हिंदू मंदिर पर हमले से बढ़ा भारत-कनाडा तनाव: जयशंकर ने जताई चिंता
कनाडा में हाल ही में एक हिंदू मंदिर पर हुए हमले ने भारत और कनाडा के बीच पहले से चल रहे तनाव को और बढ़ा दिया है। इस घटना के होने से दोनों देशों के बीच पहले से चल रहे कूटनीतिक विवाद को और गहरा कर दिया है। भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने इस घटना पर अपनी गहरी चिंता जताई है।
चरमपंथी ताकतों को दिया जा रहा बढ़ावा
भारतीय विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने कहा, “कनाडा में हिंदू मंदिर पर हुआ हमला बेहद चिंताजनक है। यह घटना दिखाती है कि वहां चरमपंथी ताकतों को राजनीतिक स्पेस दिया जा रहा है।” उन्होंने यह भी कहा कि कनाडा द्वारा भारतीय राजनयिकों की निगरानी रखना पूरी तरह से अस्वीकार्य है।
कनाडा में हाल ही में हुई इस घटना का संदर्भ काफी महत्वपूर्ण है। यह वाकया उस समय हुआ है जब कुछ हफ्ते पहले ही कनाडा ने एक बड़ा कदम उठाया था। दरअसल, ओटावा ने 2023 में एक कैनेडियन खालिस्तानी आतंकवादी की हत्या के मामले में भारतीय राजनयिकों के सम्मलित होने का आरोप लगाया था जिसके बाद भारत ने अपने हाई कमिश्नर सहित अन्य 6 अधिकारीयों को वापस बुला लिया था।
इस कार्रवाई के पीछे कनाडा का एक गंभीर आरोप था। उनका कहना था कि भारत सरकार कनाडा में रह रहे दक्षिण एशियाई असंतुष्टों के खिलाफ एक बड़ा अभियान चला रही है। हालांकि, नई दिल्ली ने इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है।
इस घटना के बाद, ब्रैंपटन स्थित हिंदू सभा मंदिर के बाहर बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए। वे मंदिर और हिंदू समुदाय के साथ एकजुटता दिखाने के लिए आए थे। प्रदर्शनकारियों ने कनाडा के राजनेताओं और कानून प्रवर्तन एजेंसियों से इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की मांग की।
ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री का आया था बयान
यह मामला केवल कनाडा तक सीमित नहीं है। पिछले महीने ऑस्ट्रेलिया के कैनबरा में भी दो हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की गई थी। ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वोंग ने इसे भारतीय समुदाय के लिए परेशान करने वाला बताया था। उन्होंने कहा था, “हर ऑस्ट्रेलियाई को सुरक्षित और सम्मानित महसूस करने का अधिकार है। लोगों को शांतिपूर्वक विरोध करने और अपने विचार व्यक्त करने का भी अधिकार है। लेकिन हम हिंसा, नफरत फैलाने या बर्बरता के बीच एक स्पष्ट रेखा खींचते हैं।”
इस घटना ने भारत और कनाडा के बीच पहले से चल रहे तनाव को और बढ़ा दिया है। दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों में पहले से ही खटास है, और यह घटना इसे और गहरा कर सकती है। भारत सरकार ने कनाडा से इस तरह की घटनाओं को रोकने और हिंदू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।