UPPSC के परीक्षा विवाद के बीच छात्र आंदोलन तेज, क्या परीक्षा टाली जाएगी?
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) और प्रतियोगी छात्रों के बीच जारी विवाद ने अब गंभीर रूप ले लिया है। सोमवार को प्रयागराज में छात्र विरोध प्रदर्शन के दौरान स्थिति तनावपूर्ण हो गई, जब पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज किया और छात्रों ने आयोग के दफ्तर के बाहर प्रदर्शनों को और उग्र बना दिया। यह विरोध अब केवल एक परीक्षा की तारीख पर नहीं, बल्कि यूपीपीएससी की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल उठाने का रूप ले चुका है। इस बीच, आयोग पर भी दबाव बढ़ता जा रहा है कि वह आगामी RO ARO और PCS प्री परीक्षा की तारीखों में बदलाव पर विचार करे।
UPPSC परीक्षा पर छात्रों का विरोध प्रदर्शन
सोमवार को यूपीपीएससी के दफ्तर के बाहर हजारों की संख्या में छात्र जमा हो गए और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। छात्र आरोप लगा रहे थे कि आयोग ने परीक्षा की तारीखें बिना किसी विचार-विमर्श के जारी कर दी हैं, जिसके कारण छात्रों को भारी कठिनाई हो रही है। इसके अलावा, छात्रों ने आयोग के गेट पर ‘लूट सेवा आयोग’ और ‘चिलम सेवा आयोग’ जैसे नारे लिखे, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गए। छात्र अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहते हैं कि आयोग में बैठे अधिकारी अपने कर्तव्यों को ठीक से नहीं निभा रहे और उनकी समस्याओं को नजरअंदाज कर रहे हैं।
इस विरोध प्रदर्शन के दौरान छात्रों का गुस्सा पूरी तरह से फूट पड़ा, और 10,000 से ज्यादा छात्र आयोग के दफ्तर में पहुंच गए। छात्रों का आरोप है कि आयोग द्वारा एक ही दिन में तीन पालियों में परीक्षा कराने का फैसला छात्रों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। उनका कहना है कि एक दिन में और एक पाली में परीक्षा करानी चाहिए थी। पुलिस ने कई छात्रों को बैरिकेडिंग तोड़कर अंदर घुसने की कोशिश करते हुए पकड़ लिया और उन्हें बाहर खदेड़ दिया, जिसके बाद विरोध और उग्र हो गया।
क्या UPPSC RO ARO परीक्षा टाली जाएगी?
प्रदर्शन को देखते हुए यूपीपीएससी ने स्पष्ट किया है कि RO ARO और PCS प्री परीक्षा की डेटशीट में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। आयोग ने पहले ही इन दोनों परीक्षाओं के आयोजन के लिए तीन से अधिक पालियों में तारीखों की घोषणा की थी। हालांकि, छात्रों का कहना है कि यह फैसला उनके हित में नहीं है और वे इसे स्वीकार नहीं करेंगे। इसी कारण अब परीक्षा के आयोजन को लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।
प्रदर्शनकारी छात्रों की मांग है कि पीसीएस 24 और आरओ/एआरओ 2023 की प्री परीक्षा एक दिन में और एक ही पाली में आयोजित की जाए, ताकि छात्रों को कोई परेशानी न हो। इसके अलावा, छात्रों का कहना है कि ‘नार्मलाइजेशन’ प्रक्रिया के तहत परीक्षा परिणाम की गिनती भी सही तरीके से नहीं की जाती, और इसका असर उनकी मेहनत पर पड़ता है।
प्रदर्शनकारियों की नाराजगी को देखते हुए प्रयागराज के डीएम और यूपीपीएससी के सचिव ने सोमवार की रात छात्रों से बात की, लेकिन यह बातचीत बेनतीजा रही। छात्रों ने स्पष्ट रूप से कह दिया कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं तो वे प्रदर्शन जारी रखेंगे। मंगलवार सुबह भी डीएम और पुलिस कमिश्नर छात्रों से बातचीत करने पहुंचे, लेकिन छात्रों ने कहा कि केवल परीक्षा की तिथियों में बदलाव से उनकी समस्या का हल नहीं होगा, वे तब तक नहीं मानेंगे जब तक ‘नार्मलाइजेशन’ की प्रक्रिया को रद्द नहीं किया जाता।
UPPSC PCS 2024 परीक्षा पर संकट के बादल
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस पूरे मामले का संज्ञान लिया और आयोग को आंदोलनकारी छात्रों से बात करने के निर्देश दिए हैं। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री के आदेश के बाद आयोग के भीतर बैठकें हो रही हैं और इस मामले में एक ठोस निर्णय लिया जा सकता है। कई रिपोर्ट्स के अनुसार, सीएम योगी ने आयोग को यह निर्देश दिया है कि वह छात्रों के साथ बातचीत कर समस्या का हल निकाले।
अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि परीक्षा की तिथियों में कोई बदलाव होगा या नहीं, लेकिन इस विवाद ने आयोग के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि किसी भी परिस्थिति में छात्रों के हित में फैसला लिया जाएगा और जो भी समस्या है, उसका समाधान जल्द निकाला जाएगा।
अब तक की जानकारी के अनुसार, पीसीएस 24 प्री परीक्षा 7 और 8 दिसंबर को आयोजित होनी है, जबकि आरओ एआरओ 2023 परीक्षा 22 और 23 दिसंबर को प्रस्तावित है। छात्रों का कहना है कि इस तरह की परीक्षा की तारीखों में कई समस्याएं आ सकती हैं, और यदि यह परीक्षा दो दिन में होती है, तो उनके लिए तैयारी में मुश्किलें बढ़ सकती हैं। छात्रों ने इसे लेकर गहरी चिंता जताई है और आंदोलन में शामिल अन्य छात्रों का भी यही कहना है कि आयोग को एक दिन में परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लेना चाहिए।
लोक गायिका नेहा राठौर का समर्थन
इस बीच, लोक गायिका नेहा सिंह राठौर ने भी इस आंदोलन का समर्थन किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को लेकर सरकार और यूपीपीएससी को घेरा। राठौर ने कहा कि यह सरकार वही खेल करने की कोशिश कर रही है जो पहले विश्वविद्यालयों में किया था। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि छात्रों के लिए परीक्षा की तारीखें बदलने का निर्णय सही है और इस पर जल्द कार्रवाई होनी चाहिए।
कोचिंग संस्थानों का विरोध
दूसरी ओर, छात्रों को कोचिंग संस्थानों का समर्थन नहीं मिल रहा है, और इससे भी छात्रों में गुस्सा है। छात्रों का कहना है कि कोचिंग संस्थान उनकी समस्याओं पर चुप हैं और वे केवल अपनी साख बचाने में लगे हुए हैं। मंगलवार को छात्रों ने इन कोचिंग संस्थानों के पोस्टरों को फाड़कर और उनकी प्रचार सामग्री को सड़क से हटाकर विरोध जताया।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा को लेकर छात्रों का आंदोलन अभी और तेज हो सकता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल के बाद आयोग जल्द ही छात्रों से बातचीत कर एक समाधान निकालने की कोशिश करेगा। हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं है कि परीक्षा की तारीखें बदली जाएंगी या नहीं, लेकिन आयोग के फैसले पर सभी की नजरें हैं। छात्रों की मांग है कि परीक्षा को एक दिन में आयोजित किया जाए और नार्मलाइजेशन प्रक्रिया को खत्म किया जाए, ताकि उनकी मेहनत का सही मूल्यांकन हो सके।