Pakistan Terrorists Attack: पाकिस्तान में आतंकी हमले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। गुरुवार को फिर खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले में आतंकियों ने एक यात्री वैन पर अंधाधुंध गोलीबारी की। इस हमले में 50 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 20 से अधिक लोग घायल हुए हैं। मरने वालों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। यह हमला कुर्रम के पाराचिनार से काफिले में जा रही यात्री वैन को निशाना बनाकर किया गया है।
वैन पर चला दी अंधाधुंध गोलिया
खैबर पख्तूनख्वा के मुख्य सचिव नदीम असलम चौधरी ने हमले की पुष्टि करते हुए बताया कि बंदूकधारियों ने कुर्रम के पाराचिनार से काफिले में जा रही यात्री वैन को निशाना बनाया। स्थानीय निवासी जियारत हुसैन के अनुसार, यात्री वाहनों के दो काफिले थे – एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर जा रहा था। इसी दौरान हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलियां चला दीं।
हमला ओचुत काली और मंदुरी के पास हुआ, जहां पहले से घात लगाए बैठे आतंकियों ने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। इस हमले में एक पुलिस अधिकारी भी घायल हुआ है। अभी तक किसी आतंकी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
राष्ट्रपति जरदारी ने हमले की कड़ी निंदा की
राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने इस हमले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा, “निर्दोष यात्रियों पर हमला करना कायरतापूर्ण और अमानवीय कृत्य है। घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को दंडित किया जाना चाहिए।” राष्ट्रपति ने सुरक्षा बलों से घायलों को तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान करने का आग्रह किया है।
यह हमला खैबर पख्तूनख्वा में हाल के दिनों में हुए कई आतंकी हमलों में से एक है। बुधवार को भी इसी प्रांत में एक संयुक्त चेक पोस्ट पर आत्मघाती हमले में 12 सुरक्षाकर्मी मारे गए थे। इस्लामी समूह हाफिज गुल बहादुर ने उस हमले की जिम्मेदारी ली थी।
शिया और सुन्नी में दशकों से चल रहा तनाव
अफगानिस्तान की सीमा से लगे इस कबाइली इलाके में भूमि विवाद को लेकर सशस्त्र शिया और सुन्नी समुदाय के मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव की स्थिति बनी हुई है। पिछले कुछ महीनों से यहां विभिन्न कबीलों और समूहों के बीच संघर्ष देखने को मिल रहा है, जिसमें पहले भी कई लोग जान गंवा चुके है।
पाकिस्तान सरकार ने हाल ही में बलूचिस्तान विद्रोहियों के खिलाफ व्यापक सैन्य अभियान को मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में यह निर्णय लिया गया, जिसमें संघीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, सेना प्रमुख जनरल सैयद असीम मुनीर और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने भी भाग लिया था।