srk birthday: दिल्ली का वो लड़का, जिसे दो वक्त की रोटी भी मुश्किल से मिलती थी, कैसे बना बॉलीवुड का बादशाह!
srk birthday: बॉलीवुड के ‘किंग खान’ शाहरुख खान 2 नवंबर, यानी आज अपना 59वां जन्मदिन (shah rukh khan birthday) मना रहे हैं। दिल्ली में जन्मे शाहरुख की करियर यात्रा बेहद दिलचस्प है। शाहरुख खान, जिनका नाम सुनते ही दिल में एक खास एहसास होता है, उनकी कहानी सिर्फ एक सफल अभिनेता की नहीं, बल्कि जज्बे, मेहनत और ख्वाबों की है। एक वक्त था जब उनके परिवार को दो वक्त की रोटी जुटाना भी मुश्किल था। गरीबी ने उनके घर की चौखट पर दस्तक दी, और उस दौर में किसी ने नहीं सोचा था कि यही बच्चा एक दिन भारतीय सिनेमा का सबसे बड़ा सितारा बनेगा।
शायद किंग खान ने भी कभी नहीं सोचा होग कि पाकिस्तान के पेशावर से शुरू होकर दिल्ली की तंग गलियों में संघर्ष करते हुए, मुंबई की चकाचौंध में पहुंच वे सबसे चमकदार सितारा बन जाएंगे। शाहरुख खान की कहानी में जोश और जुनून है, जो सिखाता है कि कठिनाइयाँ कितनी भी बड़ी क्यों न हों, सपने देखने और उन्हें पूरा करने की हिम्मत कभी नहीं हारनी चाहिए। तो चलिए, जानते हैं इस अद्भुत सफर के बारे में, जिसमें मेहनत की गूंज और सफलता की चमक है!
बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान (shahrukh khan birthday) आज भारत के सबसे अमीर अभिनेताओं में से एक हैं, जिनकी संपत्ति लगभग 6000 करोड़ रुपये है। लेकिन उनकी यह सफलता किसी जादू से नहीं, बल्कि कठिन परिश्रम और संघर्ष से हासिल हुई है। आज किंग खान के बर्थ डे पर हम आपको बताएंगे कैसे एक गरीब परिवार का बच्चा भारत का सबसे बड़ा सितारा बना।
पाकिस्तान से भारत आया शाहरुख का परिवार
शाहरुख खान का जन्म 2 नवंबर 1965 को न्यू दिल्ली में हुआ। उनके पिता ताज मोहम्मद पेशावर, पाकिस्तान से थे, और जब भारत का विभाजन हुआ, तो उनका परिवार दिल्ली आकर बस गया। ताज मोहम्मद एक स्वतंत्रता सेनानी थे और उन्होंने भारत के लिए ब्रिटिश राज के खिलाफ संघर्ष किया। विभाजन के बाद जब शाहरुख के परिवार ने भारत में नए सिरे से शुरुआत की, तो उनकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो गई। उस समय उनके परिवार को दो वक्त की रोटी जुटाना भी मुश्किल था। शाहरुख की मां, लतीफ फातिमा, एक समाजसेवी थीं, और परिवार की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए उन्होंने नौकरी शुरू की।
बचपन में शाहरुख खान का सपना एक खिलाड़ी बनने का था। वह हॉकी और फुटबॉल के बड़े प्रशंसक थे। लेकिन एक दिन स्कूल में खेलते वक्त वह गिर गए और गंभीर रूप से चोटिल हो गए, जिससे उनका खेल के प्रति सपना अधूरा रह गया। इसके बाद शाहरुख ने अभिनय की दिशा में कदम बढ़ाया। उन्होंने दिल्ली के सेंट कोलंबिया स्कूल से शिक्षा प्राप्त की और वहां अपने खेल के प्रति उत्साह के लिए जाने गए।
शाहरुख ने हंसराज कॉलेज से इकोनॉमिक्स में स्नातक की डिग्री हासिल की, और जामिया मिलिया इस्लामिया से मास कम्युनिकेशन में भी दाखिला लिया। लेकिन उन्होंने अपने अभिनय करियर को आगे बढ़ाने के लिए पढ़ाई को छोड़ दिया और बैरी जॉन से अभिनय की शिक्षा लेने लगे।
फौजी बन शाहरुख खान ने की करियर की शुरुआत
शाहरुख खान ने अपने करियर की शुरुआत 1980 के दशक में टेलीविजन से की। उन्होंने शो ‘फौजी’ और ‘दिल दरिया’ में काम किया, जिससे उन्हें पहचान मिली। लेकिन उनका असली स्टारडम 1992 में फिल्म ‘दीवाना’ से शुरू हुआ। इस फिल्म में उन्होंने दिव्या भारती और ऋषि कपूर के साथ काम किया। इसके बाद उन्होंने ‘डर’ और ‘बाज़ीगर’ जैसी फिल्में की, जिन्होंने उन्हें रोमांस के किंग बना दिया। शाहरुख की हर फिल्म ने दर्शकों के दिलों में एक खास जगह बनाई और वे धीरे-धीरे बॉलीवुड के सबसे बड़े सितारे बन गए।
शाहरुख खान की शादी गौरी चक्रवर्ती से हुई, जो एक पारंपरिक हिंदू-पंजाबी परिवार से हैं। दोनों की पहली मुलाकात दिल्ली में हुई थी, जब शाहरुख ने गौरी के परिवार को अपने प्यार से जीतने की कोशिश की। उनके प्रेम में कई उतार-चढ़ाव आए, लेकिन शाहरुख ने कभी हार नहीं मानी। उन्होंने गौरी के परिवार के सदस्यों के साथ समय बिताकर और उन्हें थिएटर और डिस्को लेकर जाकर अपने प्यार को साबित किया।
मां कहती थी एक दिन तू जरूर बनेगा स्टार
शाहरुख खान अपने माता-पिता को बहुत याद करते हैं। उनके पिता ने हमेशा कहा था कि उनका बेटा एक दिन बड़ा स्टार बनेगा। हालांकि, वह इस सफलता को अपने माता-पिता के सामने नहीं देख पाए। 1980 में उनके पिता कैंसर से गुजर गए और 1991 में उनकी मां भी उनका साथ छोड़ गईं। शाहरुख का मानना है कि उनके माता-पिता आसमान में सितारों की तरह उन्हें देख रहे हैं, और जब भी वह अपने माता-पिता की याद करते हैं, तो वह मन्नत की छत पर जाकर उनके लिए प्रार्थना करते हैं।
आज, शाहरुख खान एक ऐसा नाम हैं, जो न केवल भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में मशहूर है। लॉस एंजेलेस टाइम्स ने उन्हें एक बार दुनिया का सबसे बड़ा फिल्म स्टार कहा था। शाहरुख खान की फैन फॉलोइंग लाखों में है, और उनके प्रति दीवानगी इतनी है कि जब वह विदेशों में होते हैं, तो वहां का ट्रैफिक भी रुक जाता है।
शाहरुख खान ने केवल रोमांस की फिल्में नहीं कीं, बल्कि उन्होंने विभिन्न प्रकार की भूमिकाएं भी निभाईं। ‘स्वदेस’, ‘चक दे इंडिया’, ‘माई नेम इज़ खान’, ‘फैन’ और ‘जीरो’ जैसी फिल्मों में उन्होंने अपने अभिनय का लोहा मनवाया। वह खुद को एक अभिनेता के रूप में लगातार चुनौती देते रहे हैं, और यही उनके करियर की विशेषता है।
शाहरुख खान का सामाजिक योगदान भी कम नहीं है। उन्होंने विभिन्न चैरिटीज में भाग लिया है और लोगों के लिए प्रेरणा बने हैं। उनके द्वारा स्थापित ‘मन्नत’ चैरिटी और उनके योगदान ने बहुत से लोगों की जिंदगी में बदलाव लाने में मदद की है।
शाहरुख खान की कहानी एक प्रेरणा है उन सभी के लिए जो कठिनाइयों के बावजूद अपने सपनों का पीछा करने का साहस रखते हैं। उनके जीवन का सफर यह दर्शाता है कि मेहनत और संकल्प से किसी भी कठिनाई को पार किया जा सकता है। आज, शाहरुख खान केवल एक अभिनेता नहीं, बल्कि एक प्रतीक हैं कि सपनों को साकार करने के लिए किसी भी परिस्थिति का सामना किया जा सकता है।