सलमान खान के लिए खौफ का दूसरा नाम कैसे बना लॉरेंस बिश्नोई? जानें हिरण कांड से सिद्दीकी मर्डर तक की पूरी कहानी
मुंबई की रातें बेहद खूबसूरत होती हैं, लेकिन जब रात के अंधेरे में खौफ की परछाई होती है, तो यह खूबसूरती धूमिल हो जाती है। हाल ही में, मुंबई के एक पॉश इलाके में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या ने एक खौफनाक मंजर पेश किया। बाबा सिद्दीकी, जो सलमान खान के करीबी दोस्त माने जाते थे, की हत्या ने सियासी और फिल्मी दुनिया में हलचल मचा दी है। यह हत्या एक ऐसे गैंग के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसने सलमान खान को अपने दुश्मन नंबर एक मान लिया है—लॉरेंस बिश्नोई गैंग।
लॉरेंस बिश्नोई की काली मंशा
लॉरेंस बिश्नोई का नाम सुनते ही हर कोई थर्राने लगता है। पिछले छह सालों से वह सलमान खान (salman khan and lawrence bishnoi) को डराने-धमकाने की कोशिशों में जुटा हुआ है। काले हिरण के शिकार के मामले में सलमान का नाम आने के बाद से, बिश्नोई ने अपने मंसूबों को सिरे चढ़ाने का संकल्प लिया। वह लगातार सलमान को धमकी देता रहा है और इस बार उसने सलमान के करीबी दोस्त बाबा सिद्दीकी को निशाना बनाया। यह कोई सामान्य हत्या नहीं थी; यह एक संदेश था, एक चेतावनी, जो सलमान के लिए एक गंभीर खतरा बन गई।
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बाबा सिद्दीकी का नाम राजनीति और फिल्म उद्योग में काफी प्रसिद्ध था। सलमान खान के साथ उनकी गहरी दोस्ती थी। सिद्दीकी का हत्याकांड न केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी थी, बल्कि यह एक राजनीतिक मुद्दा भी बन गया। सलमान और सिद्दीकी की दोस्ती कई सार्वजनिक आयोजनों में देखी गई, जिसमें वे एक-दूसरे का समर्थन करते थे। बाबा की हत्या ने सलमान को झकझोर कर रख दिया और उनके मन में एक भय पैदा कर दिया।
हत्या के पीछे की वजह
बाबा सिद्दीकी की हत्या का मुख्य कारण सलमान के साथ उनका नजदीकी रिश्ता माना जा रहा है, लेकिन इसके पीछे लॉरेंस बिश्नोई की मंशा कुछ और भी है। इस हत्याकांड के पीछे एक और बड़ा मकसद है—बॉलीवुड से उगाही करना। लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने सलमान खान को निशाना बनाकर यह संदेश दिया कि वह मुंबई में अपनी मौजूदगी को मजबूत करना चाहते हैं। इससे पहले भी उन्होंने सलमान के खिलाफ कई बार योजनाएं बनाई थीं, और अब इस हत्या ने एक नई रणनीति का संकेत दिया है।
लॉरेंस ने पहले ही घोषणा की थी कि वह सलमान से बदला लेगा। वह जानता था कि सिद्दीकी, जो सलमान का करीबी दोस्त था, को मारने से वह सलमान को डराने में सफल हो जाएगा। इससे पहले, लॉरेंस ने सलमान के घर के बाहर फायरिंग करवाई थी, जिससे स्पष्ट था कि उसका इरादा गंभीर है।
बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद, मुंबई पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए इस मामले की गंभीरता को समझा। पुलिस ने यह तय किया कि इस हत्या के पीछे लॉरेंस बिश्नोई गैंग का हाथ है। 15 टीमें गठित की गईं ताकि फरार आरोपियों को पकड़ा जा सके। पुलिस ने हालात का जायजा लेते हुए यह भी माना कि यह हत्या एक संगठित अपराध का हिस्सा है।
इस हत्याकांड के बाद से मुंबई में एक अजीब सा माहौल बन गया है। राजनीतिक और फिल्मी जगत के लोग चिंतित हैं। सभी के मन में एक ही सवाल है—क्या सलमान खान अगला निशाना हैं? सलमान की सुरक्षा बढ़ा दी गई, और उन्हें व्यक्तिगत सुरक्षा भी दी गई। यह सुरक्षा उनके घर के आसपास 24 घंटे तैनात रहने के रूप में थी।
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बाबा सिद्दीकी की हत्या ने सलमान को एक बार फिर लॉरेंस बिश्नोई के खौफ का सामना करने पर मजबूर कर दिया। सलमान को पहले ही कई बार धमकी भरे पत्र मिले थे, जिसमें स्पष्ट रूप से लिखा गया था कि उनका हश्र भी सिद्धू मूसेवाला जैसा होगा। यह धमकियां उन्हें और उनके परिवार को मानसिक दबाव में डाल रही थीं।
सलमान का दुश्मन क्यों बना गैंगस्टर लॉरेंस?
गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई (salman khan and lawrence bishnoi issue in hindi) समाज से है, जो जानवरों, खासकर हिरणों को भगवान मानता है। इस समाज की मान्यता के अनुसार, काले हिरण को पवित्र माना जाता है और उनकी पूजा की जाती है। जब सलमान खान का नाम 1998 के काले हिरण शिकार केस में सामने आया, तो लॉरेंस ने सलमान को जान से मारने की धमकी दी। इस धमकी के बाद से लॉरेंस सलमान के लिए एक बड़ा खतरा बन गया है।
इस साल जनवरी में, सलमान के पनवेल स्थित फार्म हाउस में दो लोग जबरन घुसने की कोशिश कर रहे थे। ये लोग तार तोड़कर अंदर प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें पकड़ लिया। पकड़े गए लोगों के पास फर्जी आधार कार्ड मिले थे। इस खतरे को देखते हुए मुंबई पुलिस ने सलमान को सुरक्षा प्रदान की है, जिससे उनकी सिक्योरिटी हमेशा टाइट रहती है। सलमान जहां भी जाते हैं, उनकी सुरक्षा हमेशा सख्त रहती है।
26 साल पहले क्या हुआ था?
साल 1998 के सितंबर महीने में, सलमान खान, सैफ अली खान और तब्बू जैसे सितारे जोधपुर में ‘हम साथ साथ हैं’ फिल्म की शूटिंग कर रहे थे। 27-28 सितंबर की रात को, सलमान और उनके साथियों पर काले हिरण का शिकार करने का आरोप लगा। घटनास्थल पर मौजूद चश्मदीदों के अनुसार, रात करीब 2 बजे, एक सफेद रंग की जिप्सी इलाके में घूम रही थी। गांववालों ने जब गोली की आवाज सुनी, तो वे तुरंत मौके पर पहुंचे और पाया कि दो काले हिरण मारे गए हैं। गांववालों ने उस जिप्सी को भागते देखा, जिसमें सलमान और अन्य लोग सवार थे।
गांव वालों ने जिप्सी में सलमान (salman khan and lawrence bishnoi story) को पहचान लिया और इसकी जानकारी वन अधिकारियों को दी। इसके बाद, वन अधिकारी ललित बोड़ा ने जोधपुर के लूणी पुलिस थाने में 15 अक्टूबर 1998 को सलमान के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई। इस मामले में कुल चार अलग-अलग केस दर्ज हुए।
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जब मामला अदालत में पहुंचा, तो चश्मदीद गवाह छोगाराम ने अपने बयान से पलटने का फैसला किया। उसने अदालत में कहा कि उसे घटना की कोई याद नहीं है और इसलिए उसे काला हिरण शिकार मामले में गवाही देने से मुक्त किया जाए। इस घटना ने पूरे केस को और पेचीदा बना दिया, और मामला जोधपुर की सीजेएम कोर्ट में चलता रहा।
सलमान को खानी पड़ी थी जेल की हवा
12 अक्टूबर 1998 को सलमान खान पहली बार गिरफ्तार हुए। वे पांच दिन तक जेल में रहे और 17 अक्टूबर 1998 को जमानत पर रिहा हो गए। 17 फरवरी 2006 को जोधपुर की सीजेएम कोर्ट ने सलमान को दोषी करार देते हुए 1 साल की सजा सुनाई, लेकिन हाईकोर्ट ने उन्हें इस मामले में बरी कर दिया।
दूसरे केस में, सीजेएम कोर्ट ने 10 अप्रैल 2006 को सलमान को दोषी करार दिया और 5 साल की सजा सुनाई। इस मामले में सलमान को 10 से 15 अप्रैल 2006 तक 6 दिन सेंट्रल जेल में रहना पड़ा। फिर वे हाईकोर्ट से बरी हो गए। सेशन कोर्ट से सजा बरकरार रहने के बाद सलमान को 26 से 31 अगस्त 2007 तक फिर से जेल में रहना पड़ा, लेकिन बाद में जमानत पर रिहा हो गए।
तीसरे मामले, यानी आर्म्स एक्ट के केस में सलमान पहले ही बरी हो चुके थे। इसमें आरोप था कि 22 सितंबर 1998 को पुलिस ने सलमान के कमरे से एक रिवॉल्वर और राइफल बरामद की थी। चौथे और आखिरी काला हिरण शिकार मामले में जोधपुर कोर्ट ने उन्हें दोषी ठहराया था।
बाबा सिद्दीकी हत्याकांड के लिए हुई थी बड़ी तैयारी
बताया जा रहा है कि बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में आरोपियों ने पहले घटनास्थल की रेकी की थी। फिर मौका पाकर उन्होंने बाबा की हत्या की। पुलिस ने आरोपियों के पास से दो पिस्तौल और 28 कारतूस बरामद किए हैं। बाबा सिद्दीकी को रविवार रात सुपुर्द-ए-खाक किया गया है।
गिरफ्तार किए गए तीन आरोपियों में धर्मराज कश्यप, गुरमेल सिंह और प्रवीण लोणकर का नाम शामिल है। वहीं, जिन आरोपियों की तलाश की जा रही है, उनमें शिवकुमार, जीशान अख्तर और शुभम लोणकर का नाम सामने आया है।
बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद पूरे मामले में हलचल मच गई है। मुंबई पुलिस ने फरार आरोपियों को पकड़ने के लिए 15 टीमें बनाई हैं। अब तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि तीन अब भी फरार हैं। प्रवीण लोणकर पुणे में डेयरी चला रहा था, और बाकी दोनों आरोपी धर्मराज कश्यप और शिवकुमार उसकी डेयरी के पास ही स्क्रैप सेंटर में काम करते थे।