जब पीएम मोदी के सवाल ने कर दिया था विदेश मंत्री जयशंकर को मौन
विदेश मंत्री एस जयशंकर इन दिनों ऑस्ट्रेलिया के पांच दिवसीय दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने क्वींसलैंड में एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया, जहां उन्होंने भारत और ऑस्ट्रेलिया के रिश्तों पर बात की। इस मौके पर उन्होंने एक ऐसी घटना का जिक्र किया, जो 2014 में घटी थी और जिसने उन्हें गहराई से सोचने पर मजबूर कर दिया था।
इस सवाल का कोई जवाब नहीं था
जयशंकर ने बताया कि 2014 में, जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने थे, तब उन्होंने एक सवाल पूछा था। मोदी जी ने पूछा था, “मुझे समझाइए कि ऑस्ट्रेलिया के साथ हमारे रिश्ते क्यों नहीं विकसित हुए? दोनों देशों के बीच सब कुछ तो ठीक चल रहा है।” जयशंकर ने स्वीकार किया कि उस समय उनके पास इस सवाल का कोई जवाब नहीं था। उन्होंने कहा, “ऐसा इसलिए था क्योंकि मैंने खुद इस पर कभी गहराई से विचार नहीं किया था।”
यह घटना दिखाती है कि कैसे प्रधानमंत्री मोदी हमेशा से ही भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करने के लिए सोचते रहे हैं। जयशंकर ने बताया कि उस दिन के बाद से, भारत और ऑस्ट्रेलिया के रिश्तों में काफी सुधार हुआ है।
विदेश मंत्री ने यह भी बताया कि आज ऑस्ट्रेलिया, भारत का एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार है। दोनों देश क्वाड समूह के सदस्य हैं, जो एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय मंच है। उन्होंने कहा कि यह रिश्ता अपने आप नहीं बना है, बल्कि दोनों देशों के लोगों ने इसे मजबूत करने के लिए प्रयास किए हैं।
क्वींसलैंड का महत्व
जयशंकर ने क्वींसलैंड के बारे मे बात करते हुए बताया कि वहां लगभग 1,25,000 भारतीय मूल के लोग रहते हैं। साथ ही, ऑस्ट्रेलिया से भारत को होने वाले 75 प्रतिशत निर्यात ब्रिसबेन से होता है, जो क्वींसलैंड की राजधानी है।
इस दौरे के दौरान जयशंकर कई महत्वपूर्ण बैठकों में हिस्सा लेंगे। वे कैनबरा में 15वें विदेश मंत्रियों की रूपरेखा वार्ता की सह-अध्यक्षता करेंगे। इसके अलावा, वे ऑस्ट्रेलियाई संसद भवन में होने वाले ‘रायसीना डाउन अंडर’ कार्यक्रम में मुख्य वक्ता होंगे।
जयशंकर की फिटनेस का राज
अपनी फिटनेस पर बात करते हुए उन्होंने बताया कि वे रोजाना एक घंटा योग और खेल के लिए निकालते हैं। उनका मानना है कि फिट रहने के लिए प्रतिस्पर्धी खेल खेलना सबसे अच्छा तरीका है। जयशंकर ने बताया कि वे स्क्वैश खेलते हैं, जो उन्हें फिट रहने में मदद करता है।
इस तरह के दौरे और बातचीत से पता चलता है कि भारत अपने अंतरराष्ट्रीय संबंधों को कितना महत्व देता है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में, भारत लगातार दुनिया भर के देशों के साथ अपने रिश्ते मजबूत कर रहा है। ऑस्ट्रेलिया के साथ बढ़ते संबंध इसका एक अच्छा उदाहरण हैं।