EVM to Ballot Paper: कांग्रेस पार्टी ने बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग को लेकर एक देशव्यापी अभियान चलाने की घोषणा की है। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (kharge) ने यह जानकारी मंगलवार को दी। इस मांग के पीछे हाल ही में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार का कारण इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVMs) को बताया गया है। खरगे ने कहा कि इस मुद्दे पर जागरूकता फैलाने के लिए एक बड़े पैमाने पर अभियान चलाना आवश्यक है, जैसे कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’।
बैलेट पेपर की वापसी की आवश्यकता
खरगे ने अपने बयान में कहा, ‘हम EVMs नहीं चाहते, हम बैलेट पेपर चाहते हैं।’ उन्होंने यह भी कहा कि अगर हमें लोकतंत्र को मजबूत करना है तो हमें बैलेट पेपर प्रणाली की ओर लौटना होगा। उनका मानना है कि वर्तमान में EVMs के माध्यम से मतदान में पारदर्शिता की कमी है और यह गरीब और वंचित समुदायों के मतों को बर्बाद कर रहा है।
कांग्रेस नेता जी. परमेश्वर ने भी आरोप लगाया कि चुनावों में EVMs का दुरुपयोग किया गया है। उन्होंने कहा, ‘हमने महाराष्ट्र चुनाव परिणामों का गहराई से विश्लेषण किया और महसूस किया कि कई स्थानों पर EVMs को हेरफेर किया गया था।’
संविधान दिवस पर उठी आवाज़
बैलट पेपर से चुनाव हो ऐसी घोषणा संविधान दिवस के मौके पर दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में हुई, जहां खरगे ने कहा कि अगर हमें देश में एकता चाहिए, तो हमें नफरत फैलाने से बचना होगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा और कहा कि वह जाति जनगणना से डरते हैं क्योंकि इससे सभी अपनी हिस्सेदारी मांगेंगे।
खरगे ने यह भी कहा कि अगर हमें बैलेट पेपर प्रणाली को फिर से लागू करना है, तो हमें इसे जन आंदोलन के रूप में आगे बढ़ाना होगा। उन्होंने राहुल गांधी से अपील की कि वह इस आंदोलन का नेतृत्व करें।
बैलेट पेपर पर करना होगा जागरूक
कांग्रेस पार्टी ने पहले ही विभिन्न राजनीतिक दलों से संपर्क करने का निर्णय लिया है ताकि इस मुद्दे पर एकजुटता बनाई जा सके। खरगे ने कहा, ‘हमें हर किसी को जागरूक करना होगा कि वे बैलेट पेपर की वापसी की मांग करें।’
इधर सुप्रीम कोर्ट ने आज ही एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें बैलेट पेपर प्रणाली को फिर से लागू करने की मांग की गई थी। कोर्ट ने कहा है कि जब वे नहीं जीते तो मतलब ईवीएम में छेड़छाड़ की गई है और जब चुनाव जीत गए तो उन्होंने कुछ नहीं कहा. हम इसे कैसे देख सकते हैं? इसके बाद कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया।