Earth second moon

धरती का ‘दूसरा चांद’ हो रहा गायब! 2055 तक नहीं दिखेगा यह अनोखा नजारा

धरती का एक अनोखा मेहमान जल्द ही हमसे विदा लेने वाला है। पिछले कुछ महीनों से हमारी पृथ्वी के आसपास घूम रहा एक छोटा सा क्षुद्रग्रह, जिसे वैज्ञानिकों ने ‘मिनी मून’ या ‘दूसरा चांद’ (Earth second moon) का नाम दिया है, अब अपनी यात्रा समाप्त करने वाला है।

क्या है यह ‘दूसरा चांद’?

‘2024 PT5’ नाम का यह क्षुद्रग्रह 29 सितंबर से धरती के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में फंसा हुआ था। इसका आकार एक स्कूल बस जितना है, यानी लगभग 10 मीटर चौड़ा। यह अर्जुन क्षुद्रग्रह बेल्ट से आया है, जो सूर्य से लगभग 15 करोड़ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

नासा के वैज्ञानिकों ने इस क्षुद्रग्रह को सबसे पहले 7 अगस्त को देखा था। तब से यह धरती के चारों ओर घोड़े की नाल जैसी कक्षा में घूम रहा है। लेकिन अब यह अपनी यात्रा पूरी करने वाला है।

कब और कैसे गायब होगा?

नासा के अनुसार, ‘2024 PT5’ 25 नवंबर को सुबह 11:43 बजे (अमेरिकी समयानुसार) धरती की कक्षा से बाहर निकल जाएगा। इसके बाद यह फिर से सूर्य के चारों ओर अपनी सामान्य कक्षा में लौट जाएगा।

यह क्षुद्रग्रह धरती से लगभग 60 लाख किलोमीटर की दूरी पर है। इतनी दूर होने के कारण इसे नंगी आंखों से देखना संभव नहीं है। केवल बड़े और शक्तिशाली दूरबीनों से ही इसे देखा जा सकता है।

क्यों है यह खास?

वैज्ञानिकों के लिए ‘2024 PT5’ बहुत महत्वपूर्ण है। यह हमें बताता है कि हमारे सौर मंडल में कितनी गतिविधियां हो रही हैं। इससे हमें नियर-अर्थ ऑब्जेक्ट्स (NEO) के बारे में और जानने में मदद मिलती है।

नासा के वैज्ञानिकों का अनुमान है कि यह क्षुद्रग्रह शायद हमारे चांद का ही एक टुकड़ा हो सकता है। उनका मानना है कि बहुत पहले किसी बड़े टकराव में चांद से अलग होकर यह टुकड़ा अंतरिक्ष में भटक गया होगा और अब संयोग से वापस लौटा है।

इस क्षुद्रग्रह को सबसे पहले स्पेन की कॉम्प्लुटेंस यूनिवर्सिटी ऑफ मैड्रिड के वैज्ञानिकों ने खोजा था। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के सदरलैंड में स्थित नासा द्वारा वित्त पोषित एक शक्तिशाली दूरबीन का इस्तेमाल किया था। यह दूरबीन खगोल विज्ञान के लिए बहुत उपयोगी है और इसकी मदद से आकाश में मौजूद छोटे-छोटे पिंडों को भी देखा जा सकता है।

क्या फिर कभी दिखेगा?

अच्छी खबर यह है कि ‘2024 PT5’ एक दिन फिर से लौटेगा। नासा के अनुसार, यह क्षुद्रग्रह 2055 में फिर से धरती के पास आएगा। तब तक के लिए यह हमसे दूर चला जाएगा।