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चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र की डीजीपी रश्मि शुक्ला को हटाया, विपक्ष ने किया स्वागत

rashmi shukla

चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए राज्य की पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) रश्मि शुक्ला  को हटाने का आदेश दिया है। कांग्रेस समेत कई राजनीतिक दलों ने उनके खिलाफ शिकायत की थी, जिसके बाद आयोग ने यह कदम उठाया।

रश्मि शुक्ला का ट्रांसफर

चुनाव आयोग की ओर से रश्मि शुक्ला का तुरंत प्रभाव से ट्रांसफर किया गया है। आयोग ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि वे कैडर में अगले सबसे वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी को डीजीपी का कार्यभार सौंपें। इसके साथ ही, मुख्य सचिव को मंगलवार दोपहर 1 बजे तक नए डीजीपी के पद के लिए तीन आईपीएस अधिकारियों का पैनल भी भेजने का आदेश दिया गया है।

विपक्ष का स्वागत

इस फैसले का राज्य के विपक्षी दलों ने स्वागत किया है। कांग्रेस के ओबीसी नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर इस फैसले का समर्थन किया। उन्होंने लिखा कि चुनाव आयोग का यह कदम दर्शाता है कि वर्तमान सरकार बेईमान है। यह प्रतिक्रिया इस बात का संकेत है कि रश्मि शुक्ला के कार्यकाल को लेकर विपक्ष के मन में कितनी चिंताएं थीं।

पूर्व में की गई थीं शिकायतें

कांग्रेस की महाराष्ट्र यूनिट के अध्यक्ष नाना पटोले ने भी आयोग को एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने 20 नवंबर को होने वाले चुनावों के मद्देनजर रश्मि शुक्ला को हटाने की मांग की थी। पटोले ने आरोप लगाया था कि रश्मि शुक्ला एक विवादास्पद अधिकारी हैं, जिन्होंने अपने कार्यकाल में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का पक्ष लिया है। उन्होंने कहा कि उनके पद पर बने रहने से निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराने में संदेह पैदा होगा।

कांग्रेस ने उठाए थे सवाल

कांग्रेस ने पहले ही 24 सितंबर और 4 अक्टूबर को रश्मि शुक्ला को हटाने के लिए पत्र लिखा था। इसके बाद, 27 सितंबर को पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल इस मांग को चुनाव अधिकारियों के समक्ष भी दोहराने गया था। पार्टी ने चुनाव आयोग से अपेक्षा की थी कि वह इस मुद्दे को गंभीरता से लेगा और सही निर्णय करेगा।

मुख्य चुनाव आयुक्त की चेतावनी

मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने पहले भी समीक्षा बैठकों में अधिकारियों को निष्पक्षता बरतने की सलाह दी थी। उन्होंने चेतावनी दी थी कि सभी अधिकारियों को अपने कर्तव्यों का पालन करते समय न्यूट्रल रहना होगा, खासकर जब चुनावों की घोषणा हो चुकी हो।

इस निर्णय के बाद, अब देखना यह होगा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में इस बदलाव का क्या असर पड़ता है और नए डीजीपी का चयन किस प्रकार किया जाएगा।

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