world chess championship 2024

शतरंज का महाकुंभ; गुकेश बनाम लिरेन, क्या 18 साल का भारतीय युवा बन पाएगा दुनिया का सबसे कम उम्र का विश्व चैंपियन?

world chess championship 2024: सिंगापुर में विश्व शतरंज चैंपियनशिप 2024 का आगाज हो गया है, जहां भारत के युवा ग्रैंडमास्टर डी गुकेश (gukesh) का सामना मौजूदा विश्व चैंपियन चीन के डिंग लिरेन (ding) से होगा। यह टूर्नामेंट न केवल शतरंज प्रेमियों के लिए बल्कि पूरे खेल जगत के लिए बेहद रोमांचक होने वाला है।

दो एशियाई दिग्गजों के बीच होगा मुकाबला

इस बार की विश्व शतरंज चैंपियनशिप कई मायनों में खास है। पहली बार ऐसा हो रहा है जब दोनों फाइनलिस्ट एशियाई मूल के हैं और टूर्नामेंट भी एशिया में ही आयोजित किया जा रहा है। 18 वर्षीय भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश इतिहास रचने की दहलीज पर खड़े हैं। अगर वे इस टूर्नामेंट को जीतते हैं, तो वे दुनिया के सबसे कम उम्र के विश्व चैंपियन बन जाएंगे। वहीं दूसरी ओर, चीन के डिंग लिरेन अपने खिताब को बचाने की पूरी कोशिश करेंगे।

गुकेश के लिए यह मुकाबला किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है। हालांकि वे वर्तमान में विश्व रैंकिंग में पांचवें स्थान पर हैं और उनकी क्लासिकल रेटिंग 2783 है, जबकि लिरेन 23वें स्थान पर हैं और उनकी रेटिंग 2728 है। लेकिन अनुभव के मामले में लिरेन काफी आगे हैं। गुकेश और लिरेन के बीच अब तक तीन क्लासिकल मैच हुए हैं, जिनमें से दो में लिरेन ने जीत हासिल की है और एक ड्रॉ रहा है।

विजेता को मिलेंगे 25 लाख डॉलर

gukesh vs ding: विश्व शतरंज चैंपियनशिप 2024 कुल 14 गेम की सीरीज होगी। जो खिलाड़ी पहले 7.5 अंक हासिल कर लेगा, वह विजेता घोषित किया जाएगा। अगर 14 गेम के बाद भी दोनों खिलाड़ियों के अंक बराबर रहते हैं, तो अगले दिन टाईब्रेक मैच खेले जाएंगे। ध्यान रहे कि पिछले साल लिरेन ने इसी टाईब्रेक में इयान नेपोम्नियाची को हराकर 17वें विश्व चैंपियन का खिताब जीता था।

इस प्रतियोगिता का विजेता न केवल विश्व चैंपियन का खिताब जीतेगा, बल्कि उसे 25 लाख डॉलर (लगभग 20 करोड़ रुपये) की भारी-भरकम पुरस्कार राशि भी मिलेगी। यह राशि शतरंज के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी पुरस्कार राशियों में से एक है।

पैडी अप्टन ने दिया गुकेश को मानसिक प्रशिक्षण

गुकेश (gukesh) ने इस महामुकाबले की तैयारी के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है। उन्होंने अपनी तकनीकी तैयारी के साथ-साथ मानसिक दृढ़ता पर भी विशेष ध्यान दिया है। इसके लिए उन्होंने प्रसिद्ध मानसिक प्रशिक्षक पैडी अप्टन की सेवाएं ली हैं। अप्टन ने पहले भारतीय क्रिकेट टीम के साथ काम किया था, जिसने 2011 में विश्व कप जीता था। इसके अलावा उन्होंने भारतीय हॉकी टीम के साथ भी काम किया था, जिसने इसी साल पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीता।

अप्टन ने गुकेश के साथ छह महीने तक काम किया और उन्हें कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रशिक्षित किया, जिसमें “प्रतिद्वंद्वी को कम आंकने बनाम अधिक सम्मान देने के बीच संतुलन बनाए रखना” शामिल है। यह मानसिक तैयारी गुकेश के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित हो सकती है, क्योंकि वे पहली बार इतने बड़े मंच पर खेल रहे हैं।

लिरेन पिछले तीन सप्ताह से कर रहे तैयारी 

जहां गुकेश ने कड़ी मेहनत की है, वहीं लिरेन ने अपनी तैयारी को लेकर कुछ चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उन्होंने प्री-इवेंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि उन्होंने विश्व चैंपियनशिप के लिए केवल तीन सप्ताह की तैयारी की है। उन्होंने कहा, “मैंने तीन सप्ताह पहले तैयारी शुरू की। मेरे कोच और सहायकों ने कुछ ओपनिंग लाइनों का विश्लेषण किया और हमने कुछ गेम खेले। यह विश्व शतरंज चैंपियनशिप मैच (chess world championship) के लिए सामान्य दिनचर्या है।” हालांकि, लिरेन ने यह भी कहा कि उन्होंने पिछली बार की तुलना में इस बार अधिक समय तैयारी में लगाया है।

इस महामुकाबले को लेकर FIDE के प्रमुख अर्कादी द्वोरकोविच ने इसे ‘भारतीय बाघ और चीनी ड्रैगन के बीच टक्कर’ करार दिया है। इस टूर्नामेंट में पहला गेम गुकेश सफेद मोहरों से खेलेंगे। यह उनके लिए एक छोटा सा फायदा हो सकता है, क्योंकि वे मैच की गति निर्धारित कर सकेंगे।