पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत पर उन्हें बधाई दी। लेकिन इस बधाई संदेश ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। शरीफ ने बधाई देने के लिए एक्स (पूर्व में ट्विटर) का इस्तेमाल किया, जो पाकिस्तान में प्रतिबंधित है। इस कारण उन्हें अपने ही देश में आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।
शहबाज शरीफ का विवादित बधाई संदेश
शहबाज शरीफ ने एक्स पर लिखा, “राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को ऐतिहासिक जीत की बधाई! मैं पाकिस्तान-अमेरिका साझेदारी को और मजबूत व व्यापक बनाने के लिए आने वाले प्रशासन के साथ मिलकर काम करने को उत्सुक हूं।” यह संदेश सामान्य परिस्थितियों में कोई समस्या नहीं खड़ी करता, लेकिन पाकिस्तान में एक्स पर प्रतिबंध लगा होने के कारण यह विवाद का विषय बन गया।
इस पोस्ट के नीचे एक कम्युनिटी नोट जोड़ा गया, जिसमें बताया गया कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री वास्तव में एक वीपीएन (वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क) के माध्यम से प्लेटफॉर्म तक पहुंच रहे हैं। यह पाकिस्तान के कानून के अनुसार राष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन है।
पाकिस्तान में एक्स पर प्रतिबंध और उसके कारण
पाकिस्तान सरकार ने 2024 की शुरुआत में सुरक्षा कारणों से देश में एक्स को प्रतिबंधित कर दिया था। पाकिस्तानी सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने इस फैसले के पीछे राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दों का हवाला दिया था। उन्होंने दावा किया था कि बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) से जुड़े आतंकवादी अपनी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को फैलाने के लिए इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहे थे।
हालांकि, इस प्रतिबंध के बावजूद कई पाकिस्तानी नागरिक वीपीएन के माध्यम से एक्स का उपयोग करते रहे हैं। लेकिन जब देश के प्रधानमंत्री ही इस तरह से प्रतिबंधित प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हैं, तो यह गंभीर चिंता का विषय बन जाता है।
जनता की प्रतिक्रिया और विवाद
शहबाज शरीफ के इस कदम ने पाकिस्तानी जनता में नाराजगी पैदा कर दी है। सोशल मीडिया पर लोग उनकी आलोचना कर रहे हैं और उन्हें ट्रोल कर रहे हैं। कई लोगों का मानना है कि अगर प्रधानमंत्री ही कानून का उल्लंघन करेंगे, तो आम जनता से क्या उम्मीद की जा सकती है।
एक यूजर ने तंज कसते हुए लिखा, “अगर पाखंड का कोई चेहरा होता, तो वह शहबाज शरीफ होता।” कुछ लोगों ने एक्स के मालिक एलन मस्क को टैग करते हुए इस मुद्दे की ओर ध्यान आकर्षित किया। कई लोगों का सुझाव है कि अगर प्रधानमंत्री ही एक्स का उपयोग कर रहे हैं, तो पाकिस्तान में इस प्लेटफॉर्म से पाबंदी हटा देनी चाहिए।
यह घटना पाकिस्तान की राजनीतिक व्यवस्था में मौजूद विरोधाभासों को उजागर करती है। एक तरफ सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाती है, वहीं दूसरी तरफ उसके शीर्ष नेता ही उन नियमों का उल्लंघन करते हुए दिखाई देते हैं। यह स्थिति न केवल सरकार की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करती है, बल्कि देश के कानूनों और नियमों की प्रभावशीलता पर भी प्रश्नचिह्न लगाती है।
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