मंगलवार को सऊदी अरब की राजधानी रियाद में एक महत्वपूर्ण त्रिपक्षीय बैठक हुई, जिसमें सऊदी अरब, ईरान और चीन के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। यह बैठक बीजिंग समझौते के बाद दूसरी बार आयोजित की गई, जिसका उद्देश्य सऊदी अरब और ईरान के बीच संबंधों को मजबूत करना और क्षेत्रीय स्थिरता को बनाये रखना था। इस बैठक में तीनों देशों के उच्च स्तरीय अधिकारियों ने हिस्सा लिया, जिसमें सऊदी उप-विदेश मंत्री वलीद बिन अब्दुल करीम अल-खुरैजी, चीन के उप-विदेश मंत्री डेंग ली और ईरान के राजनीतिक मामलों के उप-विदेश मंत्री मजीद तख्त रवांची मौजूद रहे।
बीजिंग समझौते की प्रगति और द्विपक्षीय संबंधों में सुधार
बैठक में सऊदी अरब और ईरान ने बीजिंग समझौते को पूरी तरह से लागू करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। दोनों देशों ने पड़ोसी संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया, जिसमें संयुक्त राष्ट्र चार्टर, इस्लामिक सहयोग संगठन के चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करना शामिल है। इसके साथ ही, दोनों देशों ने एक-दूसरे की संप्रभुता, स्वतंत्रता और सुरक्षा का सम्मान करने पर भी बल दिया।
बैठक में सऊदी-ईरान संबंधों में हुई प्रगति की सराहना की गई। विशेष रूप से, यह उल्लेख किया गया कि 04 में 87,000 से अधिक ईरानी तीर्थयात्रियों ने हज और 5,000 से अधिक ने उमरा किया, जो दोनों देशों के बीच बढ़ते विश्वास का संकेत है। इसके अलावा, सऊदी-ईरान संयुक्त मीडिया समिति की पहली बैठक का स्वागत किया गया और राजनयिक अध्ययन संस्थानों के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
आर्थिक सहयोग और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा
बैठक में आर्थिक सहयोग पर भी ध्यान केंद्रित किया गया। सऊदी अरब और ईरान ने दोहरे कराधान से बचाव समझौते पर हस्ताक्षर करने की मंजूरी दी। तीनों देशों ने आर्थिक और राजनीतिक सहयोग को और बढ़ाने की इच्छा भी जताई।
इसके अलावा, बैठक में कई अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की गई। तीनों देशों ने फिलिस्तीन और लेबनान में इजरायली आक्रमण की निंदा की और तत्काल युद्धविराम की मांग उठाई। उन्होंने इन क्षेत्रों में निरंतर मानवीय सहायता की आवश्यकता पर बल दिया और चेतावनी दी कि जारी हिंसा से क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा हो सकता है। यमन में राजनीतिक समाधान के लिए समर्थन देने की बात कही गई।
चीन की भूमिका
इस बैठक में चीन की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया गया। सऊदी अरब और ईरान ने बीजिंग समझौते के कार्यान्वयन में चीन के सकारात्मक योगदान का स्वागत किया। चीन ने दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने के लिए अपनी तत्परता दोहराई।
यह भी पढ़े: