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नोएल टाटा को बनाया गया टाटा ट्रस्ट्स का नया चेयरमैन, सर्वसम्मति से लिया गया फैसला

रतन टाटा के बुधवार को निधन के बाद नोएल टाटा को टाटा ट्रस्ट्स का नया चेयरमैन नियुक्ति किया गया। मुंबई में टाटा ट्रस्ट की बैठक में नोएल टाटा को सर्वसम्मति से 11 अक्टूबर को टाटा ट्रस्ट का नया चेयरमैन चुना गया। बता दें कि नोएल टाटा पिछले 40 सालों से टाटा समूह का हिस्सा रहे हैं।

नोएल टाटा टाटा समूह में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत हैं। जिनमें टाटा इंटरनेशनल लिमिटेड, वोल्टास और टाटा इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष शामिल हैं। इसके अलावा, वह टाटा स्टील और टाइटन कंपनी लिमिटेड के उपाध्यक्ष भी हैं। रतन टाटा के जाने के बाद अब नोएल टाटा के कंधे पर बड़ी जिम्मेदारी आ गई है। नोएल टाटा 100 देशों में फैले टाटा समूह के विशाल साम्राज्य का नेतृत्व करेंगे।

टाटा ट्रस्ट्स 66% नियंत्रण हिस्सेदारी रखता है

टाटा ट्रस्ट्स, टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा सन्स में 66% नियंत्रण हिस्सेदारी रखता है। यह टाटा समूह के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। रतन टाटा, जिन्होंने कई वर्षों तक टाटा ट्रस्ट्स और टाटा समूह का नेतृत्व किया, उनकी कोई संतान नहीं थी और उन्होंने ट्रस्ट्स में अपने पद के लिए उत्तराधिकारी का नाम नहीं लिया था। इस कारण, बोर्ड ने अगली नेतृत्व नियुक्ति के लिए बैठक बुलाई।

रतन टाटा के निधन के एक दिन बाद लिया गया फैसला

रतन टाटा के अंतिम संस्कार के एक दिन बाद ही नोएल टाटा की नियुक्ति का फैसला किया गया। इस बोर्ड बैठक में रतन टाटा को श्रद्धांजलि देने के साथ-साथ नए अध्यक्ष के चुनाव पर भी ध्यान केंद्रित किया गया। बताया जा रहा है कि बोर्ड का यह फैसला रतन टाटा के आगे बढ़ने की विचारधारा और नेतृत्व में निरंतरता सुनिश्चित करने की सोच के अनुरूप था, ताकि किसी प्रकार की देरी न हो।

अध्यक्ष पद के लिए प्रमुख दावेदार

बता दें कि 67 वर्षीय नोएल टाटा सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट के ट्रस्टी रहे हैं, जो संयुक्त रूप से टाटा सन्स में बहुसंख्यक हिस्सेदारी के मालिक हैं। टाटा समूह के साथ उनका लंबे समय से जुड़ाव रहा है। इन ट्रस्ट्स में उनकी भूमिका ने उन्हें रतन टाटा के निधन के बाद अध्यक्ष पद के लिए प्रमुख दावेदार बना दिया।

पारसी समुदाय ने रखी थी ये बात

टाटा समूह के साथ पारंपरिक रूप से गहरा संबंध रखने वाले पारसी समुदाय चाहता था कि टाटा ट्रस्ट्स के नए चेयरमैन पद पर टाटा उपनाम वाला कोई व्यक्ति ही नियुक्ति हो। जिसके बाद नोएल टाटा को सर्वसम्मति से चुना गया। नोएल टाटा की शांत और सरल नेतृत्व शैली उनके स्वर्गीय सौतेले भाई रतन टाटा की अधिक सार्वजनिक और प्रमुख भूमिका से काफी अलग है।
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