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पाकिस्तान में चीनी नागरिकों पर फिर चली गोलिया, कराची में दो और लोग गोलीबारी के शिकार

Pakistan: पाकिस्तान में चीनी नागरिकों की सुरक्षा एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। मंगलवार को कराची में दो चीनी नागरिकों पर हुई गोलीबारी की घटना ने एक बार फिर इस मुद्दे में जान फूंक दी है। यह घटना पिछले कुछ महीनों में तीसरी ऐसी बड़ी घटना है जिसमे चीनी नागरिकों पर हमला किया गया है।

पुलिस ने की हमले की पुष्टि 

कराची पुलिस के एक अधिकारी फैजान अली ने इस घटना की पुष्टि की है। हालांकि, अभी तक घटना की पूरी जानकारी सामने नहीं आई है। लियाकत नेशनल हॉस्पिटल के प्रवक्ता ने बताया कि दोनों घायलों को गंभीर हालत में भर्ती किया गया है।

यह घटना पाकिस्तान में चीनी नागरिकों पर हो रहे हमलों की लंबी श्रृंखला का हिस्सा है।इससे पहले भी ऐसे कई हमले चीनी नागरिको पर हो चुके है।  इससे पहले अक्टूबर में, कराची एयरपोर्ट के पास हुए एक आत्मघाती हमले में दो चीनी नागरिक मारे गए थे और 10 अन्य घायल हुए थे। तब इस हमले की जिम्मेदारी बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) ने ली थी।

इसके अलावा मार्च में, खैबर पख्तूनख्वा में हुए एक आत्मघाती हमले में पांच चीनी इंजीनियरों की जान चली गई थी। ये सभी घटनाएं चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के निर्माण से जुड़ी हुई हैं। पिछले एक दशक में, सीपीईसी परियोजना की शुरुआत से अब तक, 21 चीनी नागरिक इस तरह के हमलों में अपनी जान गंवा चुके हैं।

चीन का बयान 

पाकिस्तान में चीन के राजदूत जियांग जैडांग ने इन घटनाओं की कड़ी निंदा की है। उन्होंने पाकिस्तान सरकार से चीन विरोधी आतंकी समूहों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। एक सेमिनार में बोलते हुए, राजदूत ने कहा कि सीपीईसी की सुरक्षा एक बड़ी चिंता का विषय है। उन्होंने पाकिस्तान से चीनी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने का आग्रह किया है।

हमले के पीछे का कारण 

इन हमलों के पीछे कई कारण हो सकते हैं। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि ये हमले सीपीईसी परियोजना को निशाना बनाकर किए जा रहे हैं। यह परियोजना चीन और पाकिस्तान के बीच आर्थिक सहयोग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। दूसरी ओर, कुछ लोगों का मानना ये भी है कि ये हमले स्थानीय असंतोष का परिणाम हैं, जो सीपीईसी के कारण उत्पन्न हुआ है।

पाकिस्तान सरकार इन हमलों को रोकने के लिए कई कदम उठा रही है। सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाई गई है और चीनी नागरिकों के लिए विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई है। लेकिन इन प्रयासों के बावजूद, हमले जारी हैं, जो की दोनों देशों के लिए चिंता का विषय है।

इन घटनाओं ने चीन-पाकिस्तान संबंधों पर भी प्रभाव डाला है। हालांकि दोनों देश इन चुनौतियों का सामना करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं, लेकिन यह स्पष्ट है कि सुरक्षा की स्थिति में सुधार की आवश्यकता है।

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