देशभर में वक्फ बिल को लेकर छिड़ी बहस के बीच आंध्र प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। दरअसल आंध्र प्रदेश सरकार ने बीते शनिवार को एक आदेश जारी कर राज्य वक्फ बोर्ड के पिछले गठन को रद्द कर दिया है। जानकारी के मुताबिक कोर्ट के स्टे के बाद बोर्ड लंबे समय से काम नहीं कर रहा था। वहीं जीओ 75 के तहत जारी इस आदेश में राज्य वक्फ बोर्ड के गठन के पिछले सभी निर्देश रद्द कर दिए गए हैं। बोर्ड के एक सदस्य के चुनाव को लेकर मुकदमे के बाद यह कदम उठाया गया है।
क्या है मामला
आंध्र प्रदेश में 30 नवंबर को जारी सरकारी आदेश में कहा गया है कि बोर्ड के अध्यक्ष के चुनाव पर रोक के बाद बोर्ड के लंबे समय तक काम नहीं करने के मद्देनजर यह निर्णय लिया है। आदेश में कहा गया है कि वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) ने इस मुद्दे को सरकार के ध्यान में लाया और मुकदमे को सुलझाने और प्रशासनिक शून्यता को रोकने के लिए निर्णय लिया है।
सरकार ने लिया फैसला
बता दें कि वक्फ बोर्ड का एक सदस्य के चुनाव को लेकर विवाद अदालत तक पहुंचा था। जिसके बाद कोर्ट की ओर से स्टे आदेश जारी किए जाने के कारण बोर्ड की गतिविधियां पूरी तरह ठप हो गई थी। सरकार का यह फैसला वक्फ बोर्ड की निष्क्रियता और प्रशासनिक शून्यता को समाप्त करने के उद्देश्य से लिया गया है, ताकि वक्फ संपत्तियों और उनके प्रशासन के मामलों में सुधार किया जा सके।
हाईकोर्ट ने अध्यक्ष के चुनाव पर लगाया रोक
बता दें कि 21 अक्टूबर 2023 को शेख खाजा, मुतवल्ली, विधायक हफीज खान और एमएलसी रूहुल्लाह को सदस्य के रूप में चुना गया, जबकि आठ अन्य को वक्फ बोर्ड के सदस्य के रूप में नामित किया गया था। हालांकि शेख खाजा के चुनाव और वक्फ बोर्ड के गठन के लिए जारी किए गये जिओ 47 की वैधता को कई रिट याचिकाओं में हाई कोर्ट के सामने चुनौती दी गई थी। वहीं जीओ को चुनौती देने वाली और निर्वाचित सदस्यों में से एक के खिलाफ विशेष विवाद उठाने वाली याचिकाओं पर विचार करते हुए हाईकोर्ट ने अध्यक्ष के चुनाव पर रोक लगा दी थी। अदालत ने यह भी साफ किया था कि सदस्य का चुनाव रिट याचिकाओं के अंतिम परिणाम के अधीन होगा।
सरकार करेगी सुरक्षा
राज्य वक्फ बोर्ड मुस्लिम समुदाय की धार्मिक और धर्मार्थ संपत्तियों की देखरेख करता है। बोर्ड की निष्क्रियता से इन संपत्तियों के प्रबंधन में कई समस्याएं आ रही थी। सरकार अब एक नई प्रक्रिया के तहत राज्य वक्फ बोर्ड का फिर से गठन करेगी, जिसमें कानूनी और प्रशासनिक मापदंडों का ध्यान रखा जाएगा। वहीं नए बोर्ड के बनने तक राज्य सरकार वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा और प्रबंधन के लिए अस्थायी व्यवस्थाएं कर सकती है।