोट मांगते हुए आज शेयर की पोस्ट्स को अपने एक्स हैंडल से हटा दिया है।
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कौन हैं अशोक तंबर
अशोक तंवर ने साल 1993 में अपनी राजनीतिक सफर की शुरुआत कांग्रेस से ही शुरू की थी। साल 2003 में उन्हें कांग्रेस पार्टी के छात्र विंग, NSUI और 2005 में यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था। फिर 2014 में राहुल गांधी ने तंवर को हरियाणा प्रदेश कांग्रेस की जिम्मेदारी सौपते हुए उन्हें अध्यक्ष बना दिया। बता दें कि अशोक तंवर हरियाणा के सिरसा से कांग्रेस के सांसद रह चुके हैं। 2014-2019 के बीच हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के चीफ भी थे। उन्होंने इसी दौरान हुड्डा से विवाद के बाद पार्टी छोड़ दी थी।
कांग्रेस छोड़ने के बाद उन्होंने 2021 में अपनी पार्टी ‘अपना भारत मोर्चा’ बनाई। ये फेल रही। इसके बाद उन्होंने टीएमसी ज्वाइन कर ली। 6 महीने ममता बनर्जी की पार्टी में रहने के बाद वहां से भी इस्तीफा दे दिया। फिर 2022 में आम आमदी पार्टी में शामिल हो गए। आप पार्टी ने उन्हें चुनाव प्रचार समिति का चेयरमैन बनाया था। लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले अशोक तंवर बीजेपी में शामिल हो गए। बीजेपी ने उन्हें सिरसा सीट से कांग्रेस की कुमारी सैलजा के खिलाफ मैदान में उतारा। जिसके बाद अब वे फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। तंवर 5 साल में 4 राजनीतिक पार्टियां बदल चुके हैं।