मणिपुर में हिंसा एक बार फिर से तेज हो गई है। दरअसल इंफाल में शनिवार को प्रदर्शनकारियों ने दो मंत्रियों और तीन विधायकों के आवासों पर धावा बोला और जिरीबाम जिले में तीन लोगों की हत्या के लिए न्याय की मांग की है।
इंफाल में लगा कर्फ्यू
जानकारी के मुताबिक विधायकों के घरों पर भीड़ के हमले के बाद इंफाल पश्चिम प्रशासन ने जिले में अनिश्चित काल के लिए कर्फ्यू लागू कर दिया है। वहीं इंफाल पश्चिम के जिला मजिस्ट्रेट टी किरणकुमार द्वारा जारी आदेश के मुताबिक शनिवार शाम 4.30 बजे से कर्फ्यू लगा दिया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि भीड़ ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री सपम रंजन के लम्फेल सनाकेथेल इलाके में स्थित आवास पर धावा बोल दिया है।
इस्तीफा की मांग
लम्फेल सनाकेथेल विकास प्राधिकरण के प्रतिनिधि डेविड ने संवाददाताओं से कहा कि सपम ने हमें आश्वासन दिया कि तीन लोगों की हत्या से संबंधित मुद्दों पर कैबिनेट बैठक में चर्चा की जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि अगर सरकार जनता की भावनाओं का सम्मान करने में विफल रहती है, तो मंत्री अपना इस्तीफा दे देंगे। एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री एल सुसिंड्रो सिंह के घर पर भी धावा बोला है।
इंटरनेट बंद
बता दें कि पूर्वोत्तर राज्य में मौजूदा स्थिति को देखते हुए इंफाल वेस्ट, इंफाल ईस्ट, बिष्णुपुर, थौबल, काकचिंग, कांगपोकपी और चुराचंदपुर जिलों में 2 दिनों के लिए दिनों के लिए इंटरनेट बंद कर दिया गया है। इसके अलावा इंफाल घाटी के कुछ हिस्सों में बड़े पैमाने पर हिंसा की खबरें आई हैं, क्योंकि भीड़ ने कई विधायकों के घरों पर पर धावा बोल दिया और संपत्ति को नष्ट कर दिया है।
शव मिलने के बाद फैला तनाव
जानकारी के मुताबिक बीते शुक्रवार रात को मणिपुर-असम सीमा पर जिरी और बराक नदियों के संगम के पास तीन शव मिले है। जिनके बारे में संदेह है कि वे जिरीबाम जिले के लापता छह लोगों के हैं। एक महिला और दो बच्चों के शव जिरीबाम जिले के बोरोबेक्रा से लगभग 16 किलोमीटर दूर पाए गए हैं। वहीं यह स्थान उस स्थान के करीब है, जहां सोमवार को छह लोग लापता हो गए थे।
6 लोग लापता
बता दें कि सोमवार को जिरीबाम जिले में सुरक्षाबलों और उग्रवादियों के बीच गोलीबारी के बाद राहत शिविर में रहने वाली 3 महिलाएं और 3 बच्चे लापता हो गए थे। वहीं मैतेई समुदाय ने आरोप लगाया कि उग्रवादियों ने उनका अपहरण कर लिया है। उनका कहना है कि 11 नवंबर को उग्रवादियों के एक समूह ने बोरोबेकरा इलाके में एक पुलिस स्टेशन पर हमला किया, लेकिन सुरक्षा बलों ने हमले को विफल कर दिया है। जिसके परिणामस्वरूप 11 उग्रवादी मारे गए थे। वहीं पीछे हटते समय उग्रवादियों ने कथित तौर पर पुलिस स्टेशन के पास एक राहत शिविर से तीन महिलाओं और तीन बच्चों का अपहरण कर लिया था।