पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में स्थित क्वेटा रेलवे स्टेशन पर शनिवार को हुए एक भीषण बम धमाके ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। इस आत्मघाती हमले में 24 लोगों की जान चली गई है, जबकि 46 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इस हमले की जिम्मेदारी प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने ली है।
हमले का विवरण और प्रशासन की प्रतिक्रिया
क्वेटा प्रभाग के आयुक्त हमजा शफकत ने पुष्टि की कि यह एक आत्मघाती हमला था। उन्होंने बताया कि प्रशासन रेलवे अधिकारियों को पत्र लिखकर रेल सेवाओं को रद्द करने का अनुरोध कर रहा है। क्वेटा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मोहम्मद बलूच ने बताया कि हमले के समय स्टेशन पर लगभग 100 लोग मौजूद थे। विस्फोट के वक्त एक जफर एक्सप्रेस ट्रेन पेशावर के लिए प्लेटफॉर्म से रवाना होने वाली थी।
बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता शाहिद रिंद ने कहा कि पुलिस और सुरक्षा बल तुरंत घटनास्थल पर पहुंच गए। उन्होंने यह भी बताया कि आसपास के अस्पतालों में आपातकाल घोषित कर दिया गया है और घायलों का इलाज किया जा रहा है। बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री सरफराज बुगती ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह “निर्दोष लोगों को निशाना बनाने का सिलसिला” है।
बीएलए का आतंक और पाकिस्तान में बढ़ती हिंसा
यह हमला बलूचिस्तान के मस्तुंग जिले में एक बालिका विद्यालय और अस्पताल के पास हुए बम विस्फोट के ठीक एक सप्ताह बाद हुआ है, जिसमें पांच बच्चों सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी। पिछले साल से पाकिस्तान, खासकर बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों में, आतंकवादी गतिविधियों में तेज वृद्धि देखी गई है।
बीएलए (BLA) ने पहले भी कई हमले किए हैं। 26 अगस्त को इसी संगठन ने कोलपुर और माच के बीच एक प्रमुख रेलवे पुल को नष्ट कर दिया था, जिसके बाद पूरे देश में ट्रेन सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी गई थीं। हालांकि, 11 अक्टूबर से क्वेटा और पेशावर के बीच ट्रेन सेवाओं को फिर से शुरू किया गया था।
पाकिस्तान में 2023 में 789 आतंकी हमले और आतंकवाद विरोधी अभियान हुए, जिनमें 1,524 लोगों की मौत हुई और 1,463 लोग घायल हुए। यह आंकड़ा पिछले छह सालों में सबसे ज्यादा है। हालांकि, एक सुरक्षा रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त की तुलना में सितंबर में आतंकवादी हमलों में 24 प्रतिशत की कमी आई थी।
इस तरह के हमले पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं। सरकार को आतंकवाद से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है, ताकि आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी इस मुद्दे पर ध्यान देना चाहिए और पाकिस्तान की मदद करनी चाहिए, ताकि इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता कायम की जा सके।
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