अखिलेश यादव ने नीतीश से कहा, ‘तोड़ लीजिए BJP से गठबंधन…’ भड़क गई JDU
लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव को सूचित किया कि उनका जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र (जेपीएनआईसी) में दौरा सुरक्षा के लिहाज से उचित नहीं है। यह निर्णय तब लिया गया जब वहां निर्माण कार्य चल रहा था, जिसके कारण अव्यवस्थित तरीके से सामग्री रखी गई थी। इसके चलते सपा कार्यकर्ताओं के बीच नाराजगी बढ़ गई और बवाल मच गया।
लखनऊ में जेपी के प्रति श्रद्धांजलि को लेकर विवाद
जेपीएनआईसी में जाने से रोके जाने पर अखिलेश यादव ने कहा कि यदि त्योहार का दिन न होता, तो समाजवादियों को रोकने के लिए बांस के अवरोधक नहीं लगाए जाते। उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी सरकार समाजवादियों को जयप्रकाश नारायण को श्रद्धांजलि अर्पित करने से रोकने के प्रयास कर रही है। अखिलेश ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अपील की कि उन्हें एनडीए से समर्थन वापस ले लेना चाहिए। उनका तर्क था कि यह कदम लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए आवश्यक है।
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बीजेपी सरकार की कड़ी आलोचना
जेपीएनआईसी के बाहर आधी रात को हुए घटनाक्रम के बाद, अखिलेश ने यूपी की बीजेपी सरकार की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि समाजवादियों को श्रद्धांजलि अर्पित करने से रोकने के लिए बैरिकेड्स लगाए गए थे। सोशल मीडिया पर उन्होंने पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) की तैनाती के साथ-साथ उनके घर के पास लगे बैरिकेड्स की तस्वीरें साझा की। उन्होंने लिखा, “बीजेपी का हर काम नकारात्मकता का प्रतीक है। पिछली बार की तरह हमें कहीं ‘जय प्रकाश नारायण जी’ की जयंती पर उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण करने से न रोका जाए।”
JDU का पलटवार
अखिलेश के बयान पर बिहार की जेडीयू ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि अखिलेश को खुद आत्ममंथन करना चाहिए। उन्होंने यह सवाल उठाया कि अखिलेश ने जेपी के जीवन मूल्यों को कितना अपनाया है। रंजन ने आरोप लगाया कि सपा में आंतरिक लोकतंत्र का अभाव है और सभी महत्वपूर्ण पदों पर केवल परिवार के लोग ही काबिज हैं। उन्होंने नीतीश कुमार को जेपी के सच्चे अनुयायी बताया और कहा कि बिहार में गठबंधन सही तरीके से चल रहा है।