बांग्लादेश में हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद से ही हालात तनावपूर्ण बने हुये हैं। बांग्लादेश में मौजूद अल्पसंख्यक हिंदूओं को लेकर भारत सरकार भी चिंतित है। यही कारण है कि पीएम नरेंद्र मोदी विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ बैठक कर रहे हैं। माना जा रहा है कि इस बैठक के बाद संसद में भी बांग्लादेश की स्थिति को लेकर चर्चा हो सकती है।
बांग्लादेश में स्थिति गंभीर
बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद से ही स्थिति गंभीर बनी हुई है। इतना ही नहीं मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार भी लगातार हिंदूओं और धार्मिक स्थलों को निशाना बना रही है। लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हालात तब ज्यादा खराब हुआ है, जब बांग्लादेश की सरकार ने हिंदू आध्यात्मिक नेता चिन्मय कृष्ण दास को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया है। वहीं उन्हें एक अदालत ने जमानत देने से इनकार कर दिया है, जिसके बाद राजधानी ढाका और बंदरगाह शहर चटगांव सहित कई जगहों पर समुदाय के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। भारत सरकार भी बांग्लादेश में हिंदुओं के हालात पर चिंता जाहिर कर चुकी है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर और पीएम मोदी की बैठक
बता दें कि बांग्लादेश में जारी हिंसा के बाद इस मामले को लेकर गुरुवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच अहम बैठक हुई है। जानकारी के अनुसार विदेश मंत्री ने पीएम मोदी को बांग्लादेश के ताजा हालात की जानकारी दी है। जानकारी के मुताबिक अगर सदन सुचारू रूप से चलता है, तो मोदी सरकार बांग्लादेश के मुद्दे पर सदन में बयान दे सकती है।
कांग्रेस ने उठाए थे सवाल
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों पर कांग्रेस ने चिंता जाहिर की थी। इस दौरान कांग्रेस ने मोदी सरकार से कड़े कदम उठाने की मांग की थी। बता दें कि भारत सरकार पहले ही बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के सामने चिन्मय दास की गिरफ्तारी और जमानत नहीं दिए जाने पर कड़ा विरोध दर्ज किया है।
क्या है मामला
बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद से ही स्थिति गंभीर बनी हुई है। मोहम्मद यूनुस की अगुवाई में बनी अंतरिम सरकार लगातार कई ऐसे फैसले ले रही है, जो हिंदू समुदाय के लिए खतरनाक साबित हो रहा है। कुछ लोगों का कहना है कि मोहम्मद यूनुस की अगुवाई में बनी अंतरिम सरकार जानबूझकर हिंदूओं को टारगेट करने के लिए ऐसे फैसले ले रहे हैं। यही कारण है कि बांग्लादेश में हिंदूओं की आवाज बने चिन्मय दास को यूनुस सरकार नहीं चाहती थी कि वो देश से बाहर निकलें और यही वजह रही कि वह जैसे ही एयरपोर्ट पर पहुंचे उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।