उमर अब्दुल्ला ने ली मुख्यमंत्री पद की शपथ, एक दशक बाद जम्मू-कश्मीर को मिला नया सीएम

लगभग एक दशक बाद जम्मू-कश्मीर को अपना नया मुख्यमंत्री मिल गया है। उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है।  राज्यपाल मनोज सिन्हा ने उमर अब्दुल्लाह को सीएम पद की शपथ दिलाई। बता दें कि अब्दुल्ला के हाथों में दूसरी बार जम्मू-कश्मीर की कमान आई है।

बुधवार को जम्मू-कश्मीर के शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (SKICC) में आयोजित समारोह में उमर अब्दुल्लाह के साथ-साथ कैबिनेट मंत्रियों ने भी शपथ ली। इन मंत्रियों में कांग्रेस का एक भी विधायक शामिल नहीं था। कांग्रेस ने पहले ही साफ कर दिया था कि उनका कोई भी विधायक आज मंत्रीपद की शपथ नहीं लेगा।

इस दौरान इंडिया ब्लॉक के नेताओं में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा, जेकेएनसी के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव, पीडीपी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती, आप नेता संजय सिंह, सीपीआई नेता डी. राजा और अन्य नेता मौजूद रहें।

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NC नेताओं ने ली मंत्रीपद की शपथ

एनसी नेताओं सकीना इटू, जावेद अहमद राना, जावेद अहमद डार और स्वतंत्र विधायक सतीश शर्मा ने जम्मू और कश्मीर के कैबिनेट मंत्रियों के रूप में शपथ ली। वहीं, सुरिंदर कुमार चौधरी ने जम्मू और कश्मीर के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।

‘जो सरकार बनी है, वह सबसे पहले घावों को भरे’

उमर अब्दुल्ला के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के बाद पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा, “मैं जम्मू और कश्मीर के लोगों को बधाई देती हूं क्योंकि उन्हें लंबे समय के बाद एक स्थिर सरकार मिली है। 5 अगस्त 2019 के बाद जम्मू और कश्मीर के लोगों के लिए यह बहुत कठिन समय था। हम उम्मीद करते हैं कि जो सरकार बनी है, वह सबसे पहले घावों को भरेगी और लोगों की समस्याओं और कष्टों का समाधान करेगी।

अखिलेश यादव ने क्या कहा

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, “यहां सरकार बनाना महत्वपूर्ण था और अधिकार पाना इससे भी अधिक महत्वपूर्ण है।”

नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस की गठबंधन सरकार

जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस ने मिलकर सरकार बनाई है। लगभग दस साल बाद यहां हुए विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस ने एक साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। जम्मूृ-कश्मीर की  90 विधानसभा सीटोें पर हुए चुनाव में नेशनल कांग्रेस ने 42 और कांग्रेस ने 6 सीटें जीती। वहीं बीजेपी ने 29 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की। महबूबा मुफ्ती की पीडीपी कोई खास प्रदर्शन नहीं कर पाई।