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‘इलेक्ट्रॉनिक बूथ कैप्चरिंग’ का खेल? अखिलेश ने कुंदरकी चुनाव में बड़े पैमाने पर धांधली का लगाया आरोप

उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा उपचुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कुंदरकी में चुनावी धांधली का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि यहां लोकतंत्र का चीरहरण हुआ और जिन लोगों ने वोट नहीं डाला, उनके नाम पर भी वोट डाले गए। अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग से इस मामले की गहरी जांच की मांग करते हुए दावा किया कि चुनाव में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन ने भेदभावपूर्ण रवैया अपनाया और सपा के समर्थकों के खिलाफ साजिश की।

सपा का बड़ा आरोप: वोटिंग प्रक्रिया में धांधली

अखिलेश यादव ने कुंदरकी में हुए चुनाव को लेकर जो बयान दिया, उसने पूरी चुनावी प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए। उनके मुताबिक, यहां के लगभग 90 फीसदी वोटरों के हाथों पर स्याही नहीं लगी, यानी उनकी वोटिंग प्रक्रिया में गड़बड़ी हुई। अखिलेश ने कहा कि इस मामले में चुनाव आयोग को तत्काल अपनी जांच शुरू करनी चाहिए, ताकि इस धांधली की असलियत सामने आ सके।

सपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि सपा के बूथ एजेंटों को बूथ से हटाया गया और पुलिस ने सपा के एजेंटों को वहां रुकने नहीं दिया। उनका कहना था कि सपा के समर्थकों को भी वोट डालने से रोकने के लिए प्रशासन ने पूरी ताकत लगा दी थी। अखिलेश का कहना था, “चुनाव के दौरान प्रशासन ने ऐसा भेदभावपूर्ण रवैया अपनाया कि सपा के लोग वोट डालने तक नहीं जा सके।”

 

फर्जी वोटिंग और दो पर्चियों का इस्तेमाल 

अखिलेश यादव ने कहा कि चुनाव के दौरान दो प्रकार की पर्चियों का इस्तेमाल किया गया। उन्होंने दावा किया कि यह जानकारी सोशल मीडिया के जरिए चुनाव आयोग तक पहुंची है। उनका कहना था कि “इलेक्ट्रॉनिक बूथ कैप्चरिंग” जैसे तरीके अपनाए गए। एक ओर दावा था कि जिन लोगों ने मतदान केंद्र तक जाने का प्रयास किया, उनका वोट भी फर्जी तरीके से डलवाया गया।

अखिलेश ने यह भी कहा कि यदि ईवीएम की फॉरेंसिक जांच हो, तो यह साबित हो सकता है कि एक ही व्यक्ति ने एक ही मशीन से बार-बार वोट दबाया। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि जिन लोगों के नाम वोटर लिस्ट में थे, वे कहीं बाहर थे, फिर भी उनके नाम पर वोट डाले गए।

क्या है ‘इलेक्ट्रॉनिक बूथ कैप्चरिंग’?

अखिलेश यादव ने इसे “नए जमाने की इलेक्ट्रॉनिक बूथ कैप्चरिंग” करार दिया। उनका कहना था कि यह चुनावी धांधली के नए तरीके हैं, जो आधुनिक तकनीक का गलत उपयोग करके की गई। उनका यह भी कहना था कि लोकतंत्र में जीत तभी सही मानी जाती है, जब वह लोगों के वोट से हासिल की जाती है, न कि तंत्र के जरिए।

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने जानबूझकर इस पूरे चुनावी नाटक का हिस्सा बनकर लोगों को धोखा दिया और फर्जी वोटरों से वोट डलवाए। अखिलेश ने यह भी कहा कि सपा के उम्मीदवार हाजी रिजवान को जानबूझकर हराया गया है, और यह सब कुछ सरकार ने मिलकर किया।

कुंदरकी उपचुनाव में भाजपा के उम्मीदवार रामवीर सिंह ने सपा के मोहम्मद रिजवान को भारी अंतर से हराया। रामवीर सिंह को 170,371 वोट मिले, जबकि रिजवान को सिर्फ 25,580 वोट ही मिले। सपा के उम्मीदवार हाजी रिजवान ने आरोप लगाया कि यह चुनावी नतीजे इसलिए आए, क्योंकि पूरी चुनावी प्रक्रिया में धांधली की गई थी। रिजवान ने कहा कि अगर वोटर्स को सही तरीके से वोट डालने का मौका मिलता तो उनका नतीजा कुछ और होता।

पीडीए अधिकारियों को हटाने का आरोप

अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि अगर पीडीए (पार्टी-निर्पेक्ष जिलों) के अधिकारी और कर्मचारी बदले नहीं गए होते, तो कुंदरकी का चुनाव परिणाम अलग होता। उनका कहना था कि मिल्कीपुर में जब ऐसी गड़बड़ी नहीं हुई, तो वहां चुनाव को स्थगित कर दिया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि चुनाव के दिन निहत्थे लोगों पर पुलिस ने बंदूकें तान दीं और प्राइवेट वर्दी में पुलिसकर्मी चुनाव में शामिल हुए थे।

अखिलेश यादव ने कहा कि “यह सरकार ने चुनाव जीतने के लिए अपनी ताकत का इस्तेमाल किया। जिन अधिकारियों ने गलत काम किए हैं, उनका कागज कभी नहीं छूटेगा।”

अखिलेश यादव ने संभल जिले में हुई एक घटना पर भी टिप्पणी की। उनका कहना था कि वहां का सर्वे पहले से हो चुका था, फिर भी जानबूझकर माहौल खराब करने के लिए एक टीम भेजी गई। उन्होंने सवाल उठाया कि मस्जिद का दोबारा सर्वे क्यों किया गया और बिना तैयारी के सर्वे क्यों किया गया।

हाजी रिजवान का बयान – बड़े पैमाने पर हुई धांधली

सपा के उम्मीदवार हाजी रिजवान ने भी अखिलेश यादव के आरोपों का समर्थन करते हुए कहा कि कुंदरकी चुनाव में बड़े पैमाने पर धांधली हुई है। उन्होंने कहा कि 90 फीसदी वोटरों के हाथों पर स्याही नहीं लगी और इसी से साबित होता है कि यहां बड़ी धांधली हुई है। रिजवान का कहना था कि चुनाव में बूथ कैप्चरिंग की गई और उनका हार इस गड़बड़ी के कारण हुआ।

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