बारामुला सांसद इंजीनियर राशिद.

जम्मू-कश्मीर रिजल्ट से पहले इंजीनियर राशिद का बड़ा बयान, कहा- ‘बिना राज्य का दर्जा लिए सरकार न बनाएं…’

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजे मंगलवार को घोषित किए जाएंगे, इससे पहले अवामी इत्तेहाद पार्टी (AIP) के अध्यक्ष और सांसद शेख अब्दुल रशीद, जिन्हें इंजीनियर रशीद के नाम से भी जाना जाता है, ने एक बयान में कहा कि आगामी सरकार केंद्र शासित प्रदेश की होगी और उसके पास सीमित अधिकार होंगे। रशीद ने जम्मू-कश्मीर की क्षेत्रीय पार्टियों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पिछले पांच सालों में इन पार्टियों ने राज्य के हित में कोई महत्वपूर्ण काम नहीं किया।

किसी भी पार्टी की सरकार बने, वह केंद्र शासित प्रदेश की सरकार होगी

रशीद ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर में किसी भी पार्टी की सरकार बने, वह केंद्र शासित प्रदेश की सरकार होगी और उसकी शक्ति बहुत सीमित होगी। उन्होंने आरोप लगाया कि जम्मू-कश्मीर की क्षेत्रीय पार्टियों ने राज्य के विकास के लिए कुछ भी नहीं किया और केवल अपनी राजनीति की रोटियां सेंकी हैं। रशीद ने सभी क्षेत्रीय दलों से अपील की कि वे एकजुट हो जाएं और जब तक राज्य को फिर से उसका पुराना दर्जा नहीं मिल जाता, तब तक किसी भी सरकार को बनाने का प्रयास न करें।

किसी भी सरकार को बनाने को प्राथमिकता नहीं

इंजीनियर रशीद ने अपनी पार्टी के प्रदर्शन को लेकर भी बयान दिया। उन्होंने कहा कि चुनाव परिणामों के बाद वे किसी भी सरकार को बनाने को प्राथमिकता नहीं दे रहे हैं। अगर उनकी पार्टी को कुछ सीटें मिलती हैं, तो वे जम्मू-कश्मीर के हित में उचित निर्णय लेंगे।

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रशीद ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि किसी को उनकी पार्टी की जरूरत पड़ेगी, लेकिन अगर भविष्य में उनकी पार्टी को समर्थन मिलता है, तो वे राज्य के लिए सही कदम उठाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें किसी भी दल का समर्थन नहीं मिला और उनकी जमानत भी वैसे ही सुरक्षित हुई जैसे अरविंद केजरीवाल की जमानत हुई थी।

बारामुला सांसद इंजीनियर राशिद.

अनुच्छेद 370 और राज्य का दर्जा

रशीद ने अपनी पार्टी की प्राथमिकताओं के बारे में खुलासा करते हुए कहा कि उनकी लड़ाई राज्य के दर्जे और अनुच्छेद 370 को लेकर है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी आज इस मुद्दे पर कुछ नहीं बोल रही, जबकि वे इस मुद्दे पर बात करने के लिए तैयार थे। रशीद ने यह भी कहा कि अगर कांग्रेस के नेता राहुल गांधी इस मुद्दे पर समर्थन दिखाते हैं, तो वह उनके साथ जाने के लिए तैयार हैं। रशीद ने यह साफ किया कि अगर उन्हें सत्ता की इच्छा होती, तो वह बीजेपी के साथ गठबंधन कर सकते थे, लेकिन उनकी प्राथमिकता राज्य के दर्जे की बहाली और अनुच्छेद 370 की पुनः बहाली है।

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रशीद ने अपनी पार्टी के जलसों का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी पार्टी की सबसे बड़ी रैलियां थीं, और अगर उनका उद्देश्य केवल सत्ता में आने का होता, तो वे बीजेपी के साथ गठबंधन कर सकते थे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी का मकसद केवल राज्य के दर्जे की बहाली और जम्मू-कश्मीर के लोगों के हित में काम करना है।