इजरायल का लेबनान पर बड़ा हमला, बेरूत में 40 से अधिक लोगों की मौत की आशंका
Israel-Lebanon conflict: इजरायल और लेबनान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। इजरायल ने लेबनान की राजधानी बेरूत पर बड़ा हमला किया है, जिसमें 40 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है। इजरायली सेना लगातार हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हमले कर रही है। इस हमले से पहले इजरायली सेना ने शहर के कुछ हिस्सों को खाली करने का आदेश दिया था।
हूती विद्रोहियों का इजरायल पर हमला
इस बीच, यमन के हूती विद्रोहियों ने इजरायल पर हमला करने का दावा किया है। हूती सैन्य प्रवक्ता याह्या सरेया ने कहा कि उन्होंने इजरायल के नेवातिम एयरबेस पर एक हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल दागी है। उन्होंने यह हमला गाजा पट्टी में हमास और लेबनान में हिजबुल्लाह के समर्थन में किया है। सरेया ने यह भी दावा किया कि उनके हवाई सुरक्षा बलों ने अल-जौफ प्रांत के हवाई क्षेत्र में एक अमेरिकी एमक्यू-9 ड्रोन को मार गिराया है।
इजरायल की शर्तें और अंतरराष्ट्रीय दबाव
इजरायल लगातार लेबनान में हिजबुल्लाह पर हमले कर रहा है, साथ ही गाजा में भी हमास के ठिकानों को निशाना बना रहा है। इजरायल पर आरोप लग रहे हैं कि वह गाजा में राहत कार्य को भी ठीक से चलने नहीं दे रहा है। संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका की अपील को भी इजरायल ने अनसुना कर दिया है।
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन से बातचीत में स्पष्ट किया कि वह एकतरफा युद्धविराम के खिलाफ हैं। इजरायल का कहना है कि लेबनान में स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है और वह अपनी कार्रवाई जारी रखेगा।
इजरायल ने लेबनान के साथ संघर्ष को रोकने के लिए कुछ शर्तें रखी हैं:
- इजरायल और लेबनान के बीच एक बफर जोन बनाया जाए, जहां कोई हिजबुल्लाह लड़ाका न हो।
- ऐसी कोई व्यवस्था न हो, जिसमें हिजबुल्लाह को फिर से संगठित होने और हथियार जमा करने की छूट मिले।
इजरायल का कहना है कि वह इन शर्तों के बिना किसी भी समझौते को स्वीकार नहीं करेगा।
तनाव का बढ़ता दायरा
Israel-Lebanon conflict: इजरायल और लेबनान के बीच बढ़ते तनाव ने पूरे मध्य पूर्व क्षेत्र में चिंता बढ़ा दी है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय लगातार दोनों पक्षों से संयम बरतने और शांतिपूर्ण समाधान खोजने की अपील कर रहा है। लेकिन इजरायल का कहना है कि जब तक उसकी सुरक्षा सुनिश्चित नहीं होती, वह अपनी कार्रवाई जारी रखेगा।
इस स्थिति ने मानवीय संकट को भी बढ़ा दिया है। गाजा में पहले से ही भीषण स्थिति है, और अब लेबनान में भी नागरिकों की सुरक्षा खतरे में है। अंतरराष्ट्रीय संगठन लगातार राहत सामग्री पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन युद्ध की स्थिति में यह काम बेहद मुश्किल हो गया है।
इस संघर्ष का असर पूरे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ रहा है। तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव, व्यापार में बाधा और पर्यटन उद्योग को भारी नुकसान हो रहा है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस स्थिति को लेकर चिंतित है और जल्द से जल्द शांति बहाली की उम्मीद कर रहा है।
यह भी पढ़े :