उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नारा ‘बंटोगे तो कटोगे’ एक चुनावी मुद्दा बन चुका है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता जहां एक तरफ इस नारे का इस्तेमाल वोटर्स को लुभाने के लिए कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ विपक्षी पार्टियां इस नारे का सहारा लेकर जनता को अपनी तरफ खींचने की कोशिश कर रहे हैं। महाराष्ट्र में एक मीडिया चैनल से बातचीत में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ‘बंटोगे तो कटोगे’ का मतलब जनता को बताया है।
क्या है बंटोगे तो कटोगे का मतलब?
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नारा बंटोगे तो कटोगे का जिक्र राजनीतिक रैलियों में खूब हो रहा है। इतना ही नहीं यह हर चुनाव में मुद्दा बनता जा रहा है। यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपनी रैलियों में इस नारे का जिक्र करते हैं। वहीं गृहमंत्री अमित शाह से जब ‘बंटोगे तो कटोगे’ नारे का मतलब पूछा गया तो उन्होंने ऐसी बातें कहीं कि राहुल गांधी, उद्धव ठाकरे और शरद पवार सबको जवाब मिल गया होगा।
अमित शाह ने बताया नारे का मतलब
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि ‘जहां तक बांटने की बात है, तो यह कांग्रेस का काम है। वो पार्टी लोगों को बांटती है, अलग-अलग तरीके से जातियों में बांटती है, समाज को बांटती है। इसके अलावा वहीं रही काटने की बात, तो पूरे देश की जनता जानती है कि सबसे ज्यादा दंगे महाविकास अघाड़ी और कांग्रेस के शासनकाल में हुए हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के समय सबसे ज्यादा आतंकी हमले हुए हैं। पीएम मोदी महाराष्ट्र की जनता को इसी वजह से आगाह कर रहे हैं।
विपक्ष का बीजेपी पर तीखा हमलावर
बता दें कि राहुल गांधी, शरद पवार और उद्धव ठाकरे ‘बंटोगे तो कटोगे’ नारे को लेकर बीजेपी पर हमलावर हैं। कांग्रेस ने कहा कि बांटने और काटने का काम तो बीजेपी करती आई है। ऐसे में उसके मुंह से ऐसा नारा शोभा नहीं देता है। उद्धव के करीबी संजय राउत तो यहां तक कह चुके हैं कि बीजेपी इस नारे से महाराष्ट्र में दंगे भड़काना चाहती है। बीजेपी की सहयोगी अजित पवार की एनसीपी भी इस नारे का खुलकर विरोध कर चुके हैं। हालांकि बीजेपी के सहयोगी अजित पवार ने कहा कि यह शिवाजी की धरती है, यह नारा महाराष्ट्र में ये नहीं चलेगा।
जातियों में बांटने की कोशिश
गृह मंत्री अमित शाह ने पार्टी का संकल्पपत्र जारी करते हुए कहा है कि कांग्रेस जातियों में बांटकर वोट लेना चाहती है, तो शरद पवार झूठे वादे करके सत्ता हथियाने की फिराक में हैं। उन्होंने कहा कि उनके मंसूबे कभी पूरे नहीं होने वाले हैं। हम धर्मांतरण नहीं होने देंगे, धर्मांतरण रोकने के लिए कठोर कानून लेकर आएंगे। अमित शाह ने कहा कि आज धर्म के आधार पर लामबंधी करके फतवे जारी किए जा रहे हैं। महाविकास अघाड़ी को समर्थन देने के लिए प्रेस कांफ्रेंस किया जा रहा है, यह समाज को बांटना नहीं, तो और क्या है?