शरद पवार, युगेंद्र पवार और अजित पवार.

महाराष्ट्र चुनाव: शरद पवार का गढ़ टूटा, अजित पवार ने लिखी जीत की नई कहानी

Sharad Pawar vs Ajit Pawar:  महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का नतीजा कुछ ऐसा आया कि राजनीति के गलियारों में हलचल मच गई। इस बार चुनावी मैदान में शरद पवार थे, जिनके लिए यह चुनाव शायद उनका आखिरी चुनाव था, लेकिन नतीजे कुछ और ही कहानी कहते हैं। पवार की पार्टी को भले ही ज्यादा वोट मिले, लेकिन सीटों का आंकड़ा उनके लिए एक कड़वा सच साबित हुआ। अपने ही भतीजे अजित पवार से हारने का दुख और इस हार के पीछे का कारण जानकर हर किसी को झटका लगा है। जो पवार गढ़ समझे जाते थे, वह गढ़ इस बार पूरी तरह से टूट गया।

वोट ज्यादा, सीटें कम

चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, शरद पवार की पार्टी एनसीपी को इस बार 11.28% वोट मिले, जबकि अजित पवार की एनसीपी को सिर्फ 9% वोट ही मिले। अब आप सोच रहे होंगे कि ये तो पवार के लिए शानदार स्थिति है, फिर हार क्यों हुई? जवाब है सीटों का आंकड़ा। शरद पवार की पार्टी को 72 लाख से ज्यादा वोट मिले, जबकि अजित पवार को करीब 58 लाख वोट मिले। लेकिन सीटें अजित की पार्टी को 41 मिलीं, जबकि शरद की पार्टी केवल 10 सीटों तक ही सीमित रह गई। ये आंकड़ा हर किसी के लिए चौंकाने वाला था, खासकर तब जब शरद पवार को उनके मजबूत गढ़ों में भी हार का सामना करना पड़ा।

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मुस्लिम बहुल इलाकों में भी मात

मुस्लिम बहुल इलाकों में शरद पवार की पार्टी को जीत मिलने की उम्मीद थी। अणुशक्तिनगर और कागल जैसे इलाकों में उन्हें आसानी से जीतने का दावा किया जा रहा था। लेकिन यहां भी अजित की पार्टी ने बाजी मारी। अणुशक्तिनगर में शरद पवार के उम्मीदवार फहाद अहमद को नवाब मलिक की बेटी सना ने हराया। वहीं, कागल में मंत्री हसन मुस्रीफ ने शरद पवार के उम्मीदवार समरजीत घटगे को हराया। यहां तक कि शिवसेना (यूबीटी) और सपा ने भी मुस्लिम बहुल सीटों पर अजित पवार को हराया, जो पहले शरद पवार के गढ़ माने जाते थे।

 

पार्टी गुट कुल सीटों पर प्रत्याशी जीती हुई सीटें हारने वाली सीटें वोट शेयर पॉप्युलर वोट
शरद पवार गुट (NCP-SP) 86 10 76 11.28% 72,87,797
अजित पवार गुट (NCP) 59 41 18 9.01% 58,16,566

शरद पवार का गढ़ पर अजित पवार की जीत

बारामती, जो शरद पवार का मजबूत गढ़ माना जाता है, वहां भी अजित पवार ने जीत हासिल की। लोकसभा चुनाव में सुप्रिया सुले ने यहां 40 हजार वोटों से जीत दर्ज की थी, लेकिन विधानसभा चुनाव में अजित पवार ने यहां 1 लाख से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की। यही नहीं, शिरुर, परली और येवला जैसी सीटों पर भी अजित पवार के उम्मीदवारों ने शरद पवार के उम्मीदवारों को शिकस्त दी। लोकसभा चुनाव में जिन सीटों पर शरद पवार को बढ़त मिली थी, वहां विधानसभा चुनाव में अजित ने अपना दबदबा बना लिया।

अजित बनाम शरद: 42 सीटों पर सीधा मुकाबला

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कुल 42 सीटों पर शरद पवार और अजित पवार की पार्टी के बीच सीधा मुकाबला था। इसमें से 7 सीटों पर शरद पवार की पार्टी ने जीत हासिल की, जबकि बाकी 35 सीटों पर अजित पवार की पार्टी ने बाजी मारी। शरद पवार की पार्टी को जिन 7 सीटों पर जीत मिली, उनमें इस्लामपुर, बीड और तासगांव जैसी सीटें शामिल हैं। वहीं अजित पवार ने बारामती, येवला, डिंडौरी और आंबेगाव जैसी बड़ी सीटों पर कब्जा किया।

 शरद पवार की पार्टी का पतन?

चुनाव परिणामों के बाद बीजेपी ने सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरते हुए 132 सीटों पर जीत दर्ज की। शिवसेना (शिंदे) को 57 सीटें मिलीं, एनसीपी-अजित को 41 सीटें मिलीं, जबकि उद्धव ठाकरे की शिवसेना को 20 सीटें मिलीं। कांग्रेस को 16 सीटें मिलीं, और शरद पवार की पार्टी को महज 10 सीटें मिलीं। इसके अलावा सपा और जनसुराज शक्ति जैसे छोटे दलों ने भी 10 सीटें जीतीं, और 2 निर्दलीय उम्मीदवार भी विधानसभा में पहुंचे।

शरद पवार ने चुनाव के दौरान पूरी कोशिश की थी कि वह अपनी पार्टी को फिर से मजबूत कर सकें, लेकिन इस बार वह असफल रहे। 2019 में उनकी पार्टी को 17 प्रतिशत वोट मिले थे, और 54 सीटों पर जीत हासिल की थी। इस बार उनका लक्ष्य उस आंकड़े को फिर से हासिल करना था, लेकिन वह सिर्फ 10 सीटों तक ही सीमित रह गए। इस हार के बाद शरद पवार की पार्टी को महाराष्ट्र की राजनीति में गहरी चोट पहुंची है, और अजित पवार ने साबित कर दिया कि उन्होंने अपने चाचा के गढ़ को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया।