उत्तर प्रदेश: मंगलवार को गाजियाबाद कोर्ट में एक सुनवाई के दौरान गंभीर हंगामा हो गया। कोर्ट रूम में एक जमानत के मामले की सुनवाई के दौरान जज और वकीलों के बीच बहस शुरू हो गई, जो बाद में हिंसक टकराव का रूप ले लिया। जैसे-जैसे स्थिति बिगड़ती गई, अन्य वकील भी मौके पर पहुंच गए और हंगामा करने लगे। इस दौरान पुलिस को बुलाना पड़ा और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा।
वकीलों और पुलिस के बीच भिड़ंत
सूत्रों के अनुसार, कोर्ट रूम में जमानत मामले की सुनवाई चल रही थी, जिसमें वकील अपने पक्ष को रख रहे थे। इसी बीच, जज और वकील के बीच किसी मुद्दे पर तीखी बहस छिड़ गई। देखते ही देखते, कई अन्य वकील भी वहां पहुंच गए और हंगामा शुरू कर दिया। पुलिस को जब स्थिति का एहसास हुआ, तो उन्होंने वकीलों को समझाने की कोशिश की, लेकिन स्थिति हाथ से निकल गई।
जब पुलिस ने लाठीचार्ज किया, तो वकीलों ने जवाब में पथराव करना शुरू कर दिया। इसके बाद कोर्ट रूम में कुर्सियां फेंकी गईं। इस हिंसक टकराव में 12 वकील और चार पुलिसकर्मी घायल हो गए।
पुलिस बल की तैनाती और वकीलों का धरना
हंगामे की सूचना पर गाजियाबाद जिला कोर्ट में केंद्रीय रिजर्व पुलिस की टीम और पीएसी के जवानों की तैनाती की गई। पुलिस ने कोर्ट परिसर को खाली करा लिया, लेकिन वकील बाहर धरना देने के लिए डटे रहे। नाराज वकील कोर्ट के बाहर नारेबाजी करने लगे और जज के खिलाफ अपना विरोध प्रकट किया।
गुरुवार को स्थिति को देखते हुए, जजों ने भी अपने कमरों को बंद कर लिया है। अब कोर्ट की कार्यवाही रोक दी गई है, जिससे मामले की सुनवाई के लिए आए लोग भी परेशान हैं।
बवाल के बाद की क्या है स्थिति
वकीलों का बवाल इतना बढ़ गया कि उन्होंने कचहरी की पुलिस चौकी में तोड़फोड़ भी की। पुलिस के खिलाफ वकीलों की नाराजगी इतनी बढ़ गई कि वे शांत होने के बजाय और भी उग्र हो गए। अब पुलिस और वकीलों के बीच की स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।