G-20 Summit

G-20 Summit में गाजा संकट, यूक्रेन युद्ध को ख़त्म करने पर जोर और अरबपतियों पर वैश्विक टैक्स की उठी मांग

G-20 Summit: ब्राजील के रियो डी जनेरियो में संपन्न हुए G-20 शिखर सम्मेलन में दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के नेताओं ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की और एक संयुक्त घोषणा पत्र जारी किया। इस सम्मेलन में गाजा में मानवीय मदद बढ़ाने, यूक्रेन युद्ध समाप्त करने और अरबपतियों पर वैश्विक कर लगाने जैसे विषयों पर जोर दिया गया।

गाजा और लेबनान में हो संघर्ष विराम

G-20 में  नेताओं ने गाजा और लेबनान में व्यापक संघर्ष विराम की मांग की है। उन्होंने गाजा में भयावह मानवीय स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए मानवीय सहायता बढ़ाने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर जोर दिया। नेताओं ने फिलिस्तीनियों के आत्मनिर्णय के अधिकार का समर्थन करते हुए टू-स्टेट समाधान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई, जिसमें इजराइल और फिलिस्तीन दोनों देश शांतिपूर्वक रहें। हालांकि, घोषणा पत्र में इजराइल के हमास द्वारा बंधक बनाए गए नागरिकों का कोई उल्लेख नहीं किया गया।

यूक्रेन युद्ध पर सीमित सहमति

यूक्रेन युद्ध के मुद्दे पर G-20 नेताओं ने एक सीमित सहमति बनाई। उन्होंने युद्ध में मानवीय पीड़ा को रेखांकित करते हुए शांति के लिए आह्वान किया, लेकिन रूस का नाम नहीं लिया गया। नेताओं ने “क्षेत्रीय लाभ के लिए बल या बल के उपयोग की धमकी” की पुरज़ोर निंदा की और “व्यापक, न्यायसंगत और स्थायी शांति” को बढ़ावा देने वाली सभी पहलों का समर्थन किया। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की अनुपस्थिति में विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने रूस का प्रतिनिधित्व किया।

अरबपतियों पर लगे वैश्विक टैक्स 

G-20 नेताओं ने अति-धनी व्यक्तियों पर प्रभावी कर लगाने के लिए सहयोग करने का संकल्प लिया। इस प्रस्ताव के अनुसार, अरबपतियों पर 2% का न्यूनतम कर लगाने से वैश्विक स्तर पर सालाना 200-250 अरब डॉलर जुटाए जा सकते हैं। यह कदम आर्थिक असमानता को कम करने और सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों के लिए धन जुटाने में मददगार हो सकता है। हालांकि, यह प्रस्ताव अभी लागू नहीं हुआ है इसको लागू करने के लिए अभी और चर्चा और सहमति की आवश्यकता है।

जलवायु परिवर्तन और गरीबी उन्मूलन पर चर्चा

सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन और गरीबी उन्मूलन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा हुई। नेताओं ने जलवायु वित्त पोषण को “अरबों से खरबों” तक बढ़ाने की आवश्यकता पर सहमति व्यक्त की, लेकिन इसके लिए ठोस योजना नहीं बनाई गई। ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा ने भूख और गरीबी के खिलाफ एक वैश्विक गठबंधन की शुरुआत की, जिसे अब तक 82 देशों का समर्थन मिल चुका है।