टीवी एंकर से मिनटों में बने रक्षा मंत्री! जानिए कौन हैं ट्रंप की पसंद ‘पीट हेगसेथ’?
US Defence Secretary Pete Hegseth: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी नई सरकार के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने फॉक्स न्यूज के मशहूर एंकर और पूर्व सैनिक पीट हेगसेथ को अपना नया रक्षा मंत्री चुना है। यह खबर अमेरिकी मीडिया में तेजी से फैल गई है। आइए जानते हैं कि कौन हैं पीट हेगसेथ और क्यों ट्रंप ने उन्हें इतनी अहम जिम्मेदारी सौंपी है।
कौन है पीट हेगसेथ ?
पीट हेगसेथ 44 साल के हैं और वो फॉक्स न्यूज के जाने-माने एंकर हैं। लेकिन इससे पहले वो अमेरिकी सेना में एक अफसर भी रह चुके हैं। उन्होंने इराक और अफगानिस्तान में युद्ध के दौरान सेवा दी है, और उन्हें दो ब्रॉन्ज स्टार मेडल से सम्मानित किया जा चुका है।
हेगसेथ की पढ़ाई-लिखाई भी काफी अच्छी रही है। उन्होंने प्रिंसटन और हार्वर्ड जैसे नामी विश्वविद्यालयों से पढ़ाई की है। लेकिन बाद में उन्होंने हार्वर्ड की डिग्री लौटा दी थी। उनका कहना था कि वहां पढ़ाई में वामपंथी झुकाव था, जिससे वो सहमत नहीं थे।
2014 से हेगसेथ फॉक्स न्यूज से जुड़े हुए हैं। अब वो वहां ‘फॉक्स एंड फ्रेंड्स वीकेंड’ शो के को-होस्ट हैं। इसके अलावा वो फॉक्स नेशन चैनल पर भी एंकरिंग करते हैं। टीवी के अलावा उन्होंने कई किताबें भी लिखी हैं।
ट्रंप ने क्यों चुना हेगसेथ को?
डोनाल्ड ट्रंप ने पीट हेगसेथ को रक्षा मंत्री बनाने का ऐलान सोशल मीडिया पर किया। उन्होंने लिखा कि हेगसेथ स्ट्रिक्ट, स्मार्ट और अमेरिका फर्स्ट में यकीन रखने वाले व्यक्ति हैं। ट्रंप ने कहा, “पीट के नेतृत्व में अमेरिका के दुश्मन सावधान रहें। हमारी सेना फिर से महान बनेगी और अमेरिका कभी पीछे नहीं हटेगा।”
ट्रंप ने हेगसेथ की किताब ‘द वॉर ऑन वॉरियर्स’ की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि यह किताब बेस्टसेलर रही और इसमें बताया गया है कि कैसे वामपंथी लोग सैनिकों के साथ धोखा करते हैं। साथ ही इसमें यह भी लिखा है कि हम अपनी सेना को फिर से मजबूत और जवाबदेह कैसे बना सकते हैं।
हेगसेथ ट्रंप के पुराने समर्थक रहे हैं। 2019 में उन्होंने ट्रंप से कुछ सैनिकों के लिए माफी की अपील की थी, जिन पर युद्ध अपराध के आरोप थे। ट्रंप ने उनकी बात मानकर उन सैनिकों को माफ कर दिया था।
हेगसेथ की नियुक्ति का मतलब
पीट हेगसेथ (Pete Hegseth) को रक्षा मंत्री बनाने का ट्रंप का फैसला कई मायनों में अहम है। इससे साफ है कि ट्रंप अपनी अगली सरकार में उन लोगों को जगह दे रहे हैं, जो उनकी सोच से मेल खाते हैं। हेगसेथ भी ट्रंप की तरह ‘अमेरिका फर्स्ट’ की नीति में यकीन रखते हैं।
इस नियुक्ति को ट्रंप की ‘शक्ति के जरिए शांति’ की नीति से भी जोड़कर देखा जा रहा है। हेगसेथ एक पूर्व सैनिक हैं और उन्हें युद्ध का अनुभव है। ऐसे में उनकी नियुक्ति से ट्रंप अमेरिका के दुश्मनों को यह संदेश देना चाहते हैं कि वो जो बाइडेन से अलग हैं और एक मजबूत राष्ट्रपति हैं।
हेगसेथ की नियुक्ति के साथ ही ट्रंप ने अपनी कैबिनेट में कुछ और अहम नियुक्तियां भी की हैं। उन्होंने माइक हकाबी को इजराइल का राजदूत बनाया है, जो कट्टर इजराइल समर्थक हैं। इसके अलावा एलिस स्टेफनिक को संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका का दूत बनाया गया है। वो भी इजराइल की समर्थक और ईरान की विरोधी हैं।
ट्रंप ने अपनी नई टीम बनाते हुए चीन को भी संकेत दिए हैं। उन्होंने माइक वाल्ट्ज को अपना राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार चुना है। माइक चीन के कड़े आलोचक हैं और भारत के समर्थक माने जाते हैं।
इन सभी नियुक्तियों से साफ है कि ट्रंप अपनी अगली सरकार में एक मजबूत विदेश और सुरक्षा नीति पर काम करना चाहते हैं। वो अमेरिका को फिर से दुनिया की सबसे ताकतवर देश के रूप में स्थापित करना चाहते हैं।
हालांकि, हेगसेथ (Pete Hegseth) की नियुक्ति पर कुछ लोगों ने सवाल भी उठाए हैं। कुछ का कहना है कि एक टीवी एंकर को इतनी बड़ी जिम्मेदारी देना ठीक नहीं है। लेकिन ट्रंप का मानना है कि हेगसेथ का सैन्य अनुभव और उनकी देशभक्ति उन्हें इस पद के लिए सही उम्मीदवार बनाती है।
अब देखना यह होगा कि पीट हेगसेथ रक्षा मंत्री के रूप में कैसा प्रदर्शन करते हैं। क्या वो ट्रंप की उम्मीदों पर खरे उतर पाएंगे? क्या वो अमेरिकी सेना को फिर से दुनिया की सबसे मजबूत सेना बना पाएंगे? इन सवालों के जवाब आने वाले समय में मिलेंगे।
फिलहाल तो यही कहा जा सकता है कि ट्रंप ने अपनी नई सरकार की शुरुआत एक बड़े फैसले के साथ की है। पीट हेगसेथ की नियुक्ति से उन्होंने अपने इरादे साफ कर दिए हैं कि वो किस तरह की सरकार चलाना चाहते हैं। अब देखना यह है कि आगे क्या-क्या फैसले ट्रंप लेते हैं और अमेरिका की नई सरकार किस दिशा में आगे बढ़ती है।
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