दोस्त मेलोनी का दर्द देख फूटा एलन मस्क का गुस्सा, इटली के जजों की लगा दी क्लास
Elon Musk News: दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति और टेस्ला के मालिक एलन मस्क एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार उन्होंने इटली की राजनीति में दखल देकर हलचल मचा दी है। मस्क ने इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी के समर्थन में बयान देकर देश के न्यायपालिका पर सवाल उठाए हैं। आइए जानते हैं पूरा मामला क्या है और इसके क्या परिणाम हो सकते हैं।
एलन मस्क का विवादित बयान
एलन मस्क ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने इटली के न्यायाधीशों पर तीखा हमला किया। मस्क ने लिखा, “इन जजों को जाना होगा।” उनका यह बयान इटली की अदालत के एक हालिया फैसले के संदर्भ में था, जिसमें प्रधानमंत्री मेलोनी की प्रवासी नीति को रोक दिया गया था।
दरअसल, मेलोनी सरकार ने अवैध प्रवासियों को इटली से निकालकर पड़ोसी देश अल्बानिया में बनाए गए नए डिटेंशन सेंटर में भेजने की योजना बनाई थी। इस योजना के तहत लगभग 30,000 प्रवासियों को अल्बानिया भेजा जाना था। लेकिन रोम की एक अदालत ने इस नीति पर रोक लगा दी, जिससे मेलोनी सरकार को बड़ा झटका लगा।
एलन मस्क ने इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि क्या इटली में लोकतंत्र है या फिर बिना चुनाव वाली तानाशाही फैसले ले रही है। उन्होंने जजों के फैसले को अस्वीकार्य बताया और कहा कि सरकार की ओर से प्रवासियों के खिलाफ उठाए गए कदम को रोकने वाले रोम के जजों को बाहर का रास्ता दिखा देना चाहिए।
इटली में मचा बवाल
एलन मस्क के इस बयान के बाद इटली में बड़ा बवाल मच गया। देश के राष्ट्रपति सर्जियो माटरेल्ला ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए मस्क को फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि इटली एक महान लोकतांत्रिक देश है और अपना ख्याल रखना जानता है। राष्ट्रपति ने मस्क को इटली की राजनीति में दखल न देने की हिदायत दी।
माटरेल्ला ने अपने बयान में कहा, “इटली एक विशिष्ट लोकतांत्रिक राष्ट्र है और… अपने संविधान का पालन करते हुए अपने मामलों को संभालने में सक्षम है।” उन्होंने यह भी कहा कि किसी मित्र देश में महत्वपूर्ण सरकारी पद संभालने वाले व्यक्ति को इटली की संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए और मार्गदर्शन देने से बचना चाहिए।
इटली के कई राजनीतिक दलों और मीडिया ने भी मस्क के बयान की आलोचना की है। कई लोगों का मानना है कि एक विदेशी व्यक्ति को देश के आंतरिक मामलों में दखल नहीं देना चाहिए। इस घटना से इटली में सत्तारूढ़ गठबंधन और न्यायपालिका के बीच पहले से चल रहे तनाव और बढ़ गया है।
मेलोनी सरकार के लिए बड़ा झटका
रोम ट्रिब्यूनल का यह फैसला मेलोनी सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। अदालत ने न केवल सरकार की प्रवासी नीति पर रोक लगाई है, बल्कि मामले को यूरोपीय न्यायालय (ECJ) के पास भेज दिया है। अब ECJ को यह तय करना होगा कि प्रवासियों के मूल देश के संबंध में इटली की नीति यूरोपीय संघ के कानून के अनुरूप है या नहीं।
इस फैसले के बाद अल्बानिया भेजे गए सात प्रवासियों को वापस इटली लाना पड़ा है। यह घटना मेलोनी सरकार की प्रवासी नीति पर बड़ा सवालिया निशान लगा रही है। विपक्षी दल और मानवाधिकार संगठन पहले से ही इस नीति का विरोध कर रहे थे, और अब न्यायपालिका के इस फैसले से उनकी स्थिति और मजबूत हो गई है।
इस पूरे घटनाक्रम से इटली में राजनीतिक माहौल गरमा गया है। एक तरफ मेलोनी सरकार अपनी नीति को बचाने की कोशिश कर रही है, तो दूसरी तरफ विपक्ष इसे लोकतंत्र की जीत बता रहा है। एलन मस्क के बयान ने इस विवाद को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचा दिया है, जिससे इटली की छवि पर भी असर पड़ सकता है।
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