फारूक अब्दुल्ला का बड़ा ऐलान: उमर अब्दुल्ला होंगे जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की है कि उनके बेटे उमर अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर के नए मुख्यमंत्री होंगे। यह ऐलान उस समय किया गया है जब नेशनल कॉन्फ्रेंस बहुमत की ओर बढ़ती नजर आ रही है। उमर अब्दुल्ला ने इस चुनाव में बडगाम और गांदरबल दो सीटों से नामांकन भरा था। बडगाम से उन्होंने चुनाव जीत लिया है, जबकि गांदरबल सीट पर वह आगे चल रहे हैं।
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लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरेंगे
फारूक अब्दुल्ला ने कहा, “हमें उम्मीद है कि हम लोगों की उम्मीदों पर खरे उतरेंगे और उनकी समस्याओं का समाधान करेंगे। मेरा मानना है कि लोगों ने हमारी बात सुनी है और हम पर भरोसा किया है, मैं उनका आभारी हूं। हमें इस दबाव को खत्म करना होगा, यहां जनता का राज होगा, पुलिस का राज नहीं।”
बेगुनाहों को जेल से बाहर निकालेंगे
फारूक ने आगे कहा, “हमें बेगुनाह लोगों को जेल से बाहर निकालना है, और मीडिया वालों को भी जो सच बोलने के लिए जेल में बंद हैं। हमें नफरत को नहीं बढ़ाना है, मोहब्बत बढ़ानी है। हमें हिंदू-मुसलमान के बीच भाईचारे को बढ़ावा देना है।”
गांदरबल सीट पर नतीजों का इंतजार
अगर उमर अब्दुल्ला मुख्यमंत्री बनते हैं, तो यह उनके समर्थकों के लिए बड़ी खुशी की बात होगी। उल्लेखनीय है कि पहले उमर ने चुनाव ना लड़ने का फैसला किया था, यह कहते हुए कि जब तक जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं मिलता, वह चुनाव नहीं लड़ेगे। लेकिन चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद उनके सुर बदल गए, और उन्होंने दो सीटों से चुनाव लड़ा।
निर्वाचन आयोग के आंकड़े
निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर दोपहर 2 बजे तक के आंकड़ों के अनुसार, नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 8 सीटों पर जीत हासिल की है, जबकि उसकी सहयोगी कांग्रेस ने एक सीट जीती है। वर्तमान में, नेशनल कॉन्फ्रेंस 33 सीटों पर आगे है और कांग्रेस 5 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। मतगणना अभी भी जारी है, और उमर अब्दुल्ला ने एग्जिट पोल पर सवाल उठाए हैं, जिससे उनके समर्थकों में आशंका बनी हुई है।
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यह चुनावी परिणाम जम्मू-कश्मीर के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत का संकेत देते हैं। उमर अब्दुल्ला की वापसी से यह देखने के लिए भी उत्सुकता है कि वह राज्य के राजनीतिक माहौल को कैसे बदलते हैं और जनता की समस्याओं का समाधान कैसे करते हैं।