थाईलैंड में ‘रेंटल वाइफ’ की अवधारणा हाल के वर्षों में चर्चा का विषय बन गई है। यह प्रथा मुख्य रूप से पटाया के रेड-लाइट जिलों में देखी जाती है, जहां महिलाएं विदेशी पर्यटकों की अस्थायी साथी बन जाती हैं। इस प्रथा को लेकर कई सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक पहलुओं का विश्लेषण किया जा रहा है।
क्या है ‘रेंटल वाइफ’ प्रथा?
‘रेंटल वाइफ’ या ‘किराए की पत्नी’ एक अस्थायी व्यवस्था है, जिसमें महिलाएं कुछ समय के लिए विदेशी पर्यटकों की साथी बनती हैं। यह व्यवस्था औपचारिक विवाह नहीं होती, बल्कि एक अस्थायी अनुबंध होता है, जो कुछ दिनों से लेकर महीनों तक चल सकता है। इस दौरान महिलाएं घरेलू सेवाएं भी प्रदान करती हैं और पर्यटकों के साथ घूमने-फिरने में उनकी साथी बनती हैं।
आर्थिक और सामाजिक कारण
इस प्रथा के पीछे कई आर्थिक और सामाजिक कारण हैं। थाईलैंड में कई महिलाएं गरीब ग्रामीण क्षेत्रों से आती हैं और बेहतर जीवन की तलाश में इस व्यवसाय में शामिल होती हैं। पारंपरिक नौकरियों से पर्याप्त आय न होने के कारण वे ‘रेंटल वाइफ’ जैसी सेवाओं के माध्यम से अच्छी आय अर्जित कर सकती हैं। इसके अलावा, थाईलैंड का पर्यटन उद्योग भी इस चलन को बढ़ावा देता है, जहां अकेले यात्रा करने वाले पर्यटक स्थानीय साथी की तलाश करते हैं।
कानूनी स्थिति और विवाद
थाईलैंड में ‘रेंटल वाइफ’ प्रथा को लेकर कोई विशेष कानून नहीं है, जिससे यह व्यवसाय अनियंत्रित रूप से फल-फूल रहा है। हालांकि इसे कुछ हद तक वेश्यावृत्ति से जोड़ा जाता है, लेकिन यह पूरी तरह से कानूनी नहीं माना जाता। इस प्रथा को लेकर कई विवाद भी हैं, क्योंकि यह महिलाओं के शोषण और उनके अधिकारों के हनन की ओर इशारा करता है।
क्या होती है कीमत ?
रेंटल बीवी की कीमत अलग-अलग होती है और यह कांट्रैक्ट पर निर्भर करती है। इसमें रेट्स सुंदरता, उम्र और शिक्षा जैसे फैक्टर्स पर भी आधारित होते हैं। कांट्रैक्ट मैरिज के लिए कीमत आमतौर पर $1,600 से $116,000 तक हो सकती है। कुछ मामलों में, समय के साथ जब रिश्ते गहरे हो जाते हैं, तो कुछ महिलाएं अपने ग्राहकों से शादी कर लेती हैं या लंबे समय तक उनकी पार्टनर बनकर आर्थिक मदद पाती रहती हैं।
(Thailand’s Taboo: The Rise of Wife Rental in Modern Society: Exploring Love, Commerce, and Controversy in Thailand’s Wife Rental Phenomenon)
सांस्कृतिक प्रभाव और भविष्य
‘रेंटल वाइफ’ जैसी सेवाओं का चलन जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देशों से प्रेरित है, जहां इस तरह की सेवाएं पहले से लोकप्रिय रही हैं। थाईलैंड में शहरीकरण और तेज जीवनशैली के कारण अकेलेपन की समस्या बढ़ रही है, जिससे लोग दीर्घकालिक संबंधों के बजाय अस्थायी साथी चुनने लगे हैं। हालांकि यह प्रथा विवादास्पद है, लेकिन यह थाईलैंड की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
क्या है कानून ?
थाईलैंड में एक प्रथा प्रचलित है, जहां महिलाएं किराये पर ग्राहकों के साथ रहने लगती हैं। कई बार ये रिश्ते स्थायी बन जाते हैं, और महिलाओं को किराये की अवधि के बाद भी आर्थिक मदद या रहने की सुविधा दी जाती है। लेकिन इस तरह की व्यवस्थाओं के लिए थाईलैंड में कोई कानून नहीं है। ऐसे में इन पर कोई नियम या सुरक्षा नहीं है, जिससे यह प्रथा तेजी से बढ़ रही है।
सरकार भी मानती है कि यह प्रथा देश में जारी है, लेकिन इसे नियंत्रित करने के लिए अभी तक कोई कानून नहीं बनाया गया है। यह प्रथा किसी हद तक वेश्यावृत्ति से मेल खाती है।
ये कांसेप्ट जापान और साउथ कोरिया से प्रेरित
थाईलैंड में “रेंटल गर्लफ्रेंड” और “रेंटल बीवी” जैसे कांसेप्ट हाल ही में काफी पॉपुलर हो रहे हैं। यह आइडिया जापान और साउथ कोरिया से प्रेरित है, जहां इस तरह की सेवाएं पहले से ही प्रसिद्ध हैं। थाईलैंड में इस ट्रेंड के बढ़ने की वजहें सामाजिक और आर्थिक बदलाव हैं। यहां के शहरीकरण और तेज़ भागदौड़ भरे जीवन के कारण लोग अकेलेपन का सामना कर रहे हैं। व्यस्त दिनचर्या की वजह से दीर्घकालिक रिश्तों के लिए समय निकालना मुश्किल हो जाता है, इसलिए लोग अस्थायी साथी का सहारा लेने लगे हैं।
कल्चर का प्रभाव
थाईलैंड में रिश्तों और व्यक्तिगत आजादी को लेकर एक खुला नजरिया देखा जाता है। यहां ऐसी सेवाओं पर दूसरे देशों की तुलना में कम सामाजिक पाबंदियां होती हैं।