ऑनलाइन कोचिंग टीचर अवध प्रताप ओझा (awadh Pratap ojha) ने आज आम आदमी पार्टी जॉइन कर ली है। आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। अवध ओझा (awadh ojha) पहले से ही राजनीति में आना चाहते थे, लेकिन सही मौका नहीं मिलने के कारण उनका यह सपना अधूरा रह जा रहा था। लेकिन अब ये पूरा होता दिख रहा है।
गोंडा के रहने वाले हैं अवध ओझा
छात्रों के बीच अपनी अलग पहचान बनाने वाले फेमस ऑनलाइन कोचिंग टीचर अवध ओझा का जीवन काफी संधर्ष और परिश्रम भरा रहा है। उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में जन्में अवध ओझा की मां पेशे से वकील थी और उनके पिता सरकारी पोस्टमास्टर। उनकी प्रारंभिक शिक्षा गोंडा के फातिमा स्कूल में हुई थी। उच्च शिक्षा के लिए वह प्रयागराज चले गए।
पिता चाहते थे डॉक्टर बने बेटा
अवध ओझा के पिता एक सरकारी पोस्टमास्टर थे। वे चाहते थे कि उनका बेटा बड़ा होकर डॉक्टर बने, लेकिन अवध ओझा के सपने कुछ और थे। वे यूपीएससी परीक्षा पास करके देश की सेवा करना चाहते थे। उनकी राह आसान नहीं थी। अवध ने यूपीएससी की परीक्षा दी लेकिन वह असफल रहे। उनके असफल रहने से उनके माता-पिता काफी नाराज हो गए। माता-पिता की नाराजगी के बाद भी अवध ओझा की हिम्मत नहीं टूटी। उन्होंने यूपीएससी को अपना लक्ष्य बना लिया और मन लागार तैयारी करने लगे, लेकिन लगातार मेहनत और परिश्रम करने के बाद भी उन्हें यूपीएससी में सफलता नहीं मिली।
ऐसे शुरु हुई कोचिंग यात्रा
यूपीएससी में असफलता मिलने के बाद उन्होंने मन बना लिया कि वे कभी नौकरी नहीं करेंगे। इसके बाद उन्होंने अपना कोचिंग सेंटर शुरु करने की योजना बनाई। उनकी कोचिंग यात्रा तब शुरु हुई जब उन्हें एक कोचिंग में इतिहास पढ़ाने का मौका मिला। लेकिन उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि वह कैसे पढ़ाएंगे। इन बातों की परवाह किए बिना अवध ने पढ़ाना शुरु किया। धीरे-धीरे बच्चों को उनके पढ़ाने का तरीका पसंद आने लगा। साल 2005 में उन्होंने दिल्ली के मुखर्जी नगर में अपना कोचिंग सेंटर शुरु किया। बता दें कि उन्होंने कई कोचिंग सेंटरों में भी पढ़ाया है। जिनमें चाणक्य आईएएस अकादमी, वाजीराम और रवि आईएएस और अनएकेडमी सहित कई कोचिंग संस्थानों के नाम शामिल हैं। इसके अलावा उन्होंने साल 2019 में पुणे और महाराष्ट्र में IQRA IAS अकादमी की स्थापना की।
रात में बारटेंडर और दिन में टीचर
अवध ओझा की शुरुआती राह आसान नहीं थी। उनकी लाइफ में एक समय ऐसा भी आया जब उनके पास बिल्कुल पैसे नहीं थे। कोचिंग का किराया और घर का खर्च उठाने के लिए उन्होंने कई महीने बारटेंडर का काम किया। वे रात में बारटेंडर का काम करते और दिन में बच्चों को पढ़ाया करते थे।
कब मिली लोकप्रियता
अवध ओझा कोविड-19 महामारी के दौरान चर्चा में आए। कोविड के दौरान जब ऑफलाइन कक्षाएं बंद कर दी गईं थी, तब उन्होंने यूट्यूब पर ऐतिहासिक घटनाओं, भू-राजनीतिक रुझानों और समसामयिक मामलों पर वीडियो कंटेंट बनाया। जिससे वह छात्रों में खूब लोकप्रिय हो गए।
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