मुश्किल में राम रहीम, सुप्रीम कोर्ट ने इस 9 साल पुराने मामले में दिया झटका
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के खिलाफ पवित्र ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी से जुड़े तीन मामलों में कार्यवाही पर लगी रोक हटा दी है। यह मामले 2015 में पंजाब के फरीदकोट जिले में हुई बेअदबी की घटनाओं से संबंधित हैं, जो सिख समुदाय के लिए बेहद संवेदनशील मुद्दा है।
सुप्रीम कोर्ट की न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने पंजाब सरकार द्वारा दायर अपील पर सुनवाई करते हुए यह निर्णय दिया। इससे पहले, मार्च 2023 में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने राम रहीम के खिलाफ इन तीन बेअदबी मामलों में कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। अब, उच्च न्यायालय द्वारा लगाई गई इस रोक को सुप्रीम कोर्ट ने समाप्त कर दिया है, जिससे मामले की सुनवाई फिर से शुरू हो सकेगी।
क्या है मामला?
यह मामला तब शुरू हुआ जब 2015 में फरीदकोट जिले में गुरु ग्रंथ साहिब (guru granth sahib di beadbi) की एक प्रतिलिपि चोरी हुई। इसके बाद कुछ स्थानों पर बेअदबी संबंधी पोस्टर भी मिले और पवित्र ग्रंथ के फटे हुए पन्ने दिखाई दिए। इन घटनाओं से सिख समुदाय में गहरा आक्रोश फैला और पूरे पंजाब में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए।
प्रदर्शनकारियों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने कार्रवाई की, जिसके परिणामस्वरूप गोलीबारी हुई। इस गोलीबारी में दो लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हुए। इन घटनाओं ने पंजाब में तनाव को बढ़ा दिया और सिख समुदाय के बीच रोष पैदा किया।
पंजाब पुलिस ने अपनी जांच रिपोर्ट में डेरा सच्चा सौदा को इन घटनाओं के लिए जिम्मेदार ठहराया। यह रिपोर्ट सिख समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई, क्योंकि इसने राम रहीम को सीधे तौर पर इस संवेदनशील मामले में शामिल किया।
सिख समुदाय करती आई है न्याय की मांग
सिख समुदाय ने इन घटनाओं को लेकर न्याय की मांग की है और राम रहीम के खिलाफ सख्त कदम उठाने की अपील की है। उनका कहना है कि बेअदबी की घटनाएँ न केवल धार्मिक अपमान हैं, बल्कि इससे उनके धार्मिक भावनाओं को गहरा ठेस पहुंची है।
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दिसंबर 2021 में, राम रहीम ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और मांग की कि 2015 की इन तीन बेअदबी की एफआईआर की जांच सीबीआई द्वारा की जाए। इसके बाद ही उच्च न्यायालय ने इन मामलों की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी, जो अब सुप्रीम कोर्ट द्वारा समाप्त कर दी गई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राम रहीम के खिलाफ निचली अदालत में ट्रायल शुरू होगा।
कौन हैं राम रहीम?
बाबा गुरमीत राम रहीम सिंह, जिन्हें करोड़ों लोग ‘पिता जी’ के नाम से जानते हैं, एक प्रमुख धार्मिक नेता हैं। इनका जन्म 15 अगस्त, 1967 को राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के गुरूसर मोदिया में एक जाट सिख परिवार में हुआ। महज सात साल की उम्र में, 31 मार्च, 1974 को, उन्हें तत्कालीन डेरा प्रमुख शाह सतनाम सिंह जी ने यह नाम दिया।
23 सितंबर, 1990 को, शाह सतनाम सिंह ने देशभर के अनुयायियों को बुलाकर गुरमीत राम रहीम को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया। डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख होने के नाते, बाबा राम रहीम के परिवार में उनकी माता नसीब कौर, पत्नी हरप्रीत कौर, तीन बेटियाँ (चरणप्रीत, अमनप्रीत, और हनीप्रीत) और एक बेटा जसमीत सिंह शामिल हैं।
जसमीत की शादी पूर्व विधायक हरमिंदर सिंह जस्सी की बेटी हुस्नमीत से हुई है। वह शाह सतनाम क्रिकेट अकादमी के अध्यक्ष हैं। चरणप्रीत की शादी डॉ. शान-ए-मीत से और अमनप्रीत की शादी रूह-ए-मीत से हुई है।
हरियाणा के सिरसा जिले में डेरा सच्चा सौदा का आश्रम 68 साल से चल रहा है, और इसका साम्राज्य विदेशों तक फैला हुआ है। भारत में लगभग 46 आश्रम हैं और इसके अनुयायी अमेरिका, कनाडा, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, और यूएई तक हैं। कुल मिलाकर, डेरा के लगभग पांच करोड़ अनुयायी हैं, जिनमें से 25 लाख हरियाणा में हैं।
कई विवादों में घिरे हैं बाबा गुरमीत राम रहीम
साल | अपराध | विवरण |
---|---|---|
1998 | बच्चा डेरा की जीप के नीचे आया | गांव बेगू में एक बच्चे की मौत; डेरा के लोगों ने हंगामा किया। |
2002 | यौन शोषण का आरोप | एक साध्वी ने राम रहीम पर यौन शोषण का आरोप लगाया; मामला सीबीआई को सौंपा गया। |
2002 | पत्रकार हत्या मामला | रामचंद्र छत्रपति की हत्या; डेरा के प्रबंधक पर आरोप। |
2007 | धार्मिक विवाद और हिंसा | बाबा ने गुरुगोबिंद सिंह की वेशभूषा में तस्वीरें खिंचवाईं; इसके खिलाफ सिखों में प्रदर्शन और हिंसा। |
2010 | फ़कीर चंद की गुमशुदगी | डेरा के पूर्व साधु ने फ़कीर चंद की हत्या का आरोप लगाया; सीबीआई जांच शुरू। |
2017 | बलात्कार का मामला | बलात्कार के आरोप में दोषी ठहराए जाने पर 20 साल की सजा सुनाई गई। |
2021 | अन्य मामलों में सजा | विभिन्न आरोपों के चलते जेल में समय बिताना जारी। |
डेरा प्रमुख बनने के बाद बाबा गुरमीत राम रहीम कई विवादों में घिरे। पहला बड़ा विवाद 1998 में सामने आया, जब गांव बेगू में एक बच्चा डेरा की जीप के नीचे आ गया। इस घटना की ख़बर छपी, जिसके बाद डेरा के अनुयायियों ने अख़बार के दफ्तर में हंगामा किया। बाद में डेरा की ओर से माफ़ी मांगी गई।
साध्वी ने राम रहीम पर लगया यौन शोषण का आरोप
2002 में एक गंभीर मामला सामने आया, जब एक साध्वी ने प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को एक पत्र लिखकर राम रहीम पर यौन शोषण का आरोप लगाया। इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई। उसी साल, पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या का मामला भी उठ गया, जो डेरा के बारे में रिपोर्ट कर रहे थे।
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2007 में बाबा राम रहीम ने गुरुगोबिंद सिंह की वेशभूषा में तस्वीरें खिंचवाईं, जिसके विरोध में बठिंडा में प्रदर्शन हुए। इस दौरान, सिखों और डेरा प्रेमियों के बीच हिंसा भड़क गई, जिसमें एक सिख युवक की मौत हुई। पंजाब में डेरा प्रमुख के जाने पर पाबंदी लगाई गई, लेकिन डेरा ने पीछे हटने से इनकार किया।
जज को सुरक्षा मांगनी पड़ी
वहीं, सिरसा के एक गांव में डेरा ने नामचर्चा आयोजित की, जिसका विरोध करने पर हिंसक टकराव हुआ। कई लोग घायल हुए और माहौल तनावपूर्ण हो गया। उस समय की पंजाब सरकार ने सुरक्षा के इंतजाम किए।
सीबीआई ने राम रहीम को अदालत में पेश होने के लिए बुलाया, लेकिन डेरा ने जज को धमकी भरा पत्र भेजा, जिससे जज को सुरक्षा मांगनी पड़ी। अदालत ने राम रहीम को जमानत दे दी, जबकि हत्या के सह-आरोपी जेल में थे।
2010 में डेरा के पूर्व साधु राम कुमार बिश्नोई ने डेरा के पूर्व प्रबंधक फ़कीर चंद की गुमशुदगी के मामले में सीबीआई जांच की मांग की, आरोप लगाते हुए कि बाबा के आदेश पर उनकी हत्या की गई थी। हालांकि, सीबीआई इस मामले में कोई ठोस सबूत नहीं जुटा पाई।
इसके अलावा, एक पूर्व साधू ने आरोप लगाया कि डेरा के 400 साधुओं को नपुंसक बना दिया गया। यह मामला भी अदालत में विचाराधीन है।