छोटी दिवाली 2024 : जानिए क्यों मनाई जाती है छोटी दिवाली, क्या है मनाने के पीछे कारण और इसका महत्व
छोटी दिवाली 2024: दिवाली के त्योहार को पंचोत्सव के नाम से भी जान जाता है। धनतेरस के दिन से पंचोत्सव की शुरुआत हो जाती है। इसके बाद छोटी दिवाली आती है, जिसे नर्क चतुर्दशी भी कहा जाता है। इस साल 30 अक्तूबर यानी बुधवार के दिन छोटी दिवाली का त्योहार मनाया जाएगा। आपको बता दें, इस दिन मृत्यु के देवता यमराज की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यतों के अनुसार माना जाता है, इस पूजा को करने के बाद मृत्यु के बाद नरक में जाने से बचा जा सकता है। नरक चतुर्दशी का धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण होता है। आज हम आपको बताते हैं और जानते हैं इस पर्व का महत्व…
क्या है छोटी दिवाली का महत्व
जैसा ही हम सभी जानते हैं, छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन यम की पूजा करने से जातक अकाल मृत्यु से बच सकता है। यह मृत्यु के बाद नरक में जाने से बचने का उपाय भी है। ऐसा भी कहा जाता है, कि इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद भगवान कृष्ण की पूजा करने से आपको रूप सौंदर्य की प्राप्ति होती है।
क्यों नरक चतुर्दशी को कहा जाता है छोटी दिवाली?
दिवाली कि शुरुआत होने से पहले छोटी दिवाली आती है। यह त्योहार धनतेरस के अगले दिन मनाया जाता है। यह पांच दिवसीय त्योहार का दूसरा दिन होता है और इसके अगले दिन दीपोत्सव मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार नरक चतुर्दशी का पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। आज हम आपको बतातें हैं नरक चतुर्दशी को छोटी दिवाली इसलिए कहा जाता है, क्योंकि यह दिवाली से एक दिन पहले मनाई जाती है। इस दिन भी घर में दीप जलाए जाते हैं। इस दिन मुख्य तौर पर 14 दीपक जलाने की परंपरा है।
नरक चतुर्दशी को अन्य भी कई नामों से जाना जाता है, जैसे यम चतुर्दशी, रुप चतुर्दशी रुप चौदस आदि। इसके अलावा इसे नरक चौदस और नरक पूजा के नाम से भी जाना जाता है। हालांकि इसे छोटी दिवाली के तौर पर मनाया जाता है।
ये भी पढ़ेंः Dhanteras Shopping List : धनतेरस पर ये 10 चीजें खरीदना माना जाता है बेहद शुभ, देखिए पूरी लिस्ट